मरकज़ी मस्जिद से रमजान के पहले जुमा की नमाज़ अदा कर घरों को लौटते नमाज़ी
झांसी की मस्जिदों में शुक्रवार को रमजान के पहले जुमा की नमाज़ हुई। इस दौरान भारी संख्या में नमाज़ी मस्जिद पहुंचे। कई मस्जिदों में भीड़ इतनी हो गई कि यहां एक बार में जुमा की नमाज़ नहीं हो सकी। इसके बाद दो बार में पेश इमाम ने जुमा की नमाज़ अदा कराई।वहीं, सु
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इस्लाम में शुक्रवार को होने वाली जुमा की नमाज़ को ईद-उल-मोमिनीन कहा गया है। यानी मुसलमानों के लिए जुमा की नमाज़ ईद के बराबर है। ऐसे में नमाज़ी भी जुमा की नमाज़ के लिए फिक्रमंद रहते हैं। वहीं, रमज़ान के दौरान पड़ने वाले शुक्रवार में जुमा की नमाज़ की अहमियत और भी बढ़ जाती है। इसीलिए शुक्रवार को झांसी की लगभग सभी मस्जिदों में जुमा की नमाज़ की तैयारियां हो रही थीं। मुफ़्ती साबिर कासमी ने बताया कि शुक्रवार को रमजान में पहली बार जुमा की नमाज़ होने के चलते काफी संख्या में नमाज़ी पहुंचे हैं। कई मस्जिदों में नमाज़ियों की बढ़ी तादाद को देखते हुए दो बार में जुमा की नमाज़ अदा कराई गई।
मरकजी मस्जिद में दो बार हुई नमाज़
झांसी में तवलीगी जमात का मारकज़ कही जाने वाली गोविंद चौराहा की मारकजी मस्जिद में रमजान के पहले जुमा की नमाज़ में लगभग 5 हजार नमाज़ी नमाज़ अदा करने पहुंचे थे। लेकिन मस्जिद में इतने नमाज़ियों को एक साथ नमाज़ अदा करने की जगह नहीं थी। ऐसे में मस्जिद की इंतिजामियां कमेटी ने फैसला किया कि दो बार में नमाज़ होगी। इसके बाद पहली जुमा की नमाज़ 1.30 बजे हुई तो दूसरे जुमा की नमाज़ 2 बजे अदा कराई गई।
पुलिस रही तैनात
झांसी की जिन मस्जिदों में नमाज़ियों की तादाद सबसे ज़्यादा होती है वहां, पुलिस प्रशासन ने अतिरिक्त फोर्स तैनात किया था। इनमें मारकज़ी मस्जिद, बिसाती बाजार की मस्जिद, सीपरी बाजार की जुमा मस्जिद, गरिया फाटक की बाबा की मस्जिद, कसाई मंडी की बड़ी मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों पर चौकी प्रभारी अपने फोर्स के साथ तैनात रहे।