20 जनवरी 2025 को शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रम्प के तमाम फैसलों में एक था- TikTok बैन पर 75 दिनों की मोहलत देना। दरअसल, बाइडेन सरकार ने TikTok को अमेरिका में बैन किए जाने का कानून बनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर मुहर लगाते हुए कहा कि TikTok बैन तभी रु
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19-20 जनवरी को सर्विस बंद होने लगी थी, लेकिन ट्रम्प ने 75 दिनों का वक्त देते हुए कहा, ‘अगर मस्क चाहें तो इसे खरीद सकते हैं। मैं भी इसे खरीदना चाहूंगा। अगर इससे बैन नहीं हटेगा, तो ये बेकार है। परमिशन मिली, तो इसकी कीमत ट्रिलियन डॉलर के बराबर है।’
क्या 75 दिनों में चीनी कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचेगी, इसे मस्क या ट्रम्प कौन खरीदेगा और क्या भारत में बैन TikTok फिर लॉन्च होगा; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…
सवाल-1: अमेरिका में 17 करोड़ TikTok यूजर, फिर बैन की नौबत क्यों आई? जवाब: अगस्त 2020 में डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान TikTok को बैन करने का मुद्दा उठाया था। ट्रम्प का कहना था कि TikTok से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। ट्रम्प ने माइक्रोसॉफ्ट पर TikTok खरीदने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन यह डील नहीं हो सकी। बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद TikTok पर बैन की मांग तेज हो गई।
24 अप्रैल 2024 को बाइडेन ने टिकटॉक बैन वाले विधेयक पर हस्ताक्षर करके नया कानून बना दिया। बाइडेन ने 6 महीनों के अंदर TikTok बैन करने की घोषणा की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया कि 19 जनवरी 2025 को TikTok बैन हो जाएगा।
20 जनवरी को ट्रम्प ने 75 दिनों का समय दिया। इस दौरान TikTok की पेरेंट कंपनी बाइटडांस को TikTok की 50% हिस्सेदारी एक अमेरिकी नागरिक को बेचनी होगी। ट्रम्प ने TikTok के मालिक झेंग यिमिंग से कहा कि अमेरिका में TikTok को खरीदने वाले कई लोग मिल जाएंगे। अगर इस डील को मंजूर नहीं किया तो अमेरिका इसे विरोधी कार्रवाई समझेगा।
सवाल-2: TikTok को लेकर ट्रम्प की स्ट्रैटजी क्या है? जवाब: फॉरेन एक्सपर्ट ए.के. पाशा कहते हैं कि ट्रम्प 2020 से TikTok को खरीदना चाहते थे, लेकिन उनकी सरकार चली गई। इसके बावजूद ट्रम्प ने TikTok के लिए प्लानिंग जारी रखी। नतीजतन, TikTok अमेरिका में बैन हो गया। यह प्लानिंग TikTok की मार्केट वैल्यू गिराने के लिए की गई थी। ऐसे में ट्रम्प TikTok को औने-पौने दामों में खरीद लेंगे। इसे ट्रम्प की ‘डिक्रीज डील’ भी कह सकते हैं।
TikTok की मार्केट वैल्यू लगभग 150 से 200 बिलियन डॉलर है, लेकिन अमेरिका में बैन लगने के बाद ट्रम्प का इसे 40 से 50 बिलियन डॉलर में ही खरीदने की उम्मीद है।
सवाल-3: TikTok कौन खरीदेगा- ट्रम्प, मस्क या कोई और? जवाब: 21 जनवरी को ट्रम्प ने एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मैं भी TikTok को खरीदना चाहूंगा। मुझे इस डील में जाने का अधिकार है।’
ट्रम्प ने शपथ ग्रहण के बाद व्हाइट हाउस जाकर कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत किए।
हालांकि ट्रम्प के बयान से यह साफ नहीं हुआ कि वे TikTok को अपने निजी पैसे से खरीदेंगे या यह डील सरकारी खजाने से की जाएगी।
