तारीख: 23 फरवरी 2020 जगह: दिल्ली का जाफराबाद
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BJP लीडर कपिल मिश्रा ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास भाषण दिया। इसके कुछ ही घंटों बाद कर्दमपुरी में हथियारबंद भीड़ हंगामा करने लगी। आरोप है कि भीड़ के साथ कपिल मिश्रा कर्दमपुरी में एक सड़क ब्लॉक करते देखे गए। उन्होंने रेहड़ी पटरी वालों की गाड़ियां तोड़ दी। मौके पर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डिप्टी पुलिस कमिश्नर और बाकी अफसर खड़े रहे।
दिल्ली के शाहीन बाग में उस वक्त नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के विरोध में प्रदर्शन चल रहा था। देखते-देखते ही प्रदर्शन दंगों में बदल गया। 23 फरवरी से 26 फरवरी तक चले दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई।
अब कपिल मिश्रा दिल्ली सरकार में मंत्री हैं। चांदबाग के रहने वाले मोहम्मद इलियास पिछले 5 साल से उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में इसे लेकर याचिका भी लगाई। 5 साल बाद 1 अप्रैल को कोर्ट ने अर्जी मंजूर की। कोर्ट ने कपिल मिश्रा, दयालपुर थाने के तत्कालीन SHO कालकेश्वर, डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट और BJP के पूर्व विधायक जगदीश प्रधान पर FIR का आदेश दिया।
हालांकि राउज एवेन्यू कोर्ट ने ही 9 अप्रैल को कपिल मिश्रा की याचिका पर जांच के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। दिल्ली दंगों को लेकर कपिल मिश्रा पर लगे आरोपों और तब का घटनाक्रम समझने के लिए हम चांदबाग पहुंचे।

दंगों के वक्त इलियास ने शिकायत में क्या लिखा… कपिल मिश्रा को दंगा भड़काते और कराते देखा, शिकायत भी की, लेकिन FIR नहीं हुई चांदबाग में हम मोहम्मद इलियास से मिले। वे प्रॉपर्टी डीलर हैं। परिवार में पांच बच्चे और दो भाई हैं। चांदबाग में 23 फरवरी को दंगे भड़क गए थे। इलियास बताते हैं कि दंगे खत्म होने के कुछ दिन बाद से ही वे कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की कोशिश कर रहे हैं।
17 मार्च 2020 को ईदगाह राहत शिविर में इलियास ने शिकायत भी दर्ज कराई थी। तब उन्हें दयालपुर पुलिस स्टेशन की मुहर भी मिल गई थी। उन्होंने शिकायत में लिखा था, ‘कर्दमपुरी में पुलिस अधिकारी कपिल मिश्रा और उनके साथियों की मदद कर रहे थे। इसके बाद इलाके में माहौल बिगड़ा।’
‘तब DCP रहे वेद प्रकाश सूर्या अलग-अलग गलियों में घुसे और CAA का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी। वे कह रहे थे-

अगर प्रदर्शन खत्म नहीं किया तो यहां ऐसे दंगे होंगे कि सभी मारे जाएंगे। इन सबके बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई।
इलियास ने शिकायत में आगे लिखा, ‘अगली सुबह मैं आग लगने के बाद फारुकिया मस्जिद का हाल देखने पहुंचा। वहां दयालपुर के पूर्व SHO तारकेश्वर समेत कई पुलिस अधिकारी, एक लोकल जनरल स्टोर चलाने वाले और इलाके में काफी पावरफुल माने जाने वाले ‘चावला’ पहले से मौजूद थे।‘
‘पुलिस अधिकारियों और चावला के साथियों ने इलाके में लगे CCTV कैमरे तोड़ने शुरू कर दिए। उन्होंने मस्जिद और उसके पास के मदरसे में भी तोड़फोड़ की। मैंने तारकेश्वर से दखल देने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।‘

