नारद संवाद न्यूज़ एजेंसी से एडिटर के के शुक्ल /चंद्रोदय अवस्थी की खास रिपोर्ट
रामनगर, बाराबंकी। संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो चुका है। शुक्रवार को जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने तहसील रामनगर के विभिन्न संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की गहन समीक्षा की। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन, संयुक्त मजिस्ट्रेट तेजस , उप जिलाधिकारी रामनगर विवेक शील यादव, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड शशिकांत सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
हेतमापुर शरणालय निर्माण का निरीक्षण
निरीक्षण की शुरुआत हेतमापुर से हुई, जहां आपदा की स्थिति में प्रभावित ग्रामीणों के लिए शरणालय का निर्माण कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य की प्रगति, गुणवत्ता तथा आवश्यक सुविधाओं—जैसे पेयजल, शौचालय, विद्युत, प्राथमिक चिकित्सा, शयन व्यवस्था और महिला-बाल हितैषी व्यवस्थाओं—का जायज़ा लिया। अधिकारियों ने बताया कि शरणालय का हस्तांतरण शीघ्र ही समिति के माध्यम से किया जाएगा।
कटाव स्थलों का निरीक्षण व ग्रामीणों से संवाद
इसके बाद जिलाधिकारी ने हेतमापुर और बबुरी (सरसंडा) के कटाव प्रभावित स्थलों का दौरा किया। उन्होंने सरयू नदी के किनारे हो रहे कटाव का जायज़ा लिया और तत्काल समाधान हेतु अभियंताओं से रिपोर्ट तलब की। ग्रामीणों से बातचीत करते हुए उन्होंने बीते वर्षों में आई समस्याओं की जानकारी ली और भरोसा दिलाया कि इस बार बाढ़ से पहले सभी सुरक्षा और राहत उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने जियोबैग, बोल्डर बिछाव और ब्रेसिंग जैसे अतिरिक्त सुरक्षा कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
₹684.02 लाख की लागत से तटबंध निर्माण कार्यों का निरीक्षण
जिलाधिकारी ने चहलारीघाट-गणेशपुर तटबंध पर किमी 43.414 से 43.740 तक हो रहे रिवेटमेंट व कटाव-निरोधक कार्यों का भी निरीक्षण किया। इस परियोजना की कुल लागत ₹684.02 लाख है, जिससे लगभग 8250 की आबादी और 7622 हेक्टेयर कृषि भूमि को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी। निर्माण में स्टोन बोल्डर, जियोबैग, जियोफेब्रिक, बांस ब्रेसिंग जैसी आधुनिक संरचनात्मक तकनीकों का प्रयोग हो रहा है।
उन्होंने कार्यदायी संस्था और सिंचाई विभाग को निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु से पूर्व सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएं। ग्राम कुसौरा में भी उन्होंने ग्रामीणों से संवाद कर राहत व्यवस्था को लेकर उनके सुझाव सुने।
सभी विभागों को समन्वित प्रयासों के निर्देश
निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने सभी विभागों को बाढ़ राहत एवं बचाव की तैयारियां समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जाए, स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात रहें, तथा संक्रामक रोगों की रोकथाम की पूर्व योजना तैयार की जाए।
पशुपालन, पंचायत, ग्राम्य विकास, आपदा प्रबंधन जैसे विभागों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से ग्रामों का भ्रमण करें, स्थानीय लोगों से संवाद बनाएं और जमीनी स्तर की समस्याओं के अनुसार योजनाएं बनाएं।