‘हरियाणा में लड़कियां कम हैं इसलिए लड़कों की शादी में परेशानी होती है। शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलतीं। मेरी काफी उम्र हो गई थी, लेकिन शादी नहीं हो रही थी। गांव के ही एक पंडित ने रिश्ता बताया। हम शादी के लिए मान गए। शादी के लिए लड़की वालों को मोटी र
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ब्लैकबोर्ड में इस बार कहानी हरियाणा के उन परिवारों की जिन्हें शादी के लिए लड़कियां नहीं मिलीं तो पैसे देकर बहू लाए, लेकिन वो गहने-जेवर सब लेकर भाग गई
हरियाणा में घुसते ही हर तरफ गेहूं की फसल दिखती है। इन्हीं खेतों से होकर मैं जींद के पीलूखेड़ा गांव पहुंची। गेहूं के खेतों में दिनेश भी फसल की कटाई में लगे हुए थे।
पूरे इलाके में दिनेश को सब जानते हैं क्योंकि इन्होंने शादी के लिए लड़की वालों को मोटी रकम दी। शादी के अगले दिन ही उनकी पत्नी घर के गहने-जेवरात लेकर फरार हो गई। इस घटना का जिक्र करते ही दिनेश गेहूं काटना बंद कर देते हैं। उनके चेहरे पर अजीब सी बेचैनी छा जाती है। दाहिने हाथ से इशारा करते हुए वो इस घटना पर बात करने से इनकार कर देते हैं। धीरे-धीरे सहज होने पर वो पहचान छिपाने की शर्त पर बात करना शुरू करते हैं।
‘मैडम जी, हमें तो एक अच्छी लड़की चाहिए थी। लड़की के परिवार वाले कहने लगे कि- हम लोग बहुत गरीब हैं, हम पैसे लगाकर शादी नहीं कर सकते। हमें तो एक ऐसा लड़का चाहिए जो हमारी लड़की को ठीक से रख ले। गांव के ही एक पंडित ने हमारी मुलाकात उन लोगों से करवाई थी। लड़की का परिवार उत्तर प्रदेश से हरिजन समाज का था।’

दिनेश कहते हैं मेरी उम्र निकलती जा रही थी, लेकिन शादी नहीं हो रही थी।
दबी-छिपी जुबान में दिनेश कहते हैं कि एक दिन लड़की के परिवार वाले कुछ फल और मिठाइयां लेकर हमारे घर आ गए। कुछ देर बात करने के बाद उन्होंने पैसे मांगे, हमने दो लाख रुपए दे दिए।
कुछ ही दिनों बाद वो लोग जल्दी शादी का दबाव बनाने लगे। हमें भी शादी तो करनी थी इसलिए हम भी मान गए। शादी के अगले दिन मैं खेतों में चला गया। मेरी भांजी को एग्जाम देने जाना था, तो वो अपने गहने भी मेरी पत्नी को देकर चली गई। उसे लगा कि मामी गहने ठीक से रखेंगी। दोपहर में ढाई बजे के आसपास उसने किसी को फोन किया और घर के सारे गहने लेकर फरार हो गई।
लड़की के परिवार वालों के बारे में आपको कुछ पता नहीं था? इस पर दिनेश कहते हैं हमारे यहां आटे साटे का सिस्टम चलता है। जैसे हमारी बहन शादी करके जिसके घर जाती, उसकी बहन शादी करके हमारे घर आ जाती। रिश्तेदारी में ही अलटा-पलटी चलती है। हमारे पास साटा नहीं था (देने के लिए लड़की) इसलिए मेरी शादी नहीं हो रही थी। मेरी उम्र निकलती जा रही थी, 29वें साल में लग गया था। लड़की मुझसे लगभग 10 साल छोटी थी।
