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UAE Shahzadi Khan Case; Father Shabbir Khan | Abu Dhabi Child Murder | शहजादी की आंखों पर पट्टी बांधी, दिल पर मारी गोली: पिता बोले- न्यूड वीडियो बनाकर बेटी से जबरदस्ती जुर्म कबूलवाया, CBI जांच हो


तारीख: 15 फरवरी 2025 जगह: अबु धाबी की अल बाथवा जेल शनिवार को सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर 31 साल की शहजादी को जेल के बैरक से बाहर निकाला गया। उसकी आंखों पर पट्टी बांधी गई। फिर शहजादी को एक खाली जगह पर ले जाया गया, जहां उसे सजा दी जानी थी। उसे एक खास किस्म

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शहजादी के सीने पर बाईं तरफ दिल के ऊपर कपड़े का एक टुकड़ा लगाया गया, ताकि गोली मारने वाले के लिए निशाना लगाना आसान हो। फिर उसके सीने पर गोली मारकर सजा-ए-मौत दे दी गई। UAE से शहजादी के पक्षकारों ने ये जानकारी UP के बांदा में रहने वाले उसके पिता शब्बीर खान को दी।

शहजादी को UAE की अदालत ने 31 जुलाई 2023 को उस बच्चे की हत्या का दोषी ठहराया था जिसकी वो देखभाल करती थी। हालांकि, शहजादी के पिता हत्या की बात से इनकार करते हैं। वे आरोप लगाते हैं कि बच्चे के पेरेंट्स ने न्यूड वीडियो बनाकर बेटी को जुर्म कबूलने के लिए मजबूर किया।

4 साल पहले टूरिस्ट वीजा पर दुबई गई शहजादी को ये पता नहीं था कि वो अब कभी भी अपने वालिद शब्बीर खान और अम्मी नजरा बेगम से नहीं मिल पाएगी। मौत से 5 घंटे पहले उसे अपने घरवालों से आखिरी बार बात करने दी गई। उस दौरान वो रोते हुए सिर्फ इतना कह पाई- अब्बू, मेरा टाइम खत्म हो गया है। ये मेरी आखिरी कॉल है। अब पता नहीं बात कर पाऊंगी या नहीं।

ये शहजादी की अपनी दोनों बहनों के साथ ली गई आखिरी तस्वीर है। सफेद कपड़ों में शहजादी है- जो बता रही है कि बुरा मत देखो। फोटो 2018 रमजान के वक्त की है।

ये शहजादी की अपनी दोनों बहनों के साथ ली गई आखिरी तस्वीर है। सफेद कपड़ों में शहजादी है- जो बता रही है कि बुरा मत देखो। फोटो 2018 रमजान के वक्त की है।

जिसकी हत्या का इल्जाम लगा, शहजादी ने उस बच्चे को मां से ज्यादा प्यार दिया शहजादी को UAE में सजा मिलने के 20 दिन बाद 6 मार्च को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। बांदा से 10 किलोमीटर दूर गोयरा मुगली गांव में रहने वाले शहजादी के परिवार को उसके जनाजे की तस्वीरें भेजी गईं। उसकी कब्र पर नंबर-A7S1 954 लिखा हुआ था। परिवार उसकी मौत की खबर से टूट गया है। पिता शब्बीर कहते हैं, ‘रमजान शुरू होने से पहले ही हमें इतना बड़ा दुख मिल गया। बेटी को आखिरी बार देख नहीं पाए। इसका गम मरते दम तक रहेगा।’

शब्बीर खान खेती करते हैं। उनके 7 बच्चों में शहजादी सबसे छोटी थी। उसे याद करते हुए शब्बीर कहते हैं, ‘वो छोटी होने के नाते घर में सबकी चहेती थी। बचपन में वो बहुत शैतान थी। एक रोज किचन में पतीले में पानी उबल रहा था, तभी उसकी शरारत से पतीला उसके ऊपर गिर गया। इस हादसे में उसका चेहरा झुलस गया था।‘

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चेहरा जलने की वजह से स्कूल में बच्चे उसका मजाक बनाते थे, इसलिए वो ज्यादा पढ़ नहीं सकी। सिर्फ हाईस्कूल तक पढ़ाई की। वो बांदा की एक सामाजिक संस्था ‘रोटी बैंक’ में काम करने लगी।

