Naradsamvad

[post-views]

Jammu Kashmir Flood; Vaishno Devi Landslide | Monsoon Rainfall | क्या श्राइन बोर्ड की चूक से मारे गए 35 यात्री: लोग बोले- अलर्ट के बाद भी वैष्णो देवी यात्रा नहीं रोकी, हमारे पास सबूत

[ad_1]

‘मौसम विभाग की क्लियर एडवाइजरी थी कि तेज बारिश होगी। इसके बाद भी श्राइन बोर्ड ने वैष्णो देवी यात्रा नहीं रोकी। अगर बोर्ड एडवाइजरी मान लेता, तो इतने लोग नहीं मरते। यहां स्कूल, कॉलेज, इंस्टीट्यूट सब बंद हैं, तो यात्रा क्यों नहीं रोकी गई। हमारे पास ऑन र

.

ये दावा करने वाले बलदेव ठाकुर कटरा की पुष्पांजलि पंचायत में रहते हैं। उनका घर वैष्णो देवी जाने वाले ट्रैक के करीब है। 26 अगस्त को घर के पास अर्धकुंवारी में बादल फटने से लैंडस्लाइड हुई। 35 लोग मारे गए। बलदेव इसके लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को जिम्मेदार मानते है। श्राइन बोर्ड वैष्णो देवी मंदिर का मैनेजमेंट देखने के साथ, पूरे साल चलने वाली यात्रा के लिए नियम तय करता है।

भारी बारिश का अलर्ट, फिर भी नहीं रोकी यात्रा मौसम विभाग ने 25 और 26 अगस्त के लिए जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश, बादल फटने और लैंडस्लाइड का अलर्ट जारी किया था। अगले 7 दिन भी भारी बारिश की चेतावनी दी थी। लोगों को सलाह दी गई कि वे तेज बारिश के दौरान घर में रहें। पेड़ों के नीचे छिपने से बचें। गैरजरूरी यात्रा न करें। ऐसी ही एडवाइजरी सरकार ने भी जारी की। इसके बाद स्कूल, कॉलेज और बाकी इंस्टीट्यूट बंद कर दिए गए।

ये एडवाइजरी मौसम विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की थी। पोस्ट 25 अगस्त को दोपहर बाद 4 बजकर 11 मिनट पर की गई थी।

ये एडवाइजरी मौसम विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की थी। पोस्ट 25 अगस्त को दोपहर बाद 4 बजकर 11 मिनट पर की गई थी।

आरोप है कि इतनी क्लियर एडवाइजरी के बावजूद श्राइन बोर्ड ने यात्रा नहीं रोकी। 26 अगस्त को दोपहर करीब 3 बजे वैष्णो देवी मंदिर से 6 किमी दूर लैंड स्लाइड हुई और यात्री इसकी चपेट में आ गए।

तेज बारिश के दौरान जोरदार धमाके के साथ पहाड़ से मलबा और भारी पत्थर ट्रैक पर आकर गिरे। शुरुआत में 6 मौतों की खबर आई, लेकिन धीरे-धीरे मरने वाले बढ़कर 35 हो गए। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। अब हादसे के बाद यात्रा रोक दी गई है।

हादसे के वक्त मौजूद बलदेव ठाकुर बताते हैं, ‘ये हादसा हमारी पंचायत में हुआ है। मैं उस वक्त वहीं था। हम घायलों को डिस्पेंसरी ले गए और उनका इलाज कराया। फिर कटरा और नारायणा भेजा। डेडबॉडी लेकर कटरा गए।’

ये बात बताते हुए बलदेव के चेहरे पर गुस्सा साफ दिखता है। वे कहते हैं, ‘मौसम विभाग ने कहा था कि बारिश होगी, लेकिन श्राइन बोर्ड किसी की बात नहीं मानता। उन्होंने सारे पहाड़ छलनी कर दिए हैं। कुछ दिन पहले वैष्णो देवी की गुफा के नीचे बड़ा पत्थर गिरा था। इन्होंने किसी को नहीं बताया।’

