महराजगंजकुछ ही क्षण पहले
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एसएनसीयू में बेड कम होने से परेशानी हो रही है।
महराजगंज जिला अस्पताल की विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। 32 बेड की क्षमता वाले वार्ड में वर्तमान में 38 नवजात शिशु भर्ती हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
शासन-प्रशासन द्वारा गर्भवती महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, फिर भी अधिकांश बच्चे कमजोर और बीमार पैदा हो रहे हैं। एसएनसीयू में सांस की दिक्कत, जॉन्डिस, दूध न पीने की समस्या, कम वजन और समय से पूर्व जन्मे शिशुओं का उपचार किया जाता है।
क्षमता से अधिक मरीजों के भर्ती होने से न केवल स्वास्थ्य कर्मियों को परेशानी होती है, बल्कि बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। जिला अस्पताल के डॉ. एपी भार्गव के अनुसार, अधिकतर मरीज आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं, जिन्हें मानवीय आधार पर भर्ती करना पड़ता है।
तीन दिवसीय निशुल्क शिविर राहत की बात यह है कि नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र में तीन दिवसीय विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 6 से 8 फरवरी तक चलने वाले इस शिविर में केजीएमयू, एसजीपीजीआई और लोहिया संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का निःशुल्क उपचार करेंगे।
नवजातों से लिए लाभदायक एसएनसीयू का वातानुकूलित वातावरण नवजातों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, और चिकित्सकों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, सरकार के जागरूकता अभियानों के बावजूद बीमार नवजातों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।