Naradsamvad

[post-views]

श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन कृष्ण भगवान की कथा सुनकर श्रोता हुए भावविभोर

रामसनेहीघाट बाराबंकी। ग्राम पंचायत काशीपुर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का रविवार को विधिवत पूजा अर्चना के साथ समापन हुआ। अयोध्या धाम से पधारे व्यास सत्यम जी महाराज ने कथा के अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण के पुत्रों की लीला, द्वारिका नगरी के जलमग्न होने की घटना और स्वयं श्रीकृष्ण जी के विग्रह लीला का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया।
महाराज ने बताया कि जब द्वारिका में अधर्म और कलह बढ़ने लगी तो प्रभु ने स्वयं अपनी लीला को समाप्त करने का निश्चय किया। समुद्र ने धीरे-धीरे द्वारिका नगरी को अपने में समा लिया। इसी बीच श्रीकृष्ण वन में ध्यानमग्न बैठे थे, तभी एक शिकारी ने उनके पैर के अंगूठे को हिरण का मुख समझकर तीर चला दिया। तीर लगने के साथ ही प्रभु ने अपने अवतार लीला का समापन किया।यह प्रसंग सुनते ही श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और पूरा पंडाल “हरे कृष्ण हरे राम” के जयघोष से गूंज उठा। कथा के उपरांत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन संपन्न हुआ। इसके बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर दिव्य आनंद की अनुभूति की।

अन्य खबरे

गोल्ड एंड सिल्वर

Our Visitors

222669
Total Visitors
error: Content is protected !!