‘बाणगंगा में यात्री मरे, एक लोकल आदमी मरा। वे कोई एडवाइजरी नहीं मानते। अधिकारी सलाह की अनदेखी करते रहते हैं। अगर उन्होंने समय पर कार्रवाई की होती, तो इतनी बड़ी आपदा टाली जा सकती थी।’

‘कड़ी सुरक्षा जांच, टोल और निगरानी का सिस्टम होना चाहिए, ताकि यह तय हो सके कि एक बार में कितने यात्रियों को जाने की इजाजत है। इस लापरवाही के लिए श्राइन बोर्ड को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उनके खिलाफ कार्रवाई होने तक हम आवाज उठाते रहेंगे।’

अर्धकुंवारी में हुए हादसे के बाद श्राइन बोर्ड ने यात्रा रोक दी है। फोटो बाणगंगा के एंट्री गेट की है, जहां अब सन्नाटा है।

अर्धकुंवारी में हुए हादसे के बाद श्राइन बोर्ड ने यात्रा रोक दी है। फोटो बाणगंगा के एंट्री गेट की है, जहां अब सन्नाटा है।

विधायक बोले- हादसा श्राइन बोर्ड की भूल का नतीजा श्री माता वैष्णो देवी (रियासी) सीट से विधायक बलदेव राज शर्मा भी श्राइन बोर्ड पर सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं, ‘रेड अलर्ट की एडवाइजरी तो सभी के लिए जारी की गई थी। सरकार भी कह रही थी। ये प्रशासन और श्राइन बोर्ड की भूल है। इस भूल का नतीजा ये निकला है।’

‘हमने पूछा कि यात्रा बंद थी, तो आपने लोगों को जाने क्यों दिया। इस पर उनका जवाब था कि लोग नीचे से ऊपर नहीं गए, ये तो वापस आने वाले लोग थे। यात्रा बंद करने की वजह से उन्हें रोका गया था। इसलिए एक जगह इतने लोग जमा थे।’

QuoteImage

हमने घायलों से भी बात की। उन्होंने बताया कि बिजली चमकी थी, उसके बाद बहुत तेज पानी आया। इसी से हादसा हुआ।

QuoteImage

श्राइन बोर्ड पर लगे आरोपों पर हमने बोर्ड के CEO सचिन कुमार वैश्य से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन अनरीचेबल आया। उनसे बात होते ही स्टोरी में बोर्ड का पक्ष शामिल करेंगे।

CM उमर अब्दुल्ला ने पूछा- चेतावनी के बाद भी यात्रा क्यों नहीं रोकी गई जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सवाल उठाया है कि जब आपदा की चेतावनी दी गई थी, तब अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों को क्यों नहीं रोका। उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में बाद में बात करनी होगी। हमें मौसम के बारे में पता था, तो क्या हमें उन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे।’

उन्होंने कहा कि हमें कुछ दिन पहले ही मौसम की चेतावनी मिल गई थी। फिर ये लोग ट्रैक पर क्यों थे, उन्हें क्यों नहीं रोका गया, सुरक्षित जगह पर क्यों नहीं पहुंचाया गया। इस पर बाद में बात करनी होगी।।’

25 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। इसमें जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ में बादल फटने या लैंडस्लाइड का अंदेशा जताया गया था।

25 अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। इसमें जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर, राजौरी, रामबन, डोडा और किश्तवाड़ में बादल फटने या लैंडस्लाइड का अंदेशा जताया गया था।

लापता परिजनों को ढूंढ रहे लोग वैष्णो देवी के दर्शन करने उत्तर प्रदेश से आए शिवम 40-50 लोगों के ग्रुप में थे। उनके एक भाई, भाभी और भतीजा लापता हैं।

शिवम बताते हैं, ‘हम बहुत परेशान हैं। तीनों का कहीं से पता नहीं चल रहा है। उन्हें ढूंढते हुए नारायणा गए थे। वहां टेंपो वाले 500-600 रुपए मांग रहे थे। हम तो तीर्थयात्री हैं, बहुत पैसे लेकर नहीं आए। हम मदद के लिए अधिकारियों के पास गए। वे नारायणा या दूसरे अस्पताल जाने के लिए कहते रहे। हमने वहां जाकर देखा, लेकिन हमारे परिवार का कोई नहीं था।’

