Naradsamvad

खनन माफ़ियाओं के हौसले बुलंद-परमीशन के नाम पर हो रहा अवैध खनन,,-खनन अधिकारी का माफ़ियाओं को संरक्षण

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुमित आर महाजन के आदेश पर ट्रैक्टर ट्राली और जेसीबी हुआ सीज, एस एस आई मदनपाल मौके पर रहे मौजूद

नारद संवाद समाचार-राघबेन्द्र मिश्रा(स्वतंत्र पत्रकार)


हैदरगढ़-सुबेहा।। तहसील हैदरगढ़ के अंतर्गत थाना क्षेत्र सुबेहा में इन दिनों अवैध खनन जोरों पर है दरअसल परमीशन की आड़ में खनन माफियाओं द्वारा मानकों को ताक पर रख कर दिन रात अवैध खनन किया जा रहा है बड़ी बात तो ये है कि खनन अधिकारी अपने कार्यालय में बैठ कर ही सारी रिपोर्ट लगा कर अवैध खनन को बढ़ावा देते हैं तो आखिरकार क्यों न खनन माफियाओं के हौसले बुलंद न हो, बीते शुक्रवार को ग्रामीणों की शिकायत पर लेखपाल संजय द्विवेदी और हल्के के एस एस आई मदन पाल फोर्स बल के साथ खनन की जांच करने रुकुनुद्दीनपुर पहुँचे जहाँ पर ग्रामीणों की शिकायत पर जांच पड़ताल की गई।जांच में खनन मानकों के विरुद्ध पाया गया जिसकी जानकारी सुबेहा इंस्पेक्टर संजीत कुमार सोनकर को भी उपजिलाधिकारी द्वारा अवगत कराई गई लेकिन साहब ने माफ़ियाओं को मौका देकर काफी समय विताने के बाद खनन के घटना स्थल पर पहुँचे जहाँ मीडिया कर्मियों को वीडियो बनाते देख इंस्पेक्टर साहब भी नौ दो ग्यारह हो लिए।


ग्रामीणों ने ये सब देखकर अपनी बात सक्षम अधिकारियों के सामने रखी तो मामला कुछ अलग ही दिखा, जांच में पाया गया कि परमीशन वाला गाटा संख्या अलग है और जहां खनन हो रहा है वो गाटा संख्या अलग है साथ ही ये भी ग्रामीणों ने बताया कि परमीशन के नाम पर मानकों को ताक पर रख कर 10×3×4 घन मीटर का खनन किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो साहब ने भी मामला निबटाना चाहा लेकिन ग्रामीणों ने उनकी एक भी न मानी और शिकायत उच्च अधिकारियों से की इतना ही नही मामला तूल पकड़ता उससे पहले ही जॉइंट मजिस्ट्रेट सुमित आर महाजन ने कार्यवाही करते हुए एक जेसीबी के साथ मिट्टी से भरा हुआ ट्रैक्टर ट्राली को भी सीज कर दिया,। जानकारी करने पर पता चला कि ये जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली पारस भट्ठा की है। जेसीबी को सीज करने के बाद खनन माफियाओं में खलबली मच गई है। वही चर्चाओ के मुताबिक खनन माफिया पारस यादव ने अपनी ऐड़ी से चोटी तक कि सिफारिशों को जारी रखा लेकिन वो सफल न हो सके। सूबे की सरकार जीरों टॉलरेंस के आधार की नीति पर कार्यवाही कर रही है तो वहीं अवैध खनन माफियाओं को आखिरकार कौन संरक्षण दे रहा है ये तो अधिकारी ही बता सकते हैं

परमिशन के नाम पर होता है बड़ा खेला-अधिकारी झाड़ लेते हैं अपना पल्ला

मीडिया कर्मियों को वीडियो बनाता देख बापस जाते हुए इंस्पेक्टर संजीत कुमार सोनकर
मीडिया कर्मियों को वीडियो बनाता देख बापस जाते हुए इंस्पेक्टर संजीत कुमार सोनकर

खनन की परमिशन लेने के लिए प्रार्थी को एक लिखित एप्लीकेशन तहसीलदार के कार्यालय में देनी होती है जिसके बाद बो हल्के के लेखपाल को जांच के लिए दी जाती हैं लेखपाल की जांचोपरांत उस पर उपजिलाधिकारी की स्वीकृति की जाती है तब खनन को अपनी ही जमीन से अपनी ही जमीन में कराया जाता है लेकिन यहां माहौल ही कुछ और है यहां तो रातों दिन जेसीबी चलाकर खुलेआम खनन कराया जाता है सोंचनीय बात ये भी है कि अधिकांश अधिकारियों के संज्ञान में मामला पहुँचते ही अधिकारी भी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं ऐसे कई भट्ठे हैं जहां लगातार रात में अवैध खनन को अंजाम दिया जाता है लेकिन कुछ चंद अधिकारियों द्वारा गुलाबी नोटों की चाह में खनन को परमीशन के रूप में बदल दिया जा रहा हैं।कहीँ पर भी हो रहे खनन के बारे में जब सक्षम अधिकारियों से पूंछना चाहों तो अधिकारी भी टाल मटोल कर संज्ञान में न होने की बात कह देते हैं ऐसे में अधिकारियों को अपने बिभाग का संज्ञान न होना भी एक बड़ा सवाल बनता है।शनिवार को जब इस पूरे मामले में खनन अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने पत्रकार का फोन उठाना मुनासिब नही समझा।

अन्य खबरे

गोल्ड एंड सिल्वर

Our Visitors

795790
Total Visitors
error: Content is protected !!