अधिकारियों की मिली भगत से मजदूरों की संख्या बढ़ाकर हो रहा है बड़ा खेल
रिपोर्ट/सतीश कुमार नारद संवाद
बाराबंकी। जनपद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से योजना में भ्रष्टाचार किया जा रहा है।भ्रष्टाचार इस योजना में भी सेंधमारी ने पूरी योजना पर पलीता लगा दिया है।इस योजना का मकसद था कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को रोजगार मिल सके ताकि वे रोजगार के लिए बाहरी प्रदेशों में ना जाएं। मगर मनरेगा के जिम्मेदारों ने ही इस योजना में इस कदर लूट मचाई कि सरकार की पूरी मंशा धराशाई हो गई।प्राप्त जानकारी अनुसार
विकासखंड सिद्धौर मनरेगा में भ्रष्टाचार चरम पर है।28 तारीख से कागजों पर 50 की संख्या में फर्जी मजदूरों की हाजिरी में केवल पांच मजदूर कार्य कर रहे हैं। मनरेगा योजना में हो रही धांधली को रोकने के लिए सरकार के द्वारा एनएमएस पोर्टल भी बनाया गया। लेकिन प्रधान व समूह से चयनित मेट रेनू देवी।द्वारा किए गए।मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थित फर्जी दर्ज करने में नहीं चूक रही।पूरा मामला विकासखंड सिद्धौर के अंतर्गत ग्रामपंचायत अंदका का है। जहां पर निजामपुर संपर्क मार्ग से अंदका के लिए डामर रोड के किनारे की सफाई के कार्य में 50 की संख्या में फर्जी काम दर्शाकर मजदूरों को मिलने वाली रकम हड़पी जा रही है। वही जिम्मेदार अधिकारी इसकी जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं। स्थानी लोगों ने जानकारी देते हुए बताया काम 30 सितंबर से शुरू हुआ है जबकि पेरोल 28 सितंबर से ही फीड कर दिया गया।