पहली नजर में हमें सब कुछ सही लगा और परिवार पर हमें किसी तरह का शक नहीं था। हमने उसे ढूंढने की बहुत कोशिश की। सिर्फ एक बार फोन पर बात हुई थी तो उसने हमें ही झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।
पैसे देकर शादी करने वाले दिनेश जोर देकर ये बात दोहराते हैं कि 14-15 लाख के जेवर लेकर फरार हो गई। पूरे हरियाणा में फ्रॉड सौदा चल रहा है। लड़के वाले को लूट-लूट कर भाग जाती हैं। ये बातें कहते हुए दिनेश इस बात पर जरा भी अफसोस नहीं करते कि उन्होंने शादी के लिए लड़की खरीदी थी।
दूसरी शादी हो गई, उसके लिए भी पैसे दिए? हां कर ली, लड़की बिहार की है। थोड़ा सुकून भरते हुए दिनेश कहते हैं- ये लड़की पैसे देके नहीं ली। हमारी मौसी बिहार से हैं उन्होंने ये शादी करवाई। इस बार मैंने पूरी जांच-पड़ताल करके, सोच-समझकर शादी की है। पहली शादी की वजह से समाज में मेरी बहुत बदनामी हुई। लोगों ने मुझे गंदी-गंदी बातें सुनाईं। मुझे कहा गया कि एक ही दिन में लड़की चली गई, लड़के में जरूर कुछ कमी होगी। कभी-कभी ऐसा लगता था कि ये बातें सुनने से अच्छा सुसाइड कर लूं। कुछ रिश्तेदारों ने कहा कि पुलिस मदद करेगी तो जेवर मिल जाएंगे।
दिनेश कहते हैं- हम पुलिस के पास गए, लेकिन उन्होंने हमारा साथ नहीं दिया। पुलिस झूठा भरोसा देती रही और हम थाने के चक्कर काटते रह गए। आखिर में पुलिस वालों ने कहा दिनेश खोया धन तो पिछोतरा है यानी खोया धन दोगुने पैसे लगवाता है, लेकिन मिलता नहीं है। तू क्या धक्के खा रहा है, घर जाकर आराम से बैठ जा।
दिनेश से बात करने के बाद मैं उनके बड़े भाई और भाभी से मिलने घर पहुंची। बड़े भाई सुरेश से बात कर ही रही थी कि बीच में दिनेश की भाभी आकर बड़बड़ाने लगीं कि इस शादी से तो हमें बहुत नुकसान हुआ। वो मेरे जेवर लेकर भी भाग गई। उसमें मेरा भी नुकसान हुआ। उनके मुंह से साफ हिंदी सुनकर मैं थोड़ा हैरान हुई, क्योंकि ग्रामीण हरियाणा की बहुत कम महिलाएं इतनी साफ और शुद्ध हिंदी बोल पाती हैं।
मैंने सुरेश से कहा- आपकी बीवी बहुत अच्छी हिंदी बोलती हैं ये कहां से हैं। सुरेश कहते हैं- मेरी बीवी सुनीता झारखंड से है। हरियाणा में लड़कियों की कमी है इसलिए लड़के ब्याहे नहीं जाते। बाहर की लड़की लाकर लड़के ब्याहने पड़ते हैं। इनमें से ही कुछ लड़कियां ठग होती हैं, जिसका शिकार हमारा परिवार भी हुआ। वो तो लुटेरी दुल्हन थी, सब लूटकर ले गई।
सुरेश की पत्नी सुनीता फिर बीच में बोल पड़ती हैं कि- शुक्र है मैडम जी, वो मेरा लड़का उठा कर नहीं ले गई। अगर बेटे को ले जाती तो हम जीते जी मर जाते। भगवान का शुक्र है मेरा बेटा बच गया। उसके भागने से कुछ ही देर पहले मैं अपना बेटा उसके पास छोड़कर नहाने गई थी। जब नहाकर आई तो वो कहने लगी दीदी मेरा पेट खराब है। बहाने बनाकर वो बार-बार बाथरूम जा रही थी और किसी से बात कर रही थी। हमें तब भी शक नहीं हुआ। हमने जो भी गहने उसे शादी में दिए थे, वो सब पहनी हुई थी।

