
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया
एडिटर के के शुक्ल बाराबंकी।आध्यात्मिक ऊर्जा तथा संस्कारों के पुनर्जागरण का विशाल पर्व शक्ति संवर्धन 251 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 26 नवंबर 2025 से जेब्रा पार्क, पल्हरी चौराहा परिसर में प्रारंभ होगा। गायत्री शक्तिपीठ बाराबंकी द्वारा आयोजित इस दिव्य आयोजन के संबंध में समन्वयक ए.पी. शर्मा, सह-समन्वयक सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी उमाकांत बाजपेई एवं डॉ. संजय तिवारी ने प्रेस वार्ता में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 26 नवंबर की दोपहर एक बजे मूल कलश यात्रा गायत्री शक्तिपीठ बाराबंकी से भव्य शोभा के साथ निकलेगी, जो पटेल तिराहा, पुराना बस स्टैंड, लायन्स चौराहा, छाया चौराहा, पुराना निबलेट कॉलेज तिराहा, धनोखर मंदिर होते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंचेगी।
अपराह्न 1:30 बजे नागेश्वरनाथ मंदिर से दूसरी कलश यात्रा घण्टाघर मार्ग से निकलकर धनोखर मंदिर पर मूल यात्रा में सम्मिलित होगी।
इसी क्रम में शिव मंदिर सतोखर तालाब से दोपहर 2 बजे प्रारंभ होने वाली कलश यात्रा तथा गायत्री प्रज्ञापीठ आज़ाद नगर की यात्रा भी नाका सतरिख और घण्टाघर मार्ग पर मुख्य यात्रा में शामिल हो जाएगी। भक्तिरस और वैदिक उल्लास से परिपूर्ण यह संगम नगर में अनूठी धारा प्रवाहित करेगा।
शाम 5 बजे संगीत प्रवचन ‘आदि शक्ति गायत्री, युग शक्ति गायत्री’ से प्रथम दिवस का शुभारंभ होगा।
27 नवंबर को प्रातः ध्यान-साधना, प्रज्ञायोग, यज्ञ का विज्ञान, कार्यकर्ता गोष्ठी तथा ‘नारियों जागो’ विषय पर प्रवचन आयोजित होंगे।
28 नवंबर को ध्यान-साधना, संस्कार परंपरा, 5000 वेदीय दीप महायज्ञ तथा नशा निवारण विषयक प्रेरक कार्यक्रम संपन्न होंगे।
इस दिन कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने के लिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पांड्या भी विशेष रूप से उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे।
29 नवंबर को पूर्णाहुति, विभिन्न संकल्पों, युग साहित्य प्रचार एवं नशा निवारण संकल्प के साथ यह आध्यात्मिक पर्व चरम पर पहुंचेगा।
बाराबंकी इन चार दिवसीय कार्यक्रमों के माध्यम से अध्यात्म, संस्कार और समाज जागरण की दिव्य ऊर्जा से आलोकित होने को तैयार है। देर शाम जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कार्यक्रम स्थल पहुंचकर कार्यक्रमों की जानकारियां प्राप्त किया।































