16 जनवरी की रात एक्टर सैफ अली खान पर उनके फ्लैट में हमला हुआ। सुबह पुलिस ने संदिग्ध आरोपी का CCTV फुटेज जारी किया। तीन दिन बाद 19 जनवरी को मुंबई पुलिस ने बताया कि सैफ पर हमला करने वाला मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
.
इसी दौरान सोशल मीडिया पर बातें होने लगीं कि CCTV फुटेज में दिखे शख्स और शरीफुल का चेहरा मैच नहीं करता।
पुलिस के दावों के बीच सवाल उठा कि क्या शरीफुल ही असली हमलावर है। इसका पता लगाने के लिए दैनिक भास्कर ने फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद ली। हमने जांच के लिए सैफ अली खान के घर की सीढ़ियों पर दिखे शख्स की CCTV फुटेज और पुलिस की ओर से जारी गिरफ्तार आरोपी शरीफुल की फोटो लीं।
एक्सपर्ट का दावा- दोनों फोटो एक शख्स की नहीं फोरेंसिक लैब ब्रिलियंट फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन प्राइवेट लिमिटेड से हमने दोनों फोटो की जांच कराई। फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. आदर्श मिश्रा ने सैफ पर हमले के आरोपी शरीफुल और उनके अपार्टमेंट में लगे CCTV कैमरे में दिखे संदिग्ध की फोटो का एनालिसिस किया।
फोटोग्राफ रिकग्निशन एनालिसिस करने पर दोनों फोटो में बहुत फर्क नजर आया। चेहरे के शेप से लेकर, आंख और होंठ की बनावट तक मेल नहीं खाती है। यानी दोनों फोटो एक शख्स की नहीं हैं। रिपोर्ट में शरीफुल को A1 और CCTV में दिखे शख्स को S1 कहा गया है।
रिपोर्ट के अहम पॉइंट…
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अरेस्ट आरोपी और CCTV फुटेज में दिखा शख्स एक नहीं हैं।
फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट पर बात करने के लिए हमने DCP दीक्षित गेदाम को कॉल और मैसेज किया, लेकिन उनकी तरफ से रिप्लाई नहीं आया है। जवाब आते ही स्टोरी में अपडेट किया जाएगा।
मुंबई पुलिस का दावा- क्राइम सीन से आरोपी के फिंगरप्रिंट मिले फोरेंसिक टीम ने 21 जनवरी को सैफ के घर से 19 फिंगरप्रिंट कलेक्ट किए। मुंबई पुलिस का दावा है कि क्राइम सीन के कई हिस्सों से आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम के फिंगरप्रिंट मिले हैं। इनमें बाथरूम की खिड़की शामिल है, जहां से वो अंदर आया और बाहर गया। डक्ट शॉफ्ट से भी फिंगरप्रिंट मिले हैं।
जिस सीढ़ी का इस्तेमाल कर वो बिल्डिंग में दाखिल हुआ और सैफ के घर के बाकी हिस्सों से भी आरोपी के फिंगरप्रिंट मिले हैं। पुलिस का कहना है कि ये फिंगरप्रिंट जांच में काफी मदद करेंगे। ये सबूत दिखाते हैं कि शरीफुल घटना के वक्त वहां मौजूद था। पुलिस को यकीन है कि इन सबूतों के जरिए कोर्ट में शरीफुल को दोषी साबित करना आसान होगा।
सैफ अली खान के अपार्टमेंट सतगुरु शरण में पुलिस 21 जनवरी को तड़के क्राइम सीन रीक्रिएट करने पहुंची।
इस केस से जुड़े सवाल और भी हैं। पहले बात CCTV फुटेज की…
तारीख: 16 जनवरी, वक्त: रात के 1:37 बजे एक शख्स मुंह पर कपड़ा बांधे और पीठ पर बैग लटकाए सीढ़ियों से ऊपर जाता दिख रहा है। पैर में कुछ पहना नहीं है। ये CCTV फुटेज सातवें से आठवें फ्लोर पर जाने वाली सीढ़ियों की है।