TikTok को खरीदने वालों में सबसे आगे इलॉन मस्क का नाम चल रहा है। इसकी 3 प्रमुख वजहें हैं…
- मस्क और ट्रम्प जिगरी दोस्त हैं। इसके अलावा मस्क ट्रम्प सरकार के दक्षता विभाग के सदस्य भी हैं। ट्रम्प ने कहा, ‘मस्क TikTok को खरीद सकते हैं। अगर वह इसे खरीदना चाहते हैं, तो मैं तैयार हूं।’
- इलॉन मस्क दुनिया के सबसे अमीर आदमी हैं। मस्क के पास 427 बिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति है। दूसरे नंबर पर मौजूद अमेजन के मालिक जेफ बेजोस की संपत्ति मस्क से लगभग आधी है।
- मस्क ने ट्विटर को खरीदकर सोशल प्लेटफॉर्म्स में अपने इंट्रेस्ट को जता दिया है और वो इसे अच्छी तरह मैनेज भी कर सकते हैं।
ट्रम्प ने कहा कि मस्क TikTok को खरीद सकते हैं। (फाइल फोटो)
ट्रम्प और मस्क के अलावा ओरेकल के चेयरमैन लैरी एलिसन भी TikTok को खरीदने के लिए दिलचस्पी दिखा चुके हैं। यूट्यूब के सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले कंटेंट क्रिएटर मिस्टरबीस्ट, एम्प्लॉयर डॉट कॉम के फाउंडर जेसी टिंसले भी TikTok को खरीदने की इच्छा जता चुके हैं। इसके अलावा लॉस एंजिलिस डोजर्स के पूर्व चेयरमैन फ्रैंक मैककोर्ट और शार्क टैंक इन्वेस्टर केविन ओ’लोरी ने भी इस डील में शामिल होने का ऐलान किया है।
सवाल-4: क्या इस डील के बाद भारत में भी शुरू होगा TikTok? जवाब: इस सवाल का जवाब समझने के लिए पहले जानना होगा कि भारत में TikTok बैन क्यों हुआ था। 29 जून 2020 को भारत ने TikTok समेत 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा दिया था। सरकार ने बैन लगाने के पीछे 3 प्रमुख वजहें बताई थीं…
- इन ऐप्स से भारत की सुरक्षा, सम्प्रभुता और एकता को खतरा है।
- 130 करोड़ भारतीयों की प्राइवेसी और डेटा को खतरा है।
- इन ऐप्स से यूजर का डेटा चोरी कर भारत से बाहर मौजूद सर्वर पर भेजा जा रहा है। जो दुश्मनों के पास पहुंच सकता है।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने इन्हें बैन करने की सिफारिश की थी। संसद के अंदर और बाहर भी इन ऐप्स को लेकर चिंताएं थीं और जनता भी एक्शन की मांग कर रही थी। इंडियन साइबरस्पेस की सुरक्षा और सम्प्रभुता के लिए ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया गया था।
ए.के. पाशा कहते हैं, ‘अगर इलॉन मस्क TikTok को खरीद लेते हैं, तो यह भारत में दोबारा शुरू हो सकता है। भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों की वजह से इस ऐप पर बैन लगाया था क्योंकि भारतीय नागरिकों का डेटा चीन के पास भेजा रहा था, लेकिन अमेरिका की ओनरशिप के बाद भारतीय नागरिकों का डेटा अमेरिका के पास जाएगा, जिससे यह डेटा सुरक्षित रहने की उम्मीद है।’
ए.के. पाशा का कहना है कि गूगल, फेसबुक और वॉट्सएप जैसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का डेटा अमेरिकी जांच एजेंसी CIA के पास इकट्ठा रहता है। अभी तक डेटा लीक होने या दुरुपयोग होने की बात सामने नहीं आई है। अगर मस्क TikTok खरीदते हैं तो वो ट्रम्प सरकार के जरिए भारत पर बैन हटाने का दबाव भी बना सकते हैं।
सवाल-5: क्या कोई भारतीय बिजनेसमैन TikTok को खरीद सकता है? जवाब: TikTok को खरीदने के लिए अभी जिन कारोबारियों के नाम सामने आए हैं, इनमें से कोई भी भारतीय नहीं है। बैन से पहले TikTok के लिए भारत बहुत बड़ा बाजार रह चुका है, लेकिन इसे खरीदने के लिए कोई भी भारतीय कारोबारी जोखिम नहीं उठाना चाहता। इसकी 4 बड़ी वजहें हैं…
