फर्रुखाबाद :(अमर साइमन) । फतेहगढ़ के ऐतिहासिक राजपूत रेजिमेंट सेंटर में मंगलवार को वह दृश्य देखने को मिला जिसे देखकर हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। 31 सप्ताह की कठिन ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद 565 अग्निवीर एवं रिक्रूट्स भारतीय सेना की शान — राजपूत रेजिमेंट में शामिल हो गए। समारोह का निरीक्षण ब्रिगेडियर माइकल डिसूजा , कमांडेंट, राजपूत रेजिमेंट सेंटर ने किया। परेड का नेतृत्व अग्निवीर (रिक्रूट) दुष्यंत प्रताप सिंह ने किया। जैसे-जैसे अग्निवीरों के कदम आगे बढ़ते गए, पूरा परिसर शौर्य, अनुशासन और गर्व की गूंज से भर उठा। अतिथि तक मंत्रमुग्ध रह गए।

परेड ग्राउंड में बैठे माता-पिता और परिवारजनों के चेहरे पर अपार खुशी झलक रही थी। अपने बेटों को सैनिक की वर्दी में कदमताल करते देख उनकी आंखें चमक उठीं, चेहरों पर गर्व की दमक साफ दिख रही थी. कई परिवारों के लिए यह पल जीवनभर याद रहने वाला बन गया। 31 हफ्तों की सख्त ट्रेनिंग के दौरान इन अग्निवीरों को कर्तव्यनिष्ठा, सम्मान, साहस और बलिदान के सर्वोच्च मूल्य सिखाए गए। राजपूत रेजिमेंटल सेंटर में कुल 427 अग्निवीर और 138 प्रादेशिक सेना रिक्रूट्स ने प्रशिक्षण पूरा किया। अब सभी को देशभर की विभिन्न बटालियनों में भेजा जाएगा।

समारोह का सबसे आकर्षक क्षण तब आया जब पैराग्लाइडर ने आसमान से अग्निवीरों पर फूल बरसाए। फूलों की बारिश से मैदान देशभक्ति के जज़्बे से भर उठा और माहौल में रोमांच चरम पर पहुंच गया। अग्निवीर बैच-6 से अग्निवीर (रिक्रूट) यश चौहान को ओवरऑल बेस्ट इन मेरिट के लिए बेस्ट अग्निवीर पदक से सम्मानित किया गया। कमांडेंट ने सभी नए अग्निवीरों को बधाई देते हुए कहा—राजपूत परिवार का हिस्सा बनना सम्मान की बात है। अब वह समय आ गया है जब आपने जो सीखा है, उसे राष्ट्र सेवा में उतारना है। बदलते युद्ध कौशल और सुरक्षा के तरीकों के अनुसार नई तकनीक सीखते रहना बेहद आवश्यक है।