पुलिस के सामने कपिल मिश्रा ने 500 लोग इकट्ठे किए, तोड़फोड़ की 23 फरवरी, 2020 का मंजर याद करते हुए इलियास बताते हैं, ‘मैंने कर्दमपुरी रोड पर देखा कि कपिल मिश्रा के साथ 500 लोगों की भीड़ जमा थी। पुलिस की मौजूदगी में वो लोग मुसलमानों और दलितों के ऑटो, ठेले और गाड़ियां रोक कर उन पर हमला कर रहे थे।’
‘दरअसल उस दिन मुसलमानों और दलितों की CAA के विरोध में एक रैली होनी थी। कपिल मिश्रा ये रैली रोकना चाहते थे। मैंने देखा दोपहर 1 बजे भीड़ तोड़फोड़ करने लगी। उनके हाथों में डंडे थे। वे गाड़ियों का शीशा तोड़ रहे थे। सड़क जाम कर दी थी। इसके बाद ही दंगा भड़का।’
‘जहां ये सब हो रहा था, मेरा घर उसके ठीक सामने है। कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा था। गाड़ियों और दुकानों को आग लगा दी गई। हर तरफ धुआं था। इसमें पूर्व विधायक जगदीश प्रधान भी शामिल थे। मेरे घर के सामने विक्टोरिया स्कूल में आग लगा दी गई। यहां अगले 3 दिन तक हिंसा चलती रही।’

5 साल बुरे दौर से गुजरा परिवार, गुंडे बार-बार घर में धमकाने आते हैं इलियास चाहते हैं कि जिन लोगों ने जुल्म किया है, उन पर कानूनी कार्रवाई हो। वे बताते हैं कि पिछले 5 साल मुझे और मेरे परिवार को बुरे दौर से गुजरना पड़ा। हम पर लगातार केस से पीछे हटने का दबाव बनाया गया। घर में तोड़फोड़ की गई। मेरे भाई मोहम्मद खालिद पर भी झूठे केस में FIR कर दी गई। हालांकि सबूत न मिलने पर पिछले साल उन्हें बेल मिल गई।
वे बताते हैं, ‘जब मैं कपिल मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने गया, तब मैं बहुत डरा हुआ था। हालांकि मैंने सोचा कि अगर इन्हें अभी नहीं रोका गया, तो ये बड़ा खतरा बन जाएंगे। मरने वालों में मैं या मेरे परिवार का भी कोई हो सकता है। इनके खिलाफ FIR जरूरी है।‘
‘पिछले पांच साल से मुझे धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। लोग धमकाते हुए घर में घुस आते हैं। मैंने इसकी शिकायत भजनपुरा पुलिस स्टेशन में की थी।’

चार साल से कड़कड़डूमा जिला कोर्ट ने मुझे पुलिस प्रोटेक्शन देने का आदेश दिया हुआ है। कई बार गुजारिश करने के बाद भी भजनपुरा और खजूरी थाने से प्रोटेक्शन नहीं मिली। वे पुलिसफोर्स न होने की दलील देते रहे।
इलियास कहते हैं, ‘पिछले साल भी कुछ लोग मेरे घर में घुस आए और बदतमीजी करने लगे। कोर्ट से मुझे मदद के लिए SHO का नंबर मिला था। जब मैंने उन्हें कॉल करके सारी बातें बताईं तो उन्होंने कहा कि जो भी घर आए हैं, उन्हें पुलिस स्टेशन लेकर आ जाओ।’
इलियास कहते हैं कि मेरी फैमिली को भी खतरा है।पुलिस से मुझे कोई मदद नहीं मिली। मुझे उम्मीद है कि चाहे जल्दी या देर से, लेकिन इंसाफ मिलेगा। मुझे अदालत पर भरोसा है।
कोर्ट ने 5 घटनाओं को जोड़कर देखा, तब समझ आई भूमिका मोहम्मद इलियास की शिकायत पांच घटनाओं से संबंधित है। कोर्ट ने इन्हीं घटनाओं को जोड़कर देखने के बाद जांच के आदेश दिए।

1. कर्दमपुरी में सड़क जाम कर दी गई। मुस्लिमों और दलितों की गाड़ियां तोड़ी गईं। मौके पर पुलिस अधिकारी मौजूद थे। दावा है कि कपिल मिश्रा भी DCP वेद प्रकाश सूर्या के साथ खड़े दिखाई दिए थे। सड़क जाम करने और तोड़फोड़ का आरोप भी कपिल मिश्रा और उनके साथियों पर है।
2. चांदबाग में 24 फरवरी 2020 को दंगाइयों ने विक्टोरिया स्कूल की बसों में आग लगा दी।
3. टायर मार्केट पर मौजूद मस्जिद में 24 फरवरी 2020 की शाम को कुछ लोगों ने आग लगा दी थी।
4. भजनपुरा पेट्रोल पंप के पास 25 फरवरी 2020 की सुबह महिला प्रदर्शनकारी धरनास्थल पर बैठी थीं। दोपहर करीब 1 बजे मोहन नर्सिंग होम की छत से प्रदर्शनकारियों पर पत्थर बरसाए जाने लगे। आरोप मोहन नर्सिंग होम के मालिक और अन्य लोगों पर लगे।
5. मुस्तफाबाद की फारुकिया मस्जिद के पास 25 फरवरी की शाम लोग इकट्ठा हुए। इन लोगों ने मस्जिद में लोगों पर हमला किया। इसके बाद अगले दिन सुबह करीब 8:30 बजे मस्जिद में लगे CCTV कैमरे तोड़ दिए गए। इसके आगे मौजूद मदरसे को आग लगा दी गई। दंगाइयों ने गोलीबारी, आगजनी और लूटपाट की।