तारीख: 16 जनवरी, वक्त: रात के 2:33 बजे दूसरा CCTV फुटेज 56 मिनट बाद का है। रात 2 बजकर 33 मिनट पर वही शख्स सीढ़ियों से नीचे उतरता दिखा। कपड़े और पीठ पर बैग सब पहले जैसा ही था, लेकिन इस बार उसका चेहरा खुला था। लंबे बाल और पैरों में जूते थे। वो बाएं हाथ से रेलिंग पकड़े नीचे उतरता दिखा।
ये दोनों फुटेज फोरेंसिक जांच के लिए बहुत अहम हैं। इन्हें दिखाकर हमने फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. बी.एन. मिश्रा से बात की। वो कहते हैं कि पुलिस ने जिस आरोपी को अरेस्ट किया है, वो असली है या नहीं, इसका पता आसानी से लग सकता है।
हमलावर के खिलाफ बड़े सबूत पहला: सीढ़ी की रेलिंग से मिला फिंगरप्रिंट जांच में अहम होगा फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. बीएन मिश्रा मानते हैं कि CCTV फुटेज केस में सबसे अहम सबूत है। आरोपी घटना के बाद सीढ़ियों से नीचे गया। उस दौरान वो सीढ़ी की रेलिंग पकड़कर उतरता दिख रहा है। रेलिंग पर दो तरह के फिंगरप्रिंट होंगे। एक विजिबिल, जो कलरफुल दिख सकता है, जैसे सैफ पर चाकू से हमले के दौरान उसके हाथ में खून के छींटे जरूर आए होंगे।
सीढ़ी की रेलिंग से आसानी से उसका विजिबिल फिंगरप्रिंट मिल सकता है। पकड़े गए आरोपी से इसे मैच कराकर आसानी से साबित किया जा सकता है कि वो क्राइम सीन पर था या नहीं।
यह तस्वीर लीलावती अस्पताल से जारी बताई गई है। यहां के डॉक्टरों ने सैफ की रीढ़ की हड्डी के पास फंसा चाकू का यह टुकड़ा निकाला।
दूसरा: आरोपी डक्ट एरिया से घुसा, तो वहां भी 2 तरह के फिंगरप्रिंट होंगे फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. आदर्श मिश्रा कहते हैं, ‘हमने CCTV में देखा है कि आरोपी सीढ़ियों से 7वीं-8वीं मंजिल तक पहुंचा। आरोपी ने पूछताछ में भी बताया है कि सीढ़ियों के बाद वो डक्ट एरिया से पाइप के सहारे 12वीं मंजिल तक पहुंचा। ऐसे में पाइप पर सबसे साफ और क्लियर फिंगरप्रिंट मिलने चाहिए। पाइप से फुटप्रिंट भी मिलने चाहिए।
आदर्श आगे कहते हैं कि पाइप पर विजिबल और लेटेंट (छिपे हुए) दोनों तरह के फिंगरप्रिंट मिल सकते हैं। लेटेंट प्रिंट आमतौर पर दिखाई नहीं देते। जैसे- हमारे हाथ में पानी लग जाए या पसीना रहे, जिसे हम हाथ से टच करते हैं तो उसका उसका प्रिंट उस चीज पर आ जाता है। वहां कोई केमिकल या पाउडर डालकर फिंगरप्रिंट का सैंपल लिया जाता है।
तीसरा: चाकू-कपड़ों पर खून के निशान, आरोपी के जूते भी अहम सबूत डॉ. बीएन मिश्रा कहते हैं, ‘आरोपी ने सैफ पर चाकू से हमला किया। उनकी बॉडी पर जिस तरह के चोट के निशान बताए जा रहे हैं, उस हालात में आरोपी के कपड़ों और बॉडी पर सैफ के खून के निशान जरूर गए होंगे। अगर उन कपड़े पर ब्लड स्पॉट और चाकू पर फिंगरप्रिंट मिल जाते हैं, तो फोरेंसिक जांच से असली आरोपी की पहचान करना बहुत आसान है।’
आरोपी सीढ़ियां चढ़ते वक्त नंगे पैर था। वहीं सीढ़ियों से लौटते वक्त उसने जूते पहने थे। इसके दो ही मतलब हैं। या तो आरोपी बैग में जूते रखकर ले गया हो और लौटते वक्त पहने हों। अगर ऐसा है, तो ये कोई अहम सबूत नहीं। अगर आरोपी ने ये जूते सैफ या किसी दूसरे फ्लैट से चुराए हों, तब अहम सबूत बन जाते हैं।