हादसे के बारे में पूछने पर शिवम कहते हैं, ‘दोपहर का वक्त था। हम माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए सीढ़ियां चढ़ रहे थे। अचानक शोर मचा- भागो, भागो। लोग डर गए और भागने लगे। तभी अर्धकुंवारी के पास पहाड़ से मलबा आने लगा। 40 से 50 लोग उसमें दब गए। लोग रो रहे थे, चिल्ला रहे थे, भागने की कोशिश कर रहे थे। मैं बचकर वहां से निकल गया।’

‘अगले दिन ग्रुप से मिला, तो पता चला कि हमारे 10 लोग लापता हैं। न तो वे जिंदा मिले हैं और न ही डेडबॉडी। हम उन्हें ढूंढ रहे हैं। अगर वे जिंदा लोगों में नहीं हैं, मरने वालों में नहीं हैं, तो फिर कहां गए।’

यात्रियों में यूपी के हसनपुर से आए राजेश भी हैं। राजेश कहते हैं, ‘हमारे साथ 8 लोग थे। इनमें बच्चे भी हैं। हम उन्हें ढूंढ रहे हैं। अब तक पता नहीं चला है। रात तक तो हम उनका इंतजार करते रहे कि अब आएंगे, अब आएंगे। आठों लोग नहीं मिल रहे हैं।’

दो जगह लैंडस्लाइड, अर्धकुंवारी के पास ज्यादा नुकसान जम्मू के रहने वाले राकेश कौल बताते हैं, ‘माता वैष्णो देवी मंदिर के पास दो जगह लैंडस्लाइड हुई है। एक मंदिर के केबल कार स्टॉप के पास हुई थी, लेकिन यहां नुकसान नहीं हुआ। दूसरी लैंडस्लाइड अर्धकुंवारी से नीचे आते हैं, वहां हुई। करीब आधा किमी दूर दो बजे के बाद तेज बारिश शुरू हो गई थी। इसकी वजह से मलबा आया।’

‘अभी अंदाजा नहीं है कि इसके नीचे कितने लोग दबे हैं। नीचे से तो यात्रा बंद कर दी गई है। ऊपर जो यात्री फंसे हैं, उन्हें 20-30 लोगों को ग्रुप बनाकर नीचे लाया जा रहा है। पुराना रास्ता बंद कर दिया गया है, सभी को नए रास्ते से ला रहे हैं। हालात बहुत खराब हैं। अब तो प्राइवेट इंस्टीट्यूट भी बंद कर दिए गए हैं। फंसे हुए लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है।’

‘ये भी बातें हो रही हैं कि अगर रेड अलर्ट था, स्कूल-कॉलेज बंद थे, फिर किस वजह से यात्रा की परमिशन दी गई। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। कुछ दिन पहले ही यहां लैंडस्लाइड हुई थी, मौतें भी हुई थीं।’

‘प्रशासन का फर्ज बनता था कि यात्रा को परमिशन देने से पहले ये सब देखना चाहिए था। रात में मध्यप्रदेश का एक ग्रुप आया था। सभी कीचड़ में लथपथ थे। उनकी हालत खराब थी। आगे कटरा और दिल्ली वाला रास्ता भी बंद है। इसलिए सभी को सावधानी रखना जरूरी है।’

लैंड स्लाइड के बाद वैष्णो देवी की यात्रा रोकी हादसे के बाद श्राइन बोर्ड ने वैष्णो देवी यात्रा रोक दी है। इससे कई श्रद्धालु कटरा में फंस गए हैं। वे होटलों में रुककर यात्रा फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। कटरा होटल एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि फंसे तीर्थयात्रियों और जरूरतमंद लोगों को फ्री में रहने की जगह दी जाएगी।

