रिपोर्ट रोचक अग्निहोत्री (शाहजहांपुर )
लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-30) पर स्थित गर्रा नदी के नए पुल पर ताइवानी तकनीक से बने अत्याधुनिक सेंसरों की निगरानी का कार्य शनिवार से शुरू हो गया है। यह सेंसर पुल की लोड टेस्टिंग के लिए लगाए गए हैं ताकि पुल की मजबूती और संरचनात्मक स्थिरता के सटीक आंकड़े जुटाए जा सकें।आईआईटी दिल्ली और बंगलूरू के इंजीनियरों की विशेष टीम ने पुल के नीचे ताइवानी सेंसर स्थापित किए। शुक्रवार को सेंसर स्थापित करने का कार्य पूरा कर विशेषज्ञों की टीम दिल्ली लौट चुकी है। अब ये सेंसर पुल से जुड़े हर छोटे-बड़े कंपन, दबाव और भार के आंकड़े रियल टाइम में दिल्ली स्थित आईआईटी प्रयोगशाला को ऑनलाइन भेज रहे हैं।पुल के निर्माण में लगी एजेंसी ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेंसरों की सतत निगरानी के लिए पुल के दोनों ओर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। साइट इंजीनियर सुरजीत वर्मा ने बताया कि रविवार को भी सुबह से रात तक सभी सेंसर से डेटा भेजा जाता रहेगा। इन सेंसरों के जरिये पुल के विभिन्न हिस्सों में होने वाले बदलावों और भार की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
विशेषज्ञों द्वारा इन आंकड़ों का दो दिवसीय अध्ययन और विश्लेषण किया जाएगा। इसके आधार पर सोमवार से पुल पर चरणबद्ध तरीके से वजन डालने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रक्रिया सात दिनों तक चलेगी जिसमें प्रत्येक दिन धीरे-धीरे वजन बढ़ाया जाएगा। अंतिम दिन पुल पर कुल 400 टन वजन के साथ पांच बड़े ट्रक चलाए जाएंगे ताकि पुल की वास्तविक क्षमता का परीक्षण किया जा सके। इस पूरे परीक्षण के दौरान पुल की संरचनात्मक मजबूती, स्थायित्व और सुरक्षा को परखा जाएगा।पुल पर लगी इस अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि पुल भविष्य में भारी यातायात के लिए पूरी तरह सुरक्षित और सक्षम है। इससे जिले के लोगों और यात्रियों को एक मजबूत और सुरक्षित पुल मिलने की उम्मीद है।