रिपोर्ट रोचक अग्निहोत्री (शाहजहांपुर )
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों को समायोजित करने के आदेश का विरोध शुरू कर दिया है। गुरुवार को शिक्षक संघ के शिष्टमंडल ने जलालाबाद विधायक हरिप्रकाश वर्मा और ददरौल विधायक अरविंद सिंह को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा।
जिलाध्यक्ष ऋषिकांत पांडेय के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि सरकार का यह निर्णय शिक्षा के अधिकार अधिनियम के विपरीत है। विद्यालयों का आपसी समायोजन करने से दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और वंचित तबके के बच्चों की शिक्षा बाधित होगी। खासकर छोटे बच्चों को दूसरे गांवों में स्कूल भेजना व्यावहारिक रूप से मुश्किल होगा, जिससे वे शिक्षा से वंचित रह सकते हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि सरकार द्वारा जिन विद्यालयों को मर्ज करने की योजना बनाई गई है, उनमें कई स्कूल ऐसे हैं जो दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा की एकमात्र व्यवस्था हैं। इन्हें बंद करने या समायोजित करने से न सिर्फ छात्रों की संख्या घटेगी, बल्कि शिक्षकों के पदों पर भी संकट आएगा।
ज्ञापन सौंपने वालों में डॉ. रत्नाकर दीक्षित, सुनील मौर्या, सचिन मिश्रा, भुवनेश गुप्ता और धीरज रस्तोगी सहित कई शिक्षक शामिल थे। शिक्षक संघ ने मांग की है कि सरकार इस आदेश को तत्काल वापस ले, अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।