रामनगर बाराबंकी। किसानों की आय दोगुनी करने के सरकारी दावे जमीनी हकीकत में कितने कारगर हैं, इसका अंदाजा रामनगर और आसपास के क्षेत्रों के किसानों की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है। खरीफ की धान की फसल इस समय व्यास अवस्था में है, जिसके लिए नाइट्रोजन की पर्याप्त उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। लेकिन किसानों को यूरिया के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। रामनगर क्षेत्र की समितियां विछलखा, किन्हौली, रामनगर, संघ बुढ़वल, लैन बड़नपुर,गणेशपुर सहित सूरतगंज के कुरेलवा, पिपरी महार, मधवा जलालपुर, दोहई, बरैया, बिझला समितियों पर सुबह से देर शाम तक किसानों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। किसान सुबह 5 बजे से समितियों के चक्कर लगाते हैं और बरसात में भीगते हुए भी खाली हाथ मायूस लौटने को मजबूर हैं।
सचिवों की लापरवाही और कालाबाजारी के आरोप, एडीओ पर रौब झाड़ने का आरोप:
सूत्रों का कहना है कि कई समितियों के गोदामों में यूरिया पिछले एक सप्ताह से भरी पड़ी है, लेकिन सचिवों की लापरवाही, अकर्मण्यता और कालाबाजारी की नीयत के चलते इसे किसानों में वितरित नहीं किया जा रहा। किसानों का आरोप है कि स्थानीय एडीओ कोऑपरेटिव खुशबू राय
शिकायतों को सुनने के बजाय रौब झाड़ती हैं। बताया जा रहा है कि जब क्षेत्र के संभ्रांतजन और पत्रकारों ने उनसे खाद की उपलब्धता को लेकर जानकारी मांगी, तो उन्होंने उल्टे नाराजगी जताई। इस संबंध में जब जिला कृषि अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने मामले को एआर सहकारिता के पाले में डालते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया। अब देखना यह है कि किसानों की इस पीड़ा को दूर करने के लिए प्रशासन ठोस कदम उठाता है या लापरवाह अधिकारी संरक्षण पाकर मनमानी करते रहते हैं।

शिकायतों को सुनने के बजाय रौब झाड़ती हैं। बताया जा रहा है कि जब क्षेत्र के संभ्रांतजन और पत्रकारों ने उनसे खाद की उपलब्धता को लेकर जानकारी मांगी, तो उन्होंने उल्टे नाराजगी जताई। इस संबंध में जब जिला कृषि अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने मामले को एआर सहकारिता के पाले में डालते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया। अब देखना यह है कि किसानों की इस पीड़ा को दूर करने के लिए प्रशासन ठोस कदम उठाता है या लापरवाह अधिकारी संरक्षण पाकर मनमानी करते रहते हैं।






























