लखनऊ नगर निगम में भाजपा पार्षदों और मेयर के बीच तकरार का दौर जारी है। इसके चलते सदन की तय डेट में लगातार बदलाव किया जा रहा है। 12 अप्रैल को प्रस्तावित सदन की डेट फिर से आगे बढ़ने की संभावना है। मेयर दो बार एजेंडे को वापस लौटा चुकी हैं।
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मेयर भाजपा के नाराज पार्षदों से बात नहीं कर रही हैं। वह पार्षद कोटे के बढ़े बजट में विभिन्न मद पर होने वाले खर्च को स्पष्ट रूप से चाहती हैं। सफाई के मुद्दे पर कार्यकारिणी में पास हुए प्रस्तावों को सदन के पटल पर नहीं रखने के पक्ष में मेयर समर्थित कुछ पार्षद हैं। जबकि विरोधी खेमे के एक्टिव पार्षदों का कहना है कि कार्यकारिणी में पास हुए प्रस्तावों को ही सिर्फ सदन के एजेंडे में रखा जाए।
24 मार्च को नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में पास हुए प्रस्ताव पर एजेंडा में मुहर नहीं लग पा रही। अपर नगर आयुक्त ललित कुमार ने सदन की बैठक पर कहा कि इसकी बातचीत मेयर और नगर आयुक्त के बीच में चल रही है।

यह तस्वीर नगर निगम के कार्यकारिणी बैठक की है।
एजेंडे की फाइल रुकी
कार्यकारिणी में पास हुए प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पा रही। नगर निगम के अधिकारियों ने कार्यकारिणी में पास हुए प्रस्तावों को एजेंडे में शामिल कर मेयर को फाइल भेजी है, लेकिन अभी फाइल पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। महापौर कई मुद्दों पर संशोधन चाहती हैं, जबकि नगर निगम के अधिकारी कार्यकारिणी में पास हुए प्रस्तावों पर डटे हुए हैं। इस बीच दोनों पक्षों में फिलहाल टकराव बना हुआ है। बीच का रास्ता निकालने के लिए बैठकों का दौर जारी है।

महापौर ने 7 अप्रैल को पार्षदों के साथ कार्यालय पर बैठक की।
सफाई के मुद्दे पर तकरार
लखनऊ के पांच जोन में सड़क की सफाई का काम LSA को दिया गया था। 3,500 किलोमीटर की सफाई के ठेके को 1 हजार किलोमीटर कार्यकारिणी बैठक में कर दिया गया था। अब एजेंडे में इसमें बदलाव के कयास लगाए गए हैं। इसमें दोनों पक्ष आमने-सामने हैं।
बताया जा रहा है कि सदन की बैठक में इन एजेंडों को न रखने के लिए निगम के अधिकारियों से कहा जा रहा है। उधर, निगम के अधिकारियों का कहना है कि जब कार्यकारिणी की बैठक में तय हो चुका है तो अब इसे बदला नहीं जा सकता। सदन में इसे रखा जाना चाहिए।

महापौर ने 8 अप्रैल को पार्षदों के साथ बैठक की।
महापौर के बैठकों का दौर जारी
सदन की बैठक से पहले महापौर सुषमा खर्कवाल अपने कैंप ऑफिस में बैठक कर रही हैं। इसमें बागी पार्षदों से दूरी बनाई जा रही है, जिन पार्षदों ने महापौर का विरोध किया था। उन्हें नहीं बुलाया जा रहा। महापौर 110 वार्डों में से भाजपा के चुनिंदा पार्षदों के साथ बैठक कर रही हैं।
इसमें पार्षदों को अपने पक्ष में लाने के लिए जोर दिया जा रहा। इस दौरान सदन बैठक के पहले महापौर भी पूरी तैयारी के साथ में बैठक में शामिल होना चाहती हैं। बागी पार्षदों का दावा है साथ देने वाले पार्षदों के वार्ड में अधिक काम देने के प्रस्ताव भी बैठक में दिया जा रहा।

सपा पार्षद बोले बैठक नहीं होने से काम प्रभावित
जगदीश चंद्र बोस वार्ड से सपा के पार्षद यावर हुसैन रेशू ने मंगलवार को मेयर को पत्र लिखकर जल्द सदन की बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सदन की बैठक न होने से नए वित्त वर्ष 2025-26 का बजट अधर में है। शहर का विकास भी प्रभावित हो रहा है। शहर के विकास के लिए जल्द से जल्द सदन की बैठक बुला कर बजट को पास कराया जाना चाहिए। उधर, भाजपा पार्षदों के एक गुट ने भी सदन की बैठक जल्द बुलाने की मांग रखी है।
महापौर बोली पार्टी के काम के चलते सदन आगे बढ़ा
महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि पार्टी की स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम प्रस्तावित थे। इसके कारण बैठक की तय तिथि आगे बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बैठक की जाएगी। भाजपा पार्षद दल के नेता सुशील कुमार तिवारी (पम्मी) ने बताया कि महानगर भाजपा के साथ में हुई बैठक में एजेंडे का मुद्दा उठा था। इसके बाद 12 अप्रैल को बैठक करने का दिन निर्धारित हुआ था, लेकिन सदन की डेट पर कंफर्म नहीं थे।
पार्षदों को नहीं मिला एजेंडा
पार्षदों का कहना है कि अभी तक उन्हें एजेंडा नहीं मिला है। सपा के पार्षद दल के नेता कामरान बेग ने कहा कि 92 घंटे से पहले एजेंडा मिलना होता है, लेकिन अभी तक नहीं मिला है। महापौर सपा पार्षदों के साथ भी सदन से पहले बैठक कर सकती हैं। कांग्रेस के पार्षद मुकेश चौहान ने कहा कि सदन नहीं बुलाया जा रहा है। इससे आम जनता का काम प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के दबाव में नगर निगम के अधिकारी काम कर रहे।