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‘हालांकि, वो अपने झुलसे चेहरे को लेकर काफी परेशान रहती थी। 2021 में फेसबुक के जरिए उसका आगरा में रहने वाले उजैर नाम के लड़के से संपर्क हुआ। उजैर ने झूठ बोलकर चेहरा ठीक करवाने के बहाने उसे आगरा बुला लिया। फिर इलाज करवाने के नाम पर ही दिसंबर, 2021 में उसे दुबई में अपने रिश्तेदार फैज और नादिया के घर छोड़ आया।’

’शहजादी अबु धाबी में फैज के घर पर खुशी से रह रही थी। वहां रहते हुए उसे 2 महीने बीत गए थे। फरवरी 2022 में नादिया को दूसरा बेटा हुआ। नादिया UAE में एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है, वो बच्चे पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती थी। इसलिए बच्चे की देखरेख शहजादी ही करती थी।’

शब्बीर के मुताबिक, दिसंबर 2022 के दरमियान बच्चे की तबीयत अचानक बहुत खराब हो गई। शहजादी ने नादिया को फोन करके घर बुलाया। नादिया और फैज एक साथ ही घर पहुंचे।उन्होंने बच्चे को उठाया, लेकिन उसके बदन में कोई हरकत नहीं थी। फिर दोनों बच्चे को लेकर अस्पताल भागे। वहां बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया, इसी बीच उसकी मौत हो गई।

शब्बीर कहते हैं कि बच्चा शहजादी को इतना चाहता था कि उसी की गोदी में सोता था।

शब्बीर कहते हैं कि बच्चा शहजादी को इतना चाहता था कि उसी की गोदी में सोता था।

पोस्टमॉर्टम न करवाकर शहजादी पर कत्ल का इल्जाम लगाया शब्बीर के मुताबिक, शहजादी जब जेल में थी, तो वो हर दूसरे दिन परिवार से जेल के फोन पर बात करती थी। उसने बताया था कि कैसे उसे बच्चे की हत्या का झूठा इल्जाम लगाकर फंसाया गया।

शब्बीर ने बताया, ‘बच्चे की मौत के बाद नादिया और फैज अस्पताल में हंगामा करने लगे। डॉक्टरों ने उनसे कहा कि अगर आपको लग रहा है कि इलाज के दौरान बच्चे की मौत हुई है, तो पोस्टमॉर्टम करवा लीजिए। नादिया ने इससे इनकार कर दिया।‘

‘नादिया बच्चे का पोस्टमॉर्टम न करवाकर उसे घर ले आई। फिर उसे पता नहीं क्या सूझा कि उसने शहजादी पर बच्चे को मारने का इल्जाम लगा दिया। दोनों मेरी बच्ची को मारने-पीटने लगे। उसे जबरदस्ती जुर्म कबूल करने के लिए धमकाने लगे, लेकिन शहजादी नहीं मानी।‘

ये तस्वीर नादिया और फैज की है। शहजादी UAE में इनके बच्चे की देखभाल करती थी। उसी बच्चे की हत्या के जुर्म में उसे मौत की सजा दी गई।

ये तस्वीर नादिया और फैज की है। शहजादी UAE में इनके बच्चे की देखभाल करती थी। उसी बच्चे की हत्या के जुर्म में उसे मौत की सजा दी गई।

शहजादी के कपड़े फाड़े गए, न्यूड वीडियो वायरल करने की धमकी दी शब्बीर आरोप लगाते हुए कहते हैं, ‘बच्चे की मौत के 11 दिन बाद आगरा से नादिया का देवर नाबिल अबु धाबी आया। वो शहजादी को खूब पीटता था। उसके कपड़े फाड़कर वीडियो वायरल करने की धमकी देता था। अपनी और परिवार की इज्जत बचाने के लिए शहजादी ने हत्या का जुर्म कबूला।‘

‘नादिया ने उससे एक पेपर पर साइन करवाया, जिस पर अंग्रेजी और अरबी में लिखा था कि इस बच्चे की मौत की जिम्मेदारी मैं लेती हूं।‘ शहजादी ने ये सारी बातें पिता शब्बीर को जेल में सजा काटने के दौरान बताई थीं।