सुनीता कहती हैं कि मुझे इस बात का सुकून है कि देवर की पत्नी मेरे बेटे को साथ नहीं ले गई।
सुनीता कहती हैं कि- ये सब इसलिए हुआ क्योंकि हरियाणा में लड़कियों की कमी है और ऊपर से आटा-साटा चलता है। इसी वजह से बाहर की लड़कियां आती हैं और यहां के परिवारों को लूट कर भाग जाती हैं। जब वो घर से भागी तो कई रातों तक मुझे नींद नहीं आई।
सुरेश कहते हैं कि- एक हफ्ता हमारे घर किसी ने रोटी नहीं खाई। खून-पसीने की कमाई लूटकर भाग गई। हम पागलों की तरह दिन-रात उसे ढूंढते रहे। ऐसा लगता था कि मुझे हार्ट अटैक ना आ जाए। पुलिस अगर हमारा साथ देती तो गहने मिल जाते।
कुछ ऐसी ही कहानी जींद के रहने वाले चरण सिंह की भी है। वो उस दिन को याद कर कहते हैं- मैंने लड़के की शादी के लिए पड़ोसी को अपनी भैंस बेच दी। पड़ोसी पूछा इन पैसों का क्या करोगे? मैंने कहा कि लड़के की शादी नहीं हो रही है, पैसों से शादी का कुछ जुगाड़ लगाऊंगा।
इस पर मेरे पड़ोसी ने कहा कि- तू टेंशन न ले, मेरे पास एक दलाल का नंबर है जो बहू दिलावे है। मैंने 1 लाख 40 हजार उसके हाथ में रख दिए और कहा- जा ले आ बहू। वो मेरे लड़के को ले गया और उसकी शादी करवा कर ले आया। मैं तो देखने भी नहीं गया।
ये बात कहते हुए चरण सिंह के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी कि बेटे की शादी के लिए उन्हें पैसे देकर लड़की लानी पड़ी।
चरण सिंह कहते हैं-दो-तीन दिन वो लड़की हमारे घर रही। इस बीच सामानों की हेरा-फेरी की। जैसे ही मौका मिला वो सब कुछ लेकर फरार हो गई। मैं दलाल के पास गया। उसे डराया-धमकाया तो, वो लड़की को वापस ले आया। तब भी हमने गए हुए सामान के बारे में ज्यादा नहीं पूछा क्योंकि हम चाहते थे लड़की रुक जाए और हमारा घर बस जाए। गहने-जेवरात तो छोड़िए, मैंने 2 लाख से ज्यादा नकद उस पर खर्च कर दिए थे।
वो बहू हमारे साथ लगभग 20 दिन रही। घर के काम नहीं करती थी, कहती थी शहर की रहने वाली हूं मुझे कुछ काम नहीं आता। जब मेरे पांव छुआ करती थी तो सब कहते ये तो बहुत बढ़िया लड़की है, शहर की होकर भी पांव छू रही है।
चरण सिंह कहते हैं- कुछ दिन बाद लड़की के परिवार वाले आए। उन्होंने कहा- अभी लड़की को हमारे साथ भेज दीजिए, परमात्मा की कसम हम कुछ दिनों बाद वापस भेज देंगे। मैंने भरोसे पर लड़की भेज दी।

चरण सिंह रौबदार अंदाज में बताते हैं कि मैने पड़ोसी को पैसे दिए और कहा कि जाओ मेरे बेटे के लिए बहू ले आओ।
कुछ दिनों बाद जब फोन किया तो सामने से किसी औरत ने फोन उठाया और मुझे ही धमकाने लगी। मैंने पुलिस में शिकायत की तो उन्होंने मदद की। मुझे 70 हजार वापस मिले, लेकिन लड़की वालों ने नाक में दम कर दिया था।