सैफ अली खान 21 जनवरी की शाम 4 बजकर 30 मिनट पर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। अस्पताल से वो अपने घर फॉर्च्यून हाइट्स पहुंचे।
फोरेंसिक जांच बड़ा सबूत, लेकिन सैफ का शिनाख्त करना अहम इस मामले को लेकर हमने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विनीत जिंदल से बात की। वो कहते हैं, ‘पुलिस ने आरोपी को CCTV और मोबाइल सर्विलांस के जरिए पकड़ने का दावा किया है। घटना का कोई CCTV रिकॉर्ड नहीं है। घर में घुसने के भी पुख्ता सबूत नहीं है। ऐसे में साइंटिफिक एविडेंस और चश्मदीद के बयान बेहद अहम हो जाते हैं। इनमें सबसे जरूरी है, घटना में घायल हुए सैफ अली खान की गवाही।‘
‘शिनाख्त के वक्त 8-10 मिलते-जुलते आरोपियों को साथ खड़ा किया जाता है। फिर थोड़ी दूरी से पर्दे के बीच लगे शीशे से शिनाख्त कराई जाती है। अगर उस दौरान आरोपी की हमलावर के तौर पर पहचान कर ली जाती है, तो केस मजबूत हो जाएगा।’
एक बाइक, AI टेक्नीक और UPI पेमेंट से मिला सुराग मुंबई पुलिस का दावा है कि बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद ही सैफ अली खान पर हमले का आरोपी है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर अब तक दो थ्योरी सामने आई हैं। पहली थ्योरी में 9 जनवरी के CCTV और AI टेक्नीक के जरिए आरोपी के सुराग मिलने का जिक्र है।
पुलिस को 9 जनवरी का CCTV फुटेज मिला था। ये CCTV अंधेरी का है। दोपहर करीब 12 बजे आरोपी एक बाइक पर दिखा था। पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फेस रिकग्निशन टेक्नीक से उसकी पहचान की। जिस बाइक पर वो बैठा था, उसके नंबर की जानकारी जुटाई।
पता चला कि बाइक वाला ठाणे में रहता है। उसे ट्रेस कर पुलिस ने आरोपी शरीफुल के नंबर की जानकारी जुटाई। पुलिस को पता चल चुका था कि शरीफुल ठाणे के पास लेबर कैंप में रहता है। 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने फोटो के आधार पर उसकी तलाश शुरू की। तब उसका सुराग मिला।
दूसरी थ्योरी UPI पेमेंट वाली है। 16 जनवरी को हुई घटना के बाद आरोपी बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास एक CCTV में नजर आया। फिर उसकी दादर स्टेशन के बाहर एक दुकान पर लोकेशन मिली। वहां से उसने फोन कवर खरीदा और कैश में पेमेंट किया। इसलिए पुलिस उसे ट्रेस नहीं कर पाई।
इसके बाद आरोपी को वर्ली में सेंचुरी मिल के आसपास एक स्टॉल पर देखा गया। पुलिस ने स्टॉल चलाने वाले नवीन एक्का के बारे में जानकारी जुटाई। पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने पराठे और पानी की बोतल के लिए UPI पेमेंट किया था। पुलिस को इसी पेमेंट से आरोपी का फोन नंबर मिला। फिर उसकी लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस ने ठाणे में लेबर कैंप से उसे पकड़ लिया।
इन सवालों के जवाब बाकी… 1. क्या सैफ का घर आरोपी पहले से जानता था या सिर्फ अमीर ही निशाने पर क्या आरोपी जानता था कि ये एक्टर सैफ अली खान का घर है। शरीफुल ने पूछताछ में बताया है कि उसे नहीं पता था कि जिस घर में वो घुसा है, वो सैफ अली खान का है। उसे सुबह न्यूज देखकर पता चला। पुलिस ने भी माना है कि आरोपी पहली बार उस फ्लैट में घुसा था।
