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ग्राम विकास अधिकारियों ने एजेंट ठेकेदारों के माध्यम से सत्यापित किए प्रधानमंत्री आवास

रिपोर्ट-अनुराग राजू मिश्रा 

 

मदनापुर में पकडे गये जनसेवा केंद्र के जरिये मदनापुर ब्लाक में हुआ करोड़ों का प्रधानमंत्री आवास घोटाला

जनसेवा केंद्र संचालक छोटी मछली है पुलिस यदि सही तरह से विवेचना करे तो इसमें शामिल मिलेंगे कई ग्राम विकास अधिकार

मदनापुर ब्लाक में इस वित्तीय वर्ष स्वीकृत हुए 2200 प्रधानमंत्री आवास,प्रति आवास की कीमत 1 लाख 20 हजार  आवास पर रिश्वत 20 हजार 

 

पकडे गये जनसेवा केंद्र पर बैठकर हुआ ४४ करोड़ का भ्रष्टाचार —

 

डोर टू डोर किसी अन्य विभाग द्वारा जाँच करवा ली जाए  तो सैकड़ों आवास अपात्रों के पास मिलेंगे,,,,प्रधानमंत्री आवास 

 

शाहजहांपुर (मदनापुर)वीते दिवस जिलाधिकारी के निर्देश पर सदर एसडीएम ने मदनापुर में संचालित एक जनसेवा केंद्र पर छापा मारा तो वहां से कई ग्राम विकास अधिकारियों की मोहरे और ग्राम पंचायतो के कार्यवाही रजिस्टर (अभिलेख) बरामद हुए अधिआरियों के अनुसार काले के जनसेवा केंद्र पर मिली ग्राम विकास अधिकारियों की मोहरों को फर्जी बताया जा रहा है मोहरों को फर्जी बताने का मुख्य कारण है कि जन केन्द्र संचालक को बलि का बकरा बनाकर ब्लाक के ग्राम विकास अधिकारियों को पाक साफ़ बचने का प्रयास हो रहा है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मदनापुर ब्लाक के दो ग्राम विकास अधिकारी पिछले पंद्रह दिन से सैकड़ो किलोमीटर दूर अपने घरो पर आराम फरमा रहे थे जब यह अपने घरो पर थे तो इनकी ग्राम पंचायतों के आवासों का सत्यापन कैसे किया जा रहा था, काले के जनसेवा केंद्र पर मिली मोहरें व् अभिलेख इन्ही ग्राम विकास अधिकारियो द्वारा जन सेवा केंद्र को दी गई थी जिन ग्राम पंचायतो की यह मोहरे फर्जी बताई जा आरही है उन ग्राम पंचायतों में स्वीकृत आवासों को आवास साफ्ट के रजिस्टर से पीडी द्वारा चेक करवाया जाय तो उस पर लगी मोहरे यही मिलेंगी जिनको फर्जी बताया जा रहा है
मदनापुर ब्लाक में राम राज्य की तरह से ग्राम विकास अधिकारी नौकरी कर रहे है यहाँ पर बड़े बड़े धुरंधर ग्राम विकास अधिकारी तैनात है जो किसी को पात्र और अपात्र बना सकते है यहाँ तक कि यदि इनके मोटा माल मिले तो यह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी को भी प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर सकते है खुद सैकड़ो किलोमीटर दूर बैठे है और यहाँ पर अपने एजेंट लगा रखे है जिनके जरिये ग्राम पंचायतो के विकास कार्यो का लेखा जोखा रखा जाता है इसके लिए इन लोगो ने अपने एजेंटो को मोहरे और सरकारी अभिलेख भी सौंप दिए
इनके एजेंट ग्राम प्रधानो को घास भी घास भी नही डालते है इस समय प्रधानमंत्री जी द्वारा हर गरीब को छत देने का प्रयास किया जा रहा है जिसके तहत हजारों की संख्या में गरीब पात्र व्यक्तियों को आवास स्वीकृत किये जा रहे है लेकिन यह धुरंधर ग्राम विकास अधिकारी ग्राम प्रधानो को दरकिनार कर एजेंटों के माध्यम से पात्र से बीस हजार और अपात्र से तीस हजार रुपया प्रति आवास की वसूली करवाते है, इसलिए जिलाधिकारी महोदय को बरामद कार्यवाही रजिस्टर और एमबी बुक को पीडी के यहाँ से जांच करवाकर पता लगाया जा सकता है यह कार्यवाही रजिस्टर किन ग्राम पंचायतो के है और यह सरकारी अभिलेख काले के जनसेवा केंद्र पर कैसे और किसने दिए जिन ग्राम ग्राम विकास अधिकारियों के यह रजिस्टर है उनके खिलाफ भी विधिक कार्यवाही की जानी चाहिए काले के यहाँ कार्यवाही रजिस्टर के अलावा दर्जनों से अधिक एमबी बुक और फ़ाइल में लगे कोरे वाउचर भी पकडे गये है जो एमबी बुक पकड़ी गई है उनका भुगतान भी हुआ पाया गया है
काले एक नाममात्र का मोहरा है काले का जनसेवा केंद्र एक घोटाला करने का स्थान है यहाँ पर बैठकर मदनापुर के ही एक ग्राम पंचायत अधिकारी ने एक गेट वे लागिन से पांच ग्राम पंचायतो का भुगतान कर दिया था जबकि हर ग्राम पंचायत का अलग अलग गेट वे लागिन होता है
मदनापुर ब्लाक में 22 सौ आवास स्वीकृत हुए है यदि एक आवास से बीस हजार की रिश्वत मान ली जाय तो ४४ करोड़ की रिश्वत केवल मदनापुर ब्लाक में प्रधानमंत्री आवास के नाम ली गई जब रिश्वत करोड़ों में ली गई है इसीलिए काले को बलि का बकरा बनाकर फिर रिश्वत की दम पर जिनके रजिस्टर पकडे गये उन अधिकारियों को वचाने का प्रयास किया जा रहा है

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