चरण सिंह बताते हैं- बाद में हमें पता चला कि वो लड़की नहीं 3 बच्चों की मां थी। उसका यही बिजनेस था, शादियां करती थी किसी के यहां 10 दिन रही, किसी के यहां 20 दिन। फिर सब लेकर भाग जाती थी। उसकी वजह से लोगों ने मुझे बहुत सुनाया, जिसको बोलना नहीं आता था वो भी बोला।
लोग कहते थे कि तेरे लड़के में ही कोई दोष है। कहने के लिए मेरे पास बहुत कुछ है, लेकिन वो बातें दोहराना नहीं चाहता।
मैंने तो लालच में शादी की थी कि बेटे का घर बस जाएगा। क्या पता था कि मैं गंदे लोगों के चक्कर में पड़ जाऊंगा। जांच में पता चला कि मेरे केस में 6 दलाल शामिल थे। मुझे खुशी है कि उन सबका इलाज हुआ। मेरे तीन लड़के थे, एक गुजर गया, एक ने ये कहकर शादी नहीं की कि तुम फिर लड़की खरीदकर लाओगे और अगर वो भाग गई तो बेइज्जती होगी।
चरण सिंह कहते हैं- छोटे लड़के की शादी मैंने दोबारा उत्तराखंड की लड़की से की। इसमें पैसे नहीं लगे, क्योंकि लड़की की सोचने समझने की क्षमता कम है। छोटे बेटे की शादी के बाद बड़े बेटे के लिए भी उत्तराखंड में एक लड़की देखी थी, लेकिन लड़के ने मना कर दिया। कहता था- मैं ऐसी किसी लड़की से शादी नहीं करूंगा।
चरण सिंह एकदम सामान्य अंदाज में आगे कहते हैं कि हरियाणा में लड़कियों की कमी है। जिन लड़कों के पास ज्यादा जमीन और पैसा नहीं होता उनकी शादी होने में दिक्कत होती है। इसलिए बाहर से लड़कियां खरीद कर लानी पड़ती हैं। उनमें से कुछ लुटेरी दुल्हन होती हैं जो लूट कर भाग जाती हैं। जिनकी वजह से गहने जेवरात तो जाते ही हैं, बेइज्जती अलग से होती है।
चरण सिंह एक अजीब तर्क देते हुए कहते हैं- बिना औरत के आदमी का घर बस नहीं सकता। इसलिए आदमी पैसे देकर लालच में बहू ले आता है। औरतों से ही इज्जत है और औरतों से ही बेइज्जती इसलिए सोच-समझकर ही घर पर बहू लाएं, जल्दबाजी में कोई फैसला ना लें।
जींद के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार भारतीय कहते हैं कि हरियाणा में एक तो लड़कियां कम हैं और जो हैं भी वो सेटल्ड लड़के के साथ शादी करना चाहती हैं। यहां लिंगानुपात बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण लड़की होने पर गर्भपात करवाना है। हालांकि, ये पहले बहुत होता था, अब बहुत ही कम है।

वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार भारतीय कहते हैं कि हरियाणा में लड़कियां कम हैं, इसी बात का फायदा उठाते हैं लोग।
कुछ लोग मोल की बहुएं ले तो आते हैं, लेकिन उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। उन्हें बात-बात पर मोल की बहू होने का ताना भी देते हैं। लड़कियां कम हैं इसी बात का कुछ दलाल फायदा उठाते हैं।
इन लोगों का गैंग होता है। इनके एजेंट ही लड़की के घरवाले बनकर इस घटना को अंजाम देते हैं। शादी करने के बाद दुल्हन सही समय का इंतजार करती है और जैसे ही मौका मिलता है एजेंट को बुलाकर घर का सारा माल लेकर फरार हो जाती है।
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