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तहसील कलान के प्राइवेट स्कूलों ने बच्चों के फर्जी नामांकन और अभिभावकों के खाता में हेरफेर कर सरकारी धनराशि की हड़प

अनुराग राजू मिश्रा-जलालाबाद

कलान के खंड शिक्षा अधिकारी सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा किया गया बच्चों की संख्या का सत्यापन

 जो स्कूल धरातल पर मौजूद ही नहीं उन स्कूलों के बच्चों का भी कर दिया RTE में सत्यापन

मुख्यालय के खंड शिक्षा अधिकारी (नोडल अधिकारी,कलान)सुरेंद्र कुमार मौर्या और डीसी सतीश कुमार कनौजिया के संरक्षण में किया गया घोटाला ***श्री रन सिंह दास जूनियर हाई स्कूल प्रीतम नगला के संचालक राजेंद्र मौर्या ने अपने बेटे विकास को ही बना दिया अभिभावक,दो बच्चों के अभिभावक का खाता बदल कर विकास का खाता लगाया (फीस-102बच्चा *450रु *11=504900 रु + अभिभावक 102*5000रु =510000 रु टोटल दस लाख रु ) ***जिनकी शादी भी नहीं हुई उनके भी बच्चों का कर दिया पंजीकरण शाहजहांपुर ।जनपद की तहसील कलान में निःशुल्क शिक्षा योजना के तहत कुछ प्राइवेट स्कूलों पर गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कई प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों के फर्जी नामांकन दिखाकर सरकारी अनुदान हड़प लिया है। इसके साथ ही, अभिभावकों के खातों में जमा होने वाली राशि को भी कथित तौर पर फर्जी खातों में डालकर हड़प कर ली। RTE अधिनियम के तहत, प्राइवेट स्कूलों को अपनी 25% सीटें EWS बच्चों के लिए निःशुल्क उपलब्ध करानी होती हैं, जिसके बदले सरकार प्रति छात्र फीस की प्रतिपूर्ति करती है। तहसील कलान के कुछ स्कूलों ने गैर-मौजूद बच्चों के नाम दर्ज किए या उन बच्चों के नामांकन दिखाए, जो स्कूल में उपस्थित ही नहीं थे। इससे स्कूलों ने लाखों रुपये का सरकारी अनुदान हासिल किया। यूडीआईएसई+ 2022-23 और 2023-24 की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में स्कूलों के नामांकन में 37 लाख की कमी दर्ज की गई, फिर भी कुछ स्कूलों ने फर्जी आंकड़े प्रस्तुत कर अनुदान प्राप्त किया, जिसका असर तहसील कलान जैसे क्षेत्रों में भी देखने को मिल सकता है।अभिभावकों के खाते की राशि में हेरफेरRTE के तहत, सरकार अभिभावकों को किताबों, ड्रेस और स्टेशनरी के लिए प्रति वर्ष 5,000 रुपये की राशि उनके बैंक खातों में जमा करती है। लेकिन तहसील कलान में कुछ प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों के बैंक खाता विवरण में हेरफेर कर यह राशि अपने या फर्जी खातों में ट्रांसफर कर ली। उदाहरण के लिए shree Ran Singh Das juner hai school peetam Nagla Kalan S.P.N में कक्षा आठ में पढ़ने वाली छात्रा जिसका पंजीकरण सोनम देवी पुत्री छोटेलाल के नाम से हुआ और खाता धारक अभिभावक का नाम छोटेलाल दर्ज हैं और बैंक खाता बैंक ऑफ बड़ौदा खजुरी का दर्ज है।लेकिन यह खाता नंबर विकास का है जबकि नियमानुसार अभिभावक का खाता जो फार्म में दर्ज होता है उसी में अभिभावक बाला 5000 रुपया जाता है। इसी प्रकार इसी स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ने वाले लखन सिंह पुत्र राजेंद्र पाल का पंजीकरण है अभिभावक के रूप में फार्म में सुखदेवी(माता) का नाम दर्ज है लेकिन इसमें भी बैंक खाता बैंक ऑफ बड़ौदा ग्रामीण का दर्ज है।लेकिन यह खाता भी विकास का है । सूत्रों के अनुसार विकास जो कि shree Ran Singh Das juner hai school peetam Nagla Kalan S.P.N के मैनेजर राजेंद्र मौर्या का लड़का है। इसी प्रकार कलान क्षेत्र के कई स्कूलों में बच्चे भी फर्जी और अभिभावक भी फर्जी पंजीकृत किए गए है।

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