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ब्लॉक बनीकोडर की ग्राम पंचायत कंधईपुर में मनरेगा में महिलाओ की लगाई जा रही फ़र्ज़ी हाजिरी…

राघवेन्द्र मिश्रा(नारद संवाद एजेंसी)
बाराबंकी।ब्लॉक बनीकोडर में प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना का असल उद्देश्य पूरी तरह से विफल होता दिखाई दे रहा है। सरकारी धन का दुरुपयोग और डीसी मनरेगा की कमीशनखोरी ने गरीब मजदूरों को उनके हक से वंचित कर दिया है। डीएम साहब के आदेशों के बावजूद, सुनियोजित तरीके से चल रहे इस फर्जीवाड़े पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। सवाल अब भी बना हुआ है ??कि कब और कैसे इस भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जाएगी।


जिले में इन दिनों मनरेगा में खुलकर भ्रस्टाचार किया जा रहा है।ब्लाक बनीकोडर की बहु चर्चित ग्राम पंचायत कंधई पुर में आये दिन मनरेगा मजदूरी के नाम पर महिलाओं की फ़र्ज़ी हाजिरी NMMS पोर्टल पर लगाई जा रही है। इतना ही नही, कई मास्टर रोल में एक ही फोटो लगाकर महिलाओं की फ़र्ज़ी हाजिरी लगाने का कार्य पंचायत मित्र राम अंजोर द्वारा किया जा रहा है।

कई बार शिकायतें भी हुई शोशल मीडिया से लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी खबरें चली लेकिन बनीकोडर ब्लॉक में फल-फूल रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश नही लग रहा है। सत्ता की मजबूत पकड़ में बैठे सरकारी कर्मचारी भी अपने आप को बहुत बड़ा काबिल समझकर प्रधानमंत्री की डिजिटल योजना को पलीता लगा रहे हैं।

ग्राम पंचायत कंधईपुर में बीते (सोमवार ) सात अक्टूबर को मास्टर रोल नम्बर 5371 पर दस लेबरों की हाजिरी लगाई गई है जिसमे एक महिला लेवर की हाजिरी तो लगाई गयी लेकिन NMMS पोर्टल पर अपलोड फोटो में कोई भी महिला वर्कर कार्य करते हुए नही दिख रही है।

 

ठीक इसी तरह से मास्टर रोल 5374 में दस लेवरों की हाजिरी लगाई गई है।जिसमे भी 5 महिलाओं की फ़र्ज़ी हाजिरी लगाई गई है अपलोड फोटो में कोई भी महिला कार्य नही कर रही है। मास्टर रोल 5375 में भी दस लेवरों की हाजिरी लगाई गई है,जिसमे भी 6 महिलाओ की फ़र्ज़ी हाजिरी लगाई गई है।बीते सात अक्टूबर को मास्टर रोल 5373 में भी दस लेवरों की हाजिरी पंचायत मित्र राम अंजोर द्वारा NMMS पोर्टल पर अपलोड की गई जिसमें भी 5 महिलाओं की फ़र्ज़ी हाजिरी लगाई जा गयी।

पढ़िए और समझिए कि ब्लॉक बनीकोडर में मनरेगा में बड़ा गोलमाल चल रहा है।इतना तो स्पष्ट हो रहा है कि वेबसाइट पर जो कार्य दिखाए जा रहे हैं, वे सिर्फ कागजों पर ही सीमित हैं। आरोपों के अनुसार यह घोटाला खंड विकास कार्यालय के कई लोग और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग की मिलीभगत से हो रहा है। बिना किसी कार्यस्थल की वास्तविक स्थिति जांचे फर्जी मास्टररोल और फर्जी फोटो अपलोड कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। यहां महिला मजदूरों को न तो रोजगार मिल रहा है और न ही मेहनताना। लेकिन कार्यवाही भी शून्य ही है।

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