बारिश और खराब मौसम की वजह से वैष्णो देवी यात्रा अस्थायी तौर पर स्थगित की गई है। रियासी जिले के कटरा में फंसे यात्रियों के लिए रुकने और खाने का इंतजाम किया गया है।

बारिश और खराब मौसम की वजह से वैष्णो देवी यात्रा अस्थायी तौर पर स्थगित की गई है। रियासी जिले के कटरा में फंसे यात्रियों के लिए रुकने और खाने का इंतजाम किया गया है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने कहा कि सभी जरूरतमंदों को 2-4 दिनों के लिए या जब तक उन्हें जरूरत हो, रहने के लिए जगह देने का फैसला लिया गया है। अगर वे किसी होटल में जाते हैं और वहां जगह नहीं है तो उन्हें बस हमारे कंट्रोल रूम कॉल करना होगा। हम उन्हें होटल देंगे, ताकि कोई भी दर्शन किए बिना न रह जाए।

उधर, उधमपुर-रामबन में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे लगातार तीन दिन से बंद है। उधमपुर में जखेनी और चेनानी के बीच कई जगह लैंडस्लाइड की वजह से रास्ता रुक गया है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के लोग और मशीनें रास्ता खोलने में जुटी हैं।

लैंडस्लाइड की वजह से हाईवे पर 500 से 600 वाहन फंसे हुए हैं। 270 किलोमीटर लंबा यह हाईवे कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला इकलौता रास्ता है, जो पूरे साल खुला रहता है।

लैंडस्लाइड की वजह से हाईवे पर 500 से 600 वाहन फंसे हुए हैं। 270 किलोमीटर लंबा यह हाईवे कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला इकलौता रास्ता है, जो पूरे साल खुला रहता है।

जम्मू में बाढ़ से अब तक चार पुल बहे भारी बारिश की वजह से जम्मू में तवी नदी में बाढ़ आ गई है। कई घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है। तेज बहाव की वजह से तवी पुल के साथ सड़क का एक हिस्सा बह गया। जम्मू के बेलीचराना इलाके में 35 घर और 6 दुकानों को नुकसान हुआ है। डोडा जिले के भद्रवाह इलाके में लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है।

26 अगस्त को तवी नदी पर बना ये पुल बाढ़ की वजह से ढह गया। उस वक्त ट्रैफिक इससे गुजर रहा था। पुल धंसने से कुछ वाहन भी इसमें फंस गए।

26 अगस्त को तवी नदी पर बना ये पुल बाढ़ की वजह से ढह गया। उस वक्त ट्रैफिक इससे गुजर रहा था। पुल धंसने से कुछ वाहन भी इसमें फंस गए।

जम्मू के रहने वाले विकास बताते हैं, ‘लो लाइन एरिया में हालात ज्यादा खराब हैं। ऊपर वाले इलाकों में खास दिक्कत नहीं है। कठुआ और सांबा ज्यादा प्रभावित हैं। माता वैष्णो देवी वाले रूट पर काफी नुकसान हुआ है। यहां बाढ़ और लैंडस्लाइड की वजह से कई इलाकों में मकान एक मंजिल तक डूब गए हैं।’

…………………………………..

बारिश और बाढ़ से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें..

पंजाब के 7 जिलों में बाढ़, सेना पहुंची; जम्मू में बाढ़ में फंसे 27 जवान

पंजाब में बारिश के कारण 7 जिले और 150 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। रावी-ब्यास और सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। राज्य में 30 अगस्त तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। यहां रेस्क्यू में सेना को लगाया गया है। वहीं जम्मू-कश्मीर में बारिश से जुड़े हादसों में 41 लोगों की मौत हो गई। सेना की व्हाइट नाइट कोर की टीम ने 10 घंटे में जम्मू के जौरियन में फंसे 27 जवानों को बचाया। पढ़ें पूरी खबर..

[ad_2]

Source link

Loading

अन्य खबरे

गोल्ड एंड सिल्वर

Our Visitors

175334
Total Visitors
error: Content is protected !!