मेरठ में कैंट बोर्ड की बैठक का आयोजन जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यालय सभागार में किया गया। इसमें विकास की योजनाओं पर चर्चा की गई। मनोनीत सदस्य का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया। सफाई अधीक्षक वीके त्यागी की दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई। इसके अलावा
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डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में हुई सीबीआई जांच में पत्रावलियों से छेड़छाड़ के दोषी पाए गए सफाई अधीक्षक वी के त्यागी को सज़ा के तौर पर उनकी दो वेतन वृद्धि रोकी गई। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का विवाद पूर्व में कैंट बोर्ड के प्रमुख विवादों में से एक रहा है, इसी प्रकरण में दोषी पाए गए अभिषेक गंगवार अभी एक अन्य केस में सस्पेंड चल रहे हैं। उनपर कार्रवाई वो सीईओ निर्णय करेंगे।
बैठक।
जिस डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन घोटाले में सीबीआई जांच में कैंट बोर्ड के दो कर्मचारी दोषी पाए गए, उसी कंपनी को क्लीन चिट देते हुए उक्त कंपनी को 18 लाख 57 हजार रुपए मासिक के आधार पर भुगतान किया जाएगा। जबकि विवाद ये है के तत्कालीन सीईओ प्रसाद चव्हाण के समय उक्त कंपनी जिसने टेंडर राशि 18 लाख 57 हजार रुपये मासिक भरी थी जो तत्कालीन सीईओ व बोर्ड सदस्यों को ज्यादा लग रही थी तो कंपनी 15 लाख 60 हजार रुपये मासिक के भुगतान पर कार्य करने को तैयार हो गई थी और ठेका प्रारंभ हो गया था।
जिसे बाद में सीईओ नावेंद्र नाथ द्वारा पुनः 18 लाख 57 हजार रुपये मासिक कर दिया गया था। बोर्ड बैठक में पहुंचे कैंट विधायक ने कहा कि पशु डेयरियों को अगर कैंट से बाहर करना हो तो उनके लिए पहले अलग से जगह आवंटित की जाए और जगह अगर शहर में हो तो वो आवंटित करवाने को तैयार हैं। विधायक ने कैंट बोर्ड के विद्यालयों ओर अस्पताल के विषय मे में भी केंद्र और राज्य सरकारों कीआरोग्यम जैसी योजनाओं को बताया।