रिपोर्ट रोचक अग्निहोत्री (शाहजहांपुर )
जिला प्रशासन की सख