महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम का समय बचा है. इसे लेकर सियासी बिसात बिछाई जा चुकी है. महायुति से लेकर महाविकास आघाड़ी तक की ओर से उम्मीदवारों का ऐलान जारी है. इस बीच समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम ने एमवीए गठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन की ओर से सीटें नहीं दिए जाने से नाराज नजर आ रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अखिलेश यादव ने रविवार (27 अक्टूबर) को एमवीए को चेतावनी भी दे डाली है.
समाजवादी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की महाराष्ट्र में एंट्री ने कांग्रेस और एनसीपी की टेंशन बढ़ा दी है. इन पार्टियों के चुनावी मैदान में उतरने से सीधे तौर पर मुस्लिम वोटों में बंटवारे की संभावना बन सकती है. अगर ऐसा होता है तो कई सीटों पर चुनावी नतीजे बदल सकते हैं.
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम अकेले दम पर ही महाराष्ट्र चुनाव में 45 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है. पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 44 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया था. इनमें से कई सीटें ऐसी हैं, जहां 30 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. ओवैसी की पार्टी AIMIM मुस्लिम, दलित और पिछड़ा वर्ग का वोट पाकर किंगमेकर बनने की कोशिश में है.
पिछली बार के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 3, एनसीपी के 2, समाजवादी पार्टी के 2, एआईएमआईएम और शिवसेना का एक-एक मुस्लिम विधायक ने जीत हासिल की थी. 2011 की जनगणना के अनुसार महाराष्ट्र में करीब 1.5 करोड़ मुस्लिम आबादी है. महाराष्ट्र के उत्तरी कोंकण, खानदेश, मराठवाड़ा और पश्चिमी विदर्भ में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा है.
मुस्लिम समुदाय की करीब 40 विधानसभा सीटों पर हार-जीत में प्रभावी भूमिका है. पिछली बार के महाराष्ट्र चुनाव में 10 मुस्लिम विधायक चुनाव जीते थे. इनमें से 3 कांग्रेस, 2 एनसीपी, 2 सपा, 2 एआईएमआईएम और 1 शिवसेना से जीते हैं.
Published at : 28 Oct 2024 02:06 PM (IST)