ये तस्वीर 23 फरवरी 2020 की है, जब दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास कपिल मिश्रा को भाषण देते देखा गया था।
वकील बोले: कपिल मिश्रा के खिलाफ गवाह-सबूत दोनों, फिर क्लीनचिट कैसे इसके बाद हम मोहम्मद इलियास के वकील महमूद प्राचा से मिले। वे बताते हैं, ‘कोर्ट में जस्टिस मुरलीधरन ने वीडियो चलाकर दिखाया था। उसमें साफ दिख रहा था कि कपिल मिश्रा भड़काऊ बयान दे रहे हैं। उन्होंने पूछा कि वे जो बोल रहे हैं, वो आपराधिक है। फिर FIR दर्ज क्यों नहीं हो रही। इस पर सरकारी वकील अमित प्रसाद ने कहा कि स्थिति FIR दर्ज करने के लिए अनुकूल नहीं है।’
‘आप सोचिए कपिल मिश्रा को किस हद तक बचाने की कोशिश की गई। वीडियो में पुलिस और DCP सूर्या साहब भी दिखाई दे रहे हैं। ये कोई हेट स्पीच का मामला नहीं है। कपिल मिश्रा ने साथियों के साथ मिलकर मुसलमानों और दलितों पर हमला किया था।’
वे आगे कहते हैं, ‘कपिल मिश्रा के खिलाफ गवाह और सबूत दोनों हैं। जहां ये वारदात हुई, उसका CCTV फुटेज सबसे अहम सबूत है। जजमेंट में खुद कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इन्हें क्लीनचिट देने की कोशिश की है, जो गलत है।’
‘पुलिस ने कपिल मिश्रा और उसके सहयोगियों को FIR- 59 में क्लीनचिट दी है, जो दंगों की साजिश का मामला है। इसमें उमर खालिद, गुलफिशा और बाकी आरोपियों को आतंकवाद के मामले में पकड़ा गया है।’

हालांकि खजूरीखास के SHO राकेश यादव कहते हैं, ‘किसी भी कोर्ट से अब तक हमें कोई पेपर या नोटिस जारी नहीं मिला है, जिसमें मोहम्मद इलियास को पुलिस प्रोटेक्शन देने के आदेश या निर्देश हों।’
जगदीश प्रधान बोले- ये सब झूठ, पुलिस का काम पुलिस करेगी 25 फरवरी 2020 की शाम मुस्तफाबाद के बृजपुरी इलाके के लोग मगरिब की नमाज के लिए तैयार हो रहे थे। आरोप है तभी भीड़ के साथ BJP लीडर मोहन सिंह बिष्ट और जगदीश प्रधान ने उन पर हमला किया। इस पर मोहन सिंह बिष्ट कहते हैं, ‘मैं 23 से 27 फरवरी तक इलाके में नहीं था। मैं विधानसभा अटेंड कर रहा था। वहां मेरी मौजूदगी का कागज भी मिल जाएगा। बाकी जो होगा वो देख लेंगे।’
वहीं जगदीश प्रधान का कहना है, ‘ये सब झूठ है। पुलिस का काम पुलिस करेगी और अदालत का काम अदालत करेगी। मैं सहयोग करूंगा।’
इस मामले में कपिल मिश्रा का पक्ष जानने के लिए हमने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनकी तरफ से हमारे मैसेज और कॉल का जवाब नहीं मिला है।
कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच के आदेश पर फिलहाल रोक दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच को लेकर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने कपिल मिश्रा की याचिका पर शिकायतकर्ता मोहम्मद इलियास को नोटिस जारी किया और 21 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।
राउज एवेन्यू कोर्ट की जस्टिस कावेरी बवेजा ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए मामले से संबंधित रिकॉर्ड मंगवाए हैं। उन्होंने साफ किया कि कोर्ट का जांच का आदेश अगली सुनवाई तक स्थगित रहेगा।
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