1. कानूनी बाधाएं: TikTok एक चाइनीज कंपनी है, जिसे भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से बैन किया गया था। ऐसे में अगर कोई भारतीय TikTok को खरीदता है, तो उसे भारतीय यूजर्स के डेटा की सिक्योरिटी का जिम्मा लेना होगा। अगर किसी वजह से डेटा लीक हुआ तो इसकी जवाबदारी TikTok के मालिक की होगी।
2. आर्थिक और कारोबारी चुनौती: TikTok की वैल्यू अरबों रुपए में हैं। इसके लिए बड़े इन्वेस्टर्स की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा भारत में पहले से ही फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के करोड़ों यूजर्स हैं। ऐसे में TikTok को दोबारा ऊंचाइयों तक पहुंचाना बहुत मुश्किल होगा।
3. ग्लोबल डिजिटल मार्केट पर फोकस: TikTok को चलाने के लिए भारतीय इन्वेस्टर्स को ग्लोबल डिजिटल मार्केट पर फोकस करना होगा। जिससे भारत में TikTok के यूजर्स दोबारा बढ़ने लगें।
4. सेंसिटिव कंटेंट पर कड़ी नजर: भारत में TikTok पर बैन से पहले कंटेंट को लेकर आपत्ति उठाई गई थी। ऐसे में भारतीय इन्वेस्टर्स को सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को सुलझाना भी बड़ी चुनौती होगी।
2020 में भारत में TikTok बैन का भारतीय लोगों ने समर्थन किया था।
सवाल-6: क्या चीन की सरकार इस डील को मंजूरी देगी? जवाबः विदेश मामलों के जानकार और JNU के प्रोफेसर राजन कुमार कहते हैं,
चीन TikTok को बेचने के लिए मंजूरी दे सकता है, क्योंकि ट्रम्प ने चीन पर चारों तरफ से प्रेशर बना दिया है।
अमेरिकी न्यूज वेबसाइट एग्जियोस की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सरकार ने बाइटडांस पर TikTok की डील को लेकर दबाव बनाया हुआ है। TikTok को खरीदने के लिए अमेरिकी नागरिक सामने आने लगे हैं, लेकिन चीन की नाराजगी की वजह से बाइटडांस फैसला नहीं कर पा रही है।
20 जनवरी को चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि देश की सभी प्राइवेट कंपनियों को अपने फैसले लेने का अधिकार है। कंपनियां बिजनेस से जुड़े फैसले अपनी मर्जी से ले सकती हैं, लेकिन चीनी कंपनियों को कानूनों और नियमों के तहत फैसला लेना होगा।
20 जनवरी को चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि देश में प्राइवेट कंपनियों पर बिजनेस से जुड़े फैसले लेने की आजादी है।
सवाल-7: आखिर चीनी ऐप TikTok को खरीदने के लिए कितने रुपए चाहिए? जवाब: अमेरिकी नेशनल फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म वेडबुश के एनालिस्ट डैन इविस के मुताबिक, TikTok की कीमत वर्तमान एल्गोरिदम के साथ 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। बाइटडांस के एल्गोरिदम के साथ कंपनी की वैल्यू 200 बिलियन डॉलर तक हो सकती है। अगर TikTok के खास एल्गोरिदम को हटा दिया जाए तो इसकी वैल्यू घटकर 40-50 बिलियन डॉलर रह जाएगी।
TikTok का एल्गोरिदम बेहद स्मार्ट टेक्नोलॉजी पर आधारित है। जो यूजर्स को उसकी पसंद के मुताबिक कंटेंट दिखाता है। इस एल्गोरिदम की वजह से यूजर्स को उसके इंट्रेस्ट, सर्च हिस्ट्री और इंटरएक्शन के आधार पर रिलेटेड वीडियोज दिखाई जाती हैं। इस वजह से कंपनी की वैल्यू कई बिलियन डॉलर तक बढ़ गई है।
रिसर्च सहयोग- गंधर्व झा
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