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MC शिमला आयुक्त की अदालत के फैसले को चुनौती, जिला अदालत में 6 नवंबर को होगी सुनवाई  


Sanjauli Mosque Latest Update: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को मुस्लिम समुदाय ने चुनौती दी है. यह चुनौती जिला अदालत में दी गई है. इस मामले में सुनवाई 6 नवंबर को होनी है.

हिमाचल प्रदेश के मुस्लिम समुदाय की ओर से जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए आधार बनाया गया है कि संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर मोहम्मद लतीफ ने जो हलफनामा दाखिल किया वह उसके लिए अधिकृत ही नहीं हैं. इस भवन से कई लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं, इसलिए इस पूरे मामले में उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए. याचिका दायर करने वाले मुस्लिम समुदाय के प्रवक्ता नजाकत हाशमी ने बताया कि अब इस मामले में 6 नवंबर को सुनवाई होनी है.

संजौली मस्जिद से छत हटाने का काम पूरा

21 अक्टूबर को ही संजौली मस्जिद कमेटी की अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू हुआ था. संजौली मस्जिद कमेटी की ओर से छत के एक बड़े हिस्से को हटा दिया गया है. हालांकि बाद में धन की कमी का हवाला देते हुए इस काम को रोक दिया गया.

बीते 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने दो महीने में दूसरे, तीसरे और चौथे फ्लोर को हटाने के लिए कहा था. इससे पहले संजौली मस्जिद कमेटी की ओर से ही 11 सितंबर को नगर निगम आयुक्त को एक पत्र लिखा गया था.

इस पत्र में कहा गया था कि वह मस्जिद के उस हिस्से को हटाने के लिए तैयार है, जिसे अवैध बताया जा रहा है. इसके बाद नगर निगम के अध्यक्ष आयुक्त की अदालत ने 5 अक्टूबर को मस्जिद के दूसरे, तीसरे और चौथे फ्लोर को हटाने के लिए कहा था. इस पूरे काम का खर्चा भी संजौली मस्जिद कमेटी को खुद ही वहन करना है. मस्जिद के अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटाने के लिए वक्फ बोर्ड की ओर से कोई आर्थिक मदद नहीं दी जा रही है.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भी दिए हैं मामला निपटाने के आदेश

21 अक्टूबर को ही हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी स्थानीय लोगों की याचिका पर सुनवाई हुई थी. इस सुनवाई के दौरान भी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने नगर निगम आयुक्त को आठ हफ्ते में मामले का शिकायत का निपटारा करने के लिए कहा है. यह शिकायत साल 2010 में स्थानीय लोगों की ओर से नगर निगम शिमला को दी गई थी, जिसमें जमीन पर अवैध निर्माण की बात कही गई है.

न्यायाधीश संदीप शर्मा ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद सभी पक्षों की सहमति से इस याचिका का निपटारा करते हुए नगर निगम आयुक्त को आठ हफ्ते के अंदर मस्जिद से जुड़ी साल 2010 की शिकायत का निपटारा करने के आदेश दिए. इस शिकायत में खुद एम.सी. शिमला शिकायतकर्ता है.

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