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Income Tax Advocates Association’s seminar on tax | आयकर अधिवक्ता संघ की टैक्स को लेकर गोष्ठी: सीए बोले- नई कर प्रणाली को न्यायसंगत बनाया गया; टैक्स डिडक्शन में महत्वपूर्ण बदलाव – Kanpur News



बजट में किए गए बदलावों पर आयकर अधिवक्ता संघ की प्रत्यक्ष कर संगोष्ठी हुई।

केंद्रीय बजट-2025 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। कानपुर आयकर अधिवक्ता संघ की प्रत्यक्ष कर संगोष्ठी में स्टडी सर्किल प्रधान डीसी शुक्ला ने बताया कि नई कर प्रणाली में 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय को करमुक्त कर दिया गया है। मौलिक छूट की सीमा 4 ला

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नई कर प्रणाली न्यायसंगत सर्च और सर्वे मामलों में नई कर निर्धारण प्रणाली को अधिक न्यायसंगत बनाया गया है। अघोषित और घोषित संपत्तियों के बीच स्पष्ट अंतर किया गया है, जिससे केवल अघोषित आय पर ही ब्लॉक असेसमेंट कराधान होगा।

टैक्स डिडक्शन में महत्वपूर्ण बदलाव टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। किराए पर लगने वाले TDS की सीमा 2.40 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दी गई है। पेशेवर व्यक्तियों को मिलने वाली 50,000 रुपये तक की राशि को TDS के दायरे से बाहर रखा गया है। व्यापारियों की सुविधा के लिए TCS से संबंधित धारा 206C(IH) को समाप्त कर दिया गया है।

धर्मार्थ संस्थाओं को दी गई बड़ी राहत छोटी धर्मार्थ संस्थाओं को बड़ी राहत दी गई है। 5 करोड़ से कम आय वाली संस्थाओं का पंजीकरण अब 5 की बजाय 10 वर्षों के लिए एक साथ किया जाएगा। छोटी गलतियों के कारण अब इनका पंजीकरण रद्द नहीं होगा।

स्टार्टअप योजना 2030 तक बढ़ाई स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए स्टार्टअप योजना को 2030 तक बढ़ा दिया गया है। यूलिप से होने वाले लाभ को पूंजीगत लाभ माना जाएगा और उस पर कर लगेगा। क्रिप्टोकरेंसी एजेंसियों के लिए वार्षिक विवरणी दाखिल करना अनिवार्य कर दिया गया है।



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