तस्वीर 2024 अगस्त महीने की है जब अनंत सिंह जेल से रिहा हुए थे तब मोनू उनसे मिलने पहुंचा था।
पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह के समर्थकों पर बुधवार देर शाम नौरंगा गांव में जानलेवा हमला हुआ है। गैंगस्टर सोनू-मोनू ने 60 से 70 राउंड फायरिंग की।
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जवाब में अनंत सिंह के समर्थकों ने भी फायरिंग की। गोलीबारी के दौरान अनंत सिंह समर्थकों से चंद कदम दूरी पर ही खड़े थे। हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
रात साढ़े आठ बजे अनंत सिंह ने बताया कि, ‘मेरे घर पर सुबह 6 बजे 10-15 लोग आए थे। बोले कि, ‘हमारे घर में ताला लगा दिया है और मुझे घर से निकाल दिया है। रंगदारी मांगी जा रही है, हम कहां से पैसा देंगे। मैंने थाने पर जाकर डीएसपी से मिलने की बात कही।’
‘मैंने उनके गांव में घटना के बारे में पता किया। चार घंटे के बाद जानकारी मिली की पहले की तरह ही घर पर ताला लगा हुआ है। मैंने गांव जाकर ताला खोलने का फैसला किया। इसके बाद गांव पहुंचे और ताला खोल दिया। मन में हुआ कि सोनू-मोनू को कह दे कि ऐसी गलती क्यों करता है।’
अनंत सिंह बोले- सोनू-मोनू के कारण इलाके में लोगों का जीना दुश्वार
अनंत सिंह ने बताया कि, ‘सोनू-मोनू ने खेत में गड्ढा कर दिया और उनकी बदमाशी बढ़ते जा रही है। घर-घर जाकर रंगदारी मांगता है। महिलाओं और बुजुर्गों पर हमला कर दांत तोड़ दिया। इलाके में लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है।’
‘मेरे लिए जनता भगवान है, और मेरे सामने कोई भगवान को मारे, उन्हें घर से भगाए तो वैसा नेता मुझे नहीं बनना। रहेंगे तो काम हम करेंगे। पीड़ितों के साथ खड़े रहेंगे। मैंने अपने आदमियों को सोनू-मोनू के घर भेजा।’
मेरे पहुंचने तक फायरिंग बंद हो गई- अनंत सिंह
अनंत सिंह ने आगे बताया कि, ‘जो आदमी सोनू-मोनू के घर गए थे, उनकी गर्दन में गोली लगी वो दौड़ते हुए मेरे पास पहुंचे। मेरे आदमी इनको बचाने के लिए दौड़ गए। फिर दोनों तरफ से फायरिंग होने लगी। मेरे पहुंचने तक फायरिंग बंद हो गई। मेरे आदमी सिर्फ सोनू-मोनू से पूछने गए थे कि विधायक जी आए हैं, चलिए बताइए कि आप लोग ऐसा क्यों करते हैं।’
इतना समय लेकर पुलिस जाएगी तो कैसे काम होगा
पूर्व विधायक ने बताया कि, ‘इतनी बात पर ही उन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। जो बचाने गए उन लोगों ने फायरिंग की। पुलिस से गुहार नहीं लगाएंगे। इतना समय लेकर पुलिस जाएगी तो कैसे काम होगा। पुलिस त्वरित काम नहीं करती है। किसी का घर लुट रहा है और पुलिस कह रही है कि आप लिखित शिकायत दें तो यह सही नहीं है।’
पैसे को लेकर हुआ विवाद
ईंट-भट्ठे पर 14 हजार की सैलरी पर काम करने वाले मुंशी मुकेश कुमार के पास सोनू-मोनू बकाया पैसा मांगने पहुंचे थे। इसी दौरान दोनों ने मुंशी के साथ मारपीट की और उसे घर से बाहर करके ताला लगा दिया था। अनंत सिंह सोमवार को इसी मामले में पंचायती कराने गए थे। इस दौरान अनंत सिंह के समर्थकों ने सोनू-मोनू से कहा कि, ‘मुकेश के घर का ताला खोल दो, लेकिन वे नहीं माने।’
इसके बाद अनंत सिंह बुधवार देर शाम अपने समर्थकों के साथ फिर से नौरंगा गांव में विवाद सुलझाने पहुंचे। तभी फायरिंग हुई। घटना के बाद दोनों फरार हो गए हैं। इलाके में तनाव का माहौल है। नौरंगा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग मौके पर हैं।