शरीफुल ने ये भी बताया कि वो जल्द से जल्द लाखों रुपए कमाना चाहता था। इसीलिए उसने मुंबई के बांद्रा में रहने वाले अमीर परिवार चुने। सदगुरु शरण अपार्टमेंट को टारगेट करने की भी यही वजह है।
आरोपी ने भी बताया कि उसने इमारत के कई फ्लैट के डक्ट चेक किए थे, लेकिन सभी सील थे। बाकी फ्लैट्स के दरवाजे भी बंद थे, इसलिए वो दूसरों के घरों में नहीं घुस सका। बिल्डिंग में सिर्फ सैफ के फ्लैट का ही बैकडोर खुला था। इसीलिए उसने इसे टारगेट किया।
2. क्या गिरफ्तार आरोपी ने ही सैफ पर चाकू से हमला किया मुंबई पुलिस ने सर्विलांस और CCTV फुटेज के आधार पर आरोपी शहजाद को गिरफ्तार किया है। हालांकि उसका हुलिया CCTV में दिख रहे आरोपी से काफी अलग है। दोनों की हेयर स्टाइल में भी फर्क है। मुंबई पुलिस से जब पूछा गया कि क्या इसी ने सैफ अली खान पर हमला किया था तो इस पर पुलिस ने जवाब दिया कि अभी इसकी जांच चल रही है।
असल में ये सवाल इसलिए भी है क्योंकि पुलिस ने शक के आधार पर अब तक दो से तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन उनका रोल नहीं मिला। अब भले शरीफुल की गिरफ्तारी हो गई हो, लेकिन फोरेंसिक जांच के आधार पर फिंगरप्रिंट का मिलान नहीं हुआ है। सैफ अली जब तक उसे पहचान नहीं लेते, तब तक ये कन्फर्म नहीं हो सकेगा।
3. क्या घटना के पीछे आरोपी अकेले शामिल था या फिर कोई गैंग है? शरीफुल की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस ने 19 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। DCP दीक्षित गेदाम ने बताया कि आरोपी की उम्र 30 साल है। वो बांग्लादेशी नागरिक है। उसके पास भारतीय होने का डॉक्यूमेंट नहीं मिला है।
ये पूछा गया कि क्या आरोपी सैफ के घर पर पहले भी जा चुका है। इस पर DCP ने कहा कि अब तक की जांच में ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है। DCP ने माना कि वो 5-6 महीने पहले ही मुंबई आया था और पहली बार उस घर में घुसा था। 5 दिनों की रिमांड में पुलिस इस बारे में पता लगा रही है। इसके साथ ही पूरी घटना में शरीफुल के अलावा कोई और भी था या नहीं। इसे लेकर भी स्थिति साफ हो जाएगी।
हमले की रात आखिर क्या हुआ… सैफ पर पीछे से 5 बार हमला, जिस रास्ते आया, वहीं से भागा आरोपी अब जानते हैं कि 16 जनवरी की रात आखिर क्या हुआ था। कैसे आरोपी अंदर दाखिल हुआ और कैसे भाग निकला। पुलिस ने जांच के आधार पर इस बारे में कुछ साफ नहीं किया है। घटना की रात की कड़ियां जोड़ने के लिए हमने सैफ की स्टाफ नर्स एलियामा फिलिप के बयान की पड़ताल की।
एलियामा ने पुलिस को दिए बयान में कहा था- ‘मैं पिछले 4 साल से सैफ अली खान और करीना कपूर के घर पर स्टाफ नर्स हूं। मैं उनके छोटे बेटे जहांगीर यानी जेह बाबा की देखभाल करती हूं। सैफ की फैमिली 12वीं मंजिल पर रहती है। बड़े बेटे तैमूर की देखभाल गीता नर्स करती हैं। मेरे साथ जूनु भी थी, वो आया का काम करती है।’
