एडिटर कृष्ण कुमार शुक्ल/राघवेंद्र मिश्रा
बाराबंकी। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत राजकीय इण्टर कालेज ऑडीटोरियम बाराबंकी़ में वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में 459 हिन्दू तथा 06 मुस्लिम, कुल 465 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया। कार्यक्रम बैजनाथ रावत अध्यक्ष अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति आयोग उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राजरानी रावत जिला पंचायत, दिनेश रावत विधायक हैदरगढ़, शशांक त्रिपाठी जिलाधिकरी, अन्ना सुदन मुख्य विकास अधिकारी, हरगोविन्द सिंह पूर्व सदस्य विधान परिषद, प्रमोद तिवारी जिला उपाध्यक्ष भाजपा उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त उप जिलाधिकारी सदर, सुषमा वर्मा जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, सहायक निबंधक सहकारी समिति, जिला प्रोवेशन अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास, समस्त सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी, विभिन्न ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान, अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा विभिन्न विभागों के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। हिन्दू जोड़ों का विवाह गायत्री परिवार बाराबंकी तथा मुस्लिम जोड़ों का निकाह मुफ्ती अख्तर इमाम जामा मस्जिद बाराबंकी द्वारा सम्पन्न कराया गया।
उपस्थित अतिथियों ने नव दाम्पत्य को आशीर्वाद एवं शुभकामना देते हुए उत्तरोत्तर वृद्धि करने की कामना किया गया। सामूहिक विवाह की पावन बेला पर नव युगल को पवित्र गठबंधन के दाम्पत्य सूत्र के आत्मीय संबंधों के साथ गृहस्थ आश्रम में प्रवेश कर जन्म जन्मांतर के पारिवारिक एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के कर्तव्य निर्वहन हेतु जीवन की नई पारी पर वर वधू को आशीर्वाद एवं शुभकामना दिया गया। जिला पंचायत अध्यक्षा ने कहा कि सामूहिक विवाह योजना द्वारा शादी पर होने वाले अपव्यय पर रोक लगती है जिससे गरीब आदमी भी अपनी बहन, बेटी-बेटा की शादी खुशहाली के साथ संपन्न कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शुभ विवाह/पाणिग्रहण संस्कार जीवन का एक पवित्र गठबंधन है जिसमें पति पत्नी एक दूसरे के साथ समर्पित जीवन जीते हुए समाज एवं देश में अपना योगदान देते हैं। यह सामूहिक विवाह समाज की समरसता एवं समरूपता का प्रतिफल है। इस अवसर पर बाराबंकी जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि सामूहिक विवाह योजना द्वारा एकता और अखंडता को मजबूत किए जाने पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी जातियों के लोग एक मंडप में सबके साथ समानता का व्यवहार करते व सामाजिक रीति रिवाजों, परंपराओं से दाम्पत्य सूत्र में बंधते है। इससे सर्वधर्म समाज और संस्कृति पर बल मिलता है उन्होंने सात फेरों के सात वचनों पर बल देते हुए पति पत्नी को सामंजस्यपूर्ण जीवन जीते हुए प्रगति पथ पर आगे बढ़ने की शुभकामना दिया।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत शासन द्वारा एक जोड़े शादी पर रू0 51000/- व्यय करने की व्यवस्था की गयी है, जिसमें कन्या के दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु सहायता राशि रू0 35000/- मात्र कन्या के बैंक खाते में अन्तरित की जायेगी।