बिहार सरकार अपराधियों को कराएंगी गिरफ्तार
मोकामा में गोलीबारी की घटना पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अनंत सिंह हो या कोई सामान्य व्यक्ति, सबको नॉर्मल जिंदगी जीने का अधिकार है। अगर गोलियां चली है तो मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य सरकार उन अपराधियों को पकड़ेगी।
नौरंगा गांव में भारी पुलिस बल तैनात है।
सोनू-मोनू ने की थी 60 लाख की डिमांड
मुकेश कुमार ने बताया कि, ‘मेरे घर पर सोनू आकर रंगदारी मांगता है। 9 महीने से विवाद चल रहा है, आज 60 लाख की डिमांड की गई। हमारी बेटी और पत्नी के साथ मारपीट भी की गई। थाना नहीं जा पाते थे, डर था कि कहीं हमको मार दिया जाएगा।’
जानकारी के मुताबिक, जिस ईंट-भट्टे पर मुकेश कुमार काम करता था, वहां के ऑनर ने उसपर साठ लाख रुपए गबन करने का आरोप लगाया है। ईंट-भट्टे का ऑनर सोनू-मोनू के करीबियों में शामिल है। इसी कारण मुकेश कुमार से सोनू-मोनू वसूली करने पहुंचे थे।
मुकेश कुमार का कहना है कि शिकायत करने पहले थाने पहुंचे थे। वहां हमारी बात नहीं सुनी गई तो हम एसपी कार्यालय पहुंचे। यहां भी उचित कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिला तो हम अनंत सिंह के पास पहुंचे थे।
सोनू-मोन पर मर्डर सहित 12 से ज्यादा मामले दर्ज
जलालपुर गांव के रहने वाले सोनू-मोनू इलाके के कुख्यात अपराधी हैं। इन पर मर्डर, अपहरण और फिरौती समेत 12 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं। ये यूपी के बाहुबली रहे मुख्तार अंसारी की टीम का हिस्सा रह चुके है। मोकामा में अनंत सिंह के साथ इसकी पुरानी अदावत रही है।
2009 के बाद गांव में ही दरबार लगाने लगे
साल 2009 में ट्रेन में लूटपाट के बाद वकील के बेटे सोनू-मोनू का गांव में ही दरबार लगने लगा। दोनों भाइयों के पास ऐसे लोग आने लगे, जिनकी समस्या विभागीय अधिकारी दूर नहीं कर पाते थे। ऐसे लोग सोनू-मोनू के दरबार में सुबह से कतार में खड़े रहते हैं।
दोनों भाइयों का मोकामा प्रखंड और अंचल कार्यालय के अधिकारियों व कर्मियों पर ऐसा खौफ है कि फोन पर आवाज सुनते ही समस्या का समाधान हो जाता है। लोगों की नजर में दोनों हीरो बन गए, लेकिन पर्दे के पीछे रंगदारी से लेकर लूटपाट और सुपारी लेकर मर्डर करना दूसरा पेशा बन गया।
ट्रेन में लूट से क्राइम में आए
दोनों के खिलाफ मोकामा जीआरपी में कई मामले दर्ज हैं। सभी ट्रेन में लूटपाट से संबधित हैं। पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र में हथियार बरामदगी मामले में मोनू बेऊर जेल में भी कई महीनों तक सजा काट चुका है।
झारखंड से लेकर लखीसराय जिले के कई थाना क्षेत्रों में उस पर एक दर्जन से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं। दोनों भाई बड़े से बड़े अपराध इतनी सफाई से अंजाम देते रहे हैं कि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाती थी। वकील पिता के संरक्षण में वह आराम से कोर्ट से बरी भी होते चले गए।
16 अगस्त को जेल से बाहर आए थे अनंत
बता दें कि 14 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने AK-47 और आवास से बुलेट प्रूफ जैकेट मिलने के केस में उन्हें बरी कर दिया था। पूर्व विधायक के खिलाफ अब एक भी केस पेंडिंग नहीं है। 16 अगस्त को अनंत सिंह जेल से बाहर आए थे।