‘15 जनवरी की रात करीब 11 बजे हमने जेह बाबा को खाना खिलाया और फिर सुला दिया। इसके बाद मैं और जूनु दोनों जमीन पर ही बिस्तर लगाकर सो गए। देर रात करीब 2 बजे मेरी नींद खुली। मुझे कुछ आवाज सुनाई दी। देखा तो बाथरूम का दरवाजा खुला था और लाइट जल रही थी। मुझे लगा कि करीना मैम बेटे से मिलने आईं होंगी।‘
‘ये सोचकर मैं फिर लेट गई, लेकिन तभी मुझे कुछ गड़बड़ लगा। मुझे बाथरूम के पास एक शख्स दिखा। उसने टोपी पहन रखी थी। वो जेह बाबा के बिस्तर की ओर जाने लगा। ये देखते ही मैं तुरंत जेह बाबा के पास पहुंची। वह मुंह पर उंगली रखकर बोला- आवाज मत करना। तब तक जूनु भी उठ गई।‘
‘हमलावर ने हम दोनों को धमकी दी। उसके एक हाथ में हेक्सा ब्लेड और दूसरे हाथ में लकड़ी का कोई सामान था, जिससे उसने मेरे ऊपर हमला किया। उसे रोकने की कोशिश में मेरे दोनों हाथ की कलाई और बीच वाली उंगली पर चोट लग गई। हमने उससे पूछा कि क्या चाहिए, तो उसने कहा कि एक करोड़ रुपए। उसी वक्त जुनू शोर मचाते हुए कमरे से बाहर निकल गई।‘
‘उसकी चीख सुनकर सैफ सर और करीना मैम आ गईं। सैफ सर ने भी उससे पूछा कि तुम्हें क्या चाहिए। तभी उसने सैफ सर पर हमला कर दिया। तभी जुनू भी अंदर आ गई। वो भी उससे लड़ने लगी। इसी बीच सैफ सर ने खुद को उससे छुड़ा लिया। हम सभी लोग तेजी से कमरे से बाहर आ गए और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।‘
‘हम सब बहुत घबरा गए थे। हम सब ऊपर के कमरे में गए। वहां हमने सो रहे दूसरे स्टाफ को जगाया। फिर हम सब मिलकर नीचे आए। जब हमने दरवाजा खोला तो वो हमलावर वहां नहीं मिला।‘ फिलिप ने आगे बताया कि हमले में सैफ को गर्दन पर, दाहिने कंधे के पास, पीठ में बाईं ओर, बाएं हाथ की कलाई और कोहनी पर चोट लगी थी।
इस बयान से लग रहा है कि आरोपी ने सैफ पर पीछे से ताबड़तोड़ चाकू और हेक्सा ब्लेड से वार किया। चाकू के टूटे हुए टुकड़े की भी जांच की जा रही है। हालांकि, इस बारे में सैफ अली खान का कोई बयान नहीं आया है। 21 जनवरी को ही वे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर लौट गए हैं।
डिस्क्लेमर: हमने इस रिपोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से दोनों फोटो में अंतर पता लगाने के लिए प्राइवेट फोरेंसिक लैब से मदद ली है। यह रिपोर्ट पूरी तरह AI टेक्नीक पर आधारित है। इसलिए इसमें त्रुटि की भी संभावना होती है। हमारा मकसद जांच एजेंसी के किसी भी मामले में हस्तक्षेप करने का नहीं है। बस जो सवाल उठ रहे थे, रिपोर्ट के जरिए उनकी पड़ताल की गई है। ……………………………… सैफ अली खान से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
सैफ 5 दिन बाद लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज, कार से उतरकर खुद बिल्डिंग के अंदर गए
एक्टर सैफ अली खान को 5 दिन बाद मंगलवार को लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। 15 जनवरी की रात करीब ढाई बजे उन पर चाकू से हमला किया गया था। सैफ के गले और रीढ़ में गंभीर चोटें आई थीं। इसके बाद सैफ ऑटो से लीलावती अस्पताल पहुंचे थे, जहां उनकी सर्जरी हुई और इलाज चला। पढ़िए पूरी खबर…