मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में नामांकन के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने एक और सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने दावा किया कि मिल्कीपुर की जनता उन्हें लाखों वोटों के अंतर से विजयी बनाएगी।
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समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद द्वारा लगाए गए आरोप कि यह लड़ाई बाहरी और घर के व्यक्ति के बीच है के जवाब में चंद्रभानु ने कहा कि पिछले 12-14 वर्षों से वे और उनका परिवार मिल्कीपुर की जनता की सेवा में लगे हैं। उन्होंने कहा, “हम हमेशा लोगों के सुख-दुख में साथ रहे हैं। अब जनता को तय करना है कि कौन घर का है और कौन बाहर का। सब मिल्कीपुर की देव तुल्य जनता जान रही है।
नामांकन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर मतदाताओं को प्रभावित करने वाली किसी भी पोस्ट पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मतदान की तैयारियों के संबंध में उन्होंने बताया कि 20 जनवरी के बाद अर्धसैनिक बलों के साथ मिल्कीपुर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर एरिया डॉमिनेशन अभ्यास किया जाएगा।
बीजेपी प्रत्याशी चन्द्रभानु पासवान के नामांकन के दौरान जहां पार्टी जनसभा कर शक्ति प्रदर्शन कर रही थी, वहीं कुछ नेता ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई थी। जिसके बाद चर्चा है कि समाजवादी पार्टी के बाद अब बीजेपी में भी अंदरूनी कलह सामने आ रही हैं। दरअसल, टिकट न मिलने से नाराज सपा के नेता सूरज चौधरी ने आजाद समाज पार्टी से मिल्कीपुर उपचुनाव में ताल ठोक दी है। इस बीच गुरुवार को बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन से पहले हुई जनसभा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के साथ ही सभी 6 मंत्री मौजूद रहे। लेकिन इस दौरान पूर्व विधायक और टिकट के प्रबल दावेदार में से एक बाबा गोरखनाथ, रामु प्रियदर्शी और जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी नदारद रहे। जिसके बाद उनकी नाराजगी की बात खुलकर सामने आ गई।
वही चंद्रभानु पासवान का कहना है कि हमारी पार्टी के सभी कार्यकर्ता वरिष्ठ नेता लोग साथ में है कोई नाराज नहीं है। सब लोग अपने-अपने तरीके से चुनाव जीतने के लिए लगे हुए हैं। जब उनसे पूछा गया कि पहले दिन नामांकन के दौरान भाजपा प्रत्याशी के लिए जो दावेदार थे उन्होंने नामांकन सभा मंच को साझा नहीं किया। जिस पर उन्होंने कोई जवाब ना दिया और आगे निकल पड़े।