शब्बीर आगे कहते हैं, ‘वो लोग मेरी बेटी को झूठे इल्जाम में फंसाकर पुलिस थाने ले गए। 10 फरवरी 2023 को उसे अरेस्ट कर लिया गया। शहजादी पर पुलिस केस हुआ। उसकी गोद में रबड़ की गुड़िया देकर नाक और गला दबाने को कहा गया। ऐसा करते हुए उसका वीडियो बनाया गया, फिर यही वीडियो कोर्ट में दिखाया गया। 31 जुलाई 2023 को कोर्ट ने मेरी बच्ची को मौत की सजा सुना दी।‘

शहजादी को मौत की सजा सुनाए जाने पर उसके परिवार को गहरा सदमा लगा। मौत की सजा कम करने के लिए शहजादी के घरवालों ने भारत सरकार से गुहार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट में वकील के जरिए याचिका दायर की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। 28 फरवरी 2024 को UAE की सर्वोच्च अदालत ने शहजादी की मौत की सजा को बरकरार रखा।

शहजादी के पिता शब्बीर खान ने उजैर पर बेटी को UAE में बेचने का आरोप लगाया था।

शहजादी के पिता शब्बीर खान ने उजैर पर बेटी को UAE में बेचने का आरोप लगाया था।

परिवार ने दया याचिकाएं लगाईं, लेकिन UAE से कोई जवाब नहीं मिला शहजादी को सजा-ए-मौत से बचाने के लिए उसके परिवारवालों ने UAE में भारतीय दूतावास के जरिए दया याचिका दायर करवाई। इस पर भारतीय दूतावास से जवाब मिला कि शहजादी से मिलने के लिए हमारे अधिकारी 29 अप्रैल 2024, 5 जून 2024 और 4 अक्टूबर 2024 को जेल गए। 2 सितंबर 2024 को भारतीय दूतावास ने UAE के विदेश मंत्रालय को शहजादी की माफी के लिए मर्सी पिटीशन भी दाखिल की, लेकिन सरकार का कोई जवाब नहीं आया।

भारत सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल शहजादी की याचिका के जवाब में बताया कि UAE सरकार 6 नवंबर 2024 को नेशनल डे मनाती है। इस दिन माफी पाने वालों की लिस्ट में शहजादी का नाम शामिल करने की गुजारिश की गई थी। हालांकि, उसकी सजा नहीं बदली।

मौत से 5 घंटे पहले शहजादी ने परिवार को आखिरी कॉल किया 14 फरवरी 2025, अबु धाबी की अल बाथवा जेल से रात 12 बजे शब्बीर के पास फोन आया। दूसरी तरफ शहजादी थी। उसने रोते हुए कहा- अब्बू, मेरा समय खत्म हो गया है। अब हम फोन भी कर पाएंगे या नहीं, कुछ नहीं पता। ये शायद आखिरी कॉल है। इंडिया में जो केस आप लोगों ने किया है, वो वापस ले लीजिए। आप लोग अच्छे से रहना। किसी से दुश्मनी मत मोल लेना। जो FIR है, वो कैंसिल करवा देना।

इस फोन कॉल के साढ़े पांच घंटे बाद शहजादी को मौत की सजा दे दी गई थी। हालांकि, 2 हफ्ते तक उसके परिवार को ये जानकारी नहीं दी गई। 26 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में शब्बीर ने याचिका दाखिल कर शिकायत की कि उन्हें शहजादी की सजा को लेकर अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। पता नहीं चल पा रहा है कि उनकी बेटी जिंदा है या नहीं।

इसके बाद 28 फरवरी को शब्बीर के पास फिर अबु धाबी से एक कॉल आई। दूसरी तरफ से एंबेसी के अधिकारी ने बताया कि शहजादी को 15 फरवरी की सुबह मौत की सजा दी जा चुकी है।

बेटी को आखिरी बार देखने की ख्वाहिश अधूरी रह गई शहजादी की मां नजरा बेगम कहती हैं, ‘जब पता चला कि बेटी अब इस दुनिया में नहीं है, तो मानो पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। हम सब बस एक बार उसे देखना चाहते थे। शहजादी के अब्बू ने बहुत कोशिश की कि बेटी की डेडबॉडी भारत लाई जा सके, लेकिन सरकार से कोई मदद नहीं मिली।‘

3 मार्च को शहजादी के परिवार को बताया गया कि 5 मार्च तक उसकी डेडबॉडी मॉर्च्युरी में रहेगी। तब तक अगर परिवार का कोई सदस्य नहीं आता है, तो उसे दफना दिया जाएगा। परिवार बेहद गरीब है, लिहाजा उनके सामने आर्थिक मजबूरियां भी थीं।

शहजादी के पिता शब्बीर खान और मां नजरा बेगम इतने कम वक्त में अबु धाबी जाने का इंतजाम नहीं कर सके। ऐसे में 5 मार्च की मियाद पूरी होने के बाद 6 मार्च की दोपहर 12:30 बजे शहजादी को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

शहजादी की मौत के 13 दिन बाद 2 भारतीयों को सजा-ए-मौत 15 फरवरी को शहजादी को मौत की सजा दी गई। इसके 13 दिन बाद 28 फरवरी को केरल के मोहम्मद रिनाश और मुरलीधरन को सजा-ए-मौत दी गई। रिनाश पर अबु धाबी के एक शख्स की हत्या और मुरलीधरन पर एक भारतीय नागरिक के कत्ल का आरोप था। 6 मार्च को शहजादी की कब्र के बगल में ही रिनाश को दफनाया गया। मुरलीधरन की बॉडी का अभी अंतिम संस्कार किया जाना बाकी है।

पिता बोले- बेटी की लड़ाई लड़ेंगे, CBI जांच हो शब्बीर खान बेटी शहजादी के मामले में सरकार की धीमी कार्रवाई और यूपी पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हैं। वो कहते हैं, ‘जब से बेटी को सजा सुनाई गई, तब से हम लगातार दिल्ली हाईकोर्ट और भारत सरकार को चिट्ठी लिखते रहे। फिर भी शहजादी को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।‘

‘सबसे ज्यादा दुख इस बात का है कि हमारी बेटी के आरोपी उजैर को बांदा पुलिस ने क्लीन चिट दे दी। ये कहां का न्याय है। सरकार ने हमारी बेटी के जीते-जी कोई मदद नहीं की। कम से कम अब उसे हमारी बात सुननी चाहिए। हम मामले की CBI जांच कराने की मांग करते हैं। साथ ही हमारी बेटी का जो सामान अबु धाबी में है, वो हमें लौटा दिया जाए।‘

बांदा पुलिस क्या कह रही… शहजादी 2 साल के वीजा पर अपनी मर्जी से UAE गई थी, इसलिए केस कमजोर शहजादी का परिवार उजैर को मिली क्लीन चिट पर सवाल उठा रहा है। वही उनकी लड़की को प्लास्टिक सर्जरी करवाने के बहाने UAE लेकर गया था और वहीं उसे बेच दिया? वो पहले से ही हिस्ट्रीशीटर रहा है। फिर उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

इस पर बांदा के मटौंध थाना प्रभारी और शहजादी केस में इंवेस्टिगेशन ऑफिसर संदीप कुमार कहते हैं, ‘इस मामले में शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन शहजादी अपनी मर्जी से उजैर के साथ UAE गई थी। उसके पास 2 साल का वीजा भी था। वो वहां अपनी इच्छा से काम कर रही थी, उस पर किसी का दबाव नहीं था। इसलिए पीड़ित पक्ष का केस कमजोर साबित हुआ।‘

‘पुलिस जांच में पाया गया कि शहजादी को UAE में काम के बदले सैलरी मिलती थी। जब उसे वहां पैसे मिल रहे थे, तब परिवार ने शिकायत नहीं की। उन्होंने सजा मिलने के बाद उजैर के खिलाफ केस दर्ज कराया। फिलहाल, सभी एंगल्स की जांच के बाद संबंधित मामले में कार्रवाई पूरी हो चुकी है।‘

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UAE में बांदा की रहने वाली शहजादी खान को 15 फरवरी को मौत की सजा दे दी गई। शहजादी के पिता शब्बीर खान कहते हैं, ‘मेरी बेटी की मौत को 22 दिन हो गए। आज भी उसके आखिरी शब्द मेरे कानों में गूंजते हैं। उसकी बातें मुझे बहुत तकलीफ देती हैं। उसे मालूम था कि तीन घंटे बाद मरना है, फिर भी वो हमें समझा रही थी। ये बात मुझे रोज परेशान करती है। पढ़िए पूरी खबर…



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