झांसी मंडल में इस साल के अंत से धौलपुर-बीना रेल मार्ग पर ट्रेनों की रफ़्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़कर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा हाे जाएगी। साल 2016 में शुरू हुआ तीसरी लाइन का काम पूरा हो गया है। वहीं, ललितपुर के जाखलौन में दस किलोमीटर रेलमार्ग की बा
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रेल संचालन से पहले पटरी का निरीक्षण करने पहुंचे मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा।
सितंबर 2016 में झांसी रेल मंडल के बीना से धौलपुर के बीच कुल 316 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग के साथ तीसरी लाइन बिछाने के लिए रेलवे ने चार हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। तीसरी लाइन पूरी करने का काम रेलवे की सहयोगी संस्था आरवीएनएल यानी रेल विकास निगम लिमिटेड को दिया गया था। संस्थान ने तेजी से काम को आगे बढ़ाया लेकिन कोरोना काल में यह कार्य डेढ़ साल के लिए रोक दिया गया था। इसके बाद साल 2022 में काम फिर शुरू हुआ और कार्यदायी संस्था ने तेजी से काम को अंजाम देना शुरू कर दिया। अब यह काम पूरा हो गया है।
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को लेकर रेलकर्मियों का ज्ञान परखते डीआरएम।
सीआरएस के निरीक्षण का इंतजार
तीसरी लाइन का काम पूरा होने के बाद मंडल ने शुकवार को रेलवे बोर्ड को सूचित कर ट्रैक का निरीक्षण कराने की मांग की है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस माह के अंत में सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) झांसी पहुंचेंगे और उनकी हरी झंडी मिलते ही पूरा रेलमार्ग रेल संचालन के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि अभी कई रेल खंड में ट्रेनों का संचालन शुरू भी हो चुका है।
जाखलौन से दस किलोमीटर घुमाई जाएगी पटरी
जाखलौन में जैन तीर्थ स्थल पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। ऐसे में रेलवे ने यहां से ट्रैक डालने का प्लान बना लिया, लेकिन जब काम शुरू हुआ तो एएसआई ने उस पर आपत्ति जताते हुए काम रुकवा दिया था। ऐसे में रेलवे ने फिर से नया मास्टर प्लान बनाया और अब यहां से पटरी को दस किलोमीटर घुमाकर बीना के लिए जोड़ा जाएगा।
160 की गति से चलेंगी ट्रेनें
अभी तक झांसी मंडल से होकर गुजरने वालीं ट्रेनों का संचालन अधिकतम 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति पर ही हो पाता है। लेकिन नई लाइन के बाद यह गति 160 किलाेमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी। अभी तक वंदे भारत, गतिमान, शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनें भी मंडल में 130 क गति से ही दौड़ पाती हैं।
थर्ड लाइन की जानकारी देते पीआरओ मनोज कुमार सिंह।
मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि तीसरी लाइन का काम लगभग पूरा हो चुका है। जाे थोड़ा बहुत कार्य है उसे जनवरी के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
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