अब्दुल मोमिन नारद संवाद संवाददाता मसौली बाराबंकी
बाराबंकी जिले के मसौली विकासखंड अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बड़ागांव में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली उजागर हो रही है। गुरुवार को नारद संवाद टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया, जहां कई जगहों पर डॉक्टर अनुपस्थित मिले।
मरीजों की बढ़ी भीड़, डॉक्टर नदारद:
मौसम में बदलाव के चलते बुखार, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद सीएचसी में पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं। मरीजों का इलाज प्रशिक्षु छात्र कर रहे हैं, जिससे मरीजों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है।
बाहर की दवाएं और जांच, जेब पर बोझ:
केंद्र पर आने वाले मरीजों को डॉक्टर अस्पताल की जगह बाहर की दवाएं और निजी जांच केंद्रों की जांच लिख रहे हैं। इससे मरीजों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है। रहरा मऊ गांव के मरीज इस्लाम ने बताया कि वह सुबह 10 बजे अपनी पत्नी को लेकर आए थे, लेकिन दोपहर 12 बजे तक न तो दवा मिली और न ही सही इलाज। उन्हें बाहर से दवाएं खरीदने को कहा गया।
बाहर मेडिकल स्टोर और जांच केंद्रों की भरमार:
स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कई निजी मेडिकल स्टोर और डायग्नोस्टिक सेंटर खुले हैं। सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों को बाहर की दवाएं और जांच लिखने पर कमीशन मिलता है। हाल ही में त्रिवेदीगंज के सीएचसी में प्रशिक्षु छात्र द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से आयुषी (22) नाम की छात्रा की मौत हो चुकी है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
अधिक मरीजों की बात कहकर बचाव में स्वास्थ्य अधीक्षक:
इस पूरे मामले पर जब सीएचसी अधीक्षक संजीव कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं। उन्होंने मरीजों की भीड़ को गर्मी और मौसम परिवर्तन का कारण बताया और कहा कि इसी वजह से कुछ मरीजों को प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।