प्रयागराज23 मिनट पहले
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महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था की डुबकी लगाने संगम पहुंचते हैं। एनडीआरएफ की टीम इसको लेकर तैयार है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीमें पूरे महाकुंभ के जलक्षेत्र और स्नान घाटों पर दिन-रात तैनात हैं। आपातकालीन स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान करना एनडीआरएफ की प्राथमिकता है।
आज टिकरमाफी घाट पर कौशांबी से आईं महिला श्रद्धालु अर्चना देवी (32) और अरैल घाट पर भोपाल से आए श्रद्धालु राहुल नागर (36) गंगा जी में स्नान करने के तुरंत बाद हाइपोथर्मिया के लक्षणों से परेशान हो गए। इस स्थिति में, एनडीआरएफ टीम ने अपनी सजगता और मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया।
अरैल घाट पर भोपाल से आए श्रद्धालु राहुल नागर गंगा जी में स्नान करने के तुरंत बाद हाइपोथर्मिया के लक्षणों से परेशान हो गए। इसके बाद उनका इलाज कराया गया।
इलाज से मिला दोनों श्रद्धालुओं को राहत मिली मौके पर मौजूद एनडीआरएफ के डॉक्टरों और नर्सिंग सहायकों ने बिना समय गंवाए पीड़ितों को आवश्यक इलाज उपलब्ध कराया। उनकी त्वरित और कुशल चिकित्सा सहायता से दोनों श्रद्धालुओं को राहत मिली। इसके बाद, उन्नत चिकित्सा सुविधा के लिए पीड़ितों को एनडीआरएफ की वॉटर एम्बुलेंस के माध्यम से सुरक्षित रूप से भेजा गया।
एनडीआरएफ सुरक्षा का एक भरोसेमंद आधार महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में एनडीआरएफ की सतर्कता, सेवा और समर्पण श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा का एक भरोसेमंद आधार है। वॉटर एंबुलेंस सेवा और बचावकर्मियों की सक्रियता एनडीआरएफ के आदर्श वाक्य “आपदा सेवा सदैव सर्वत्र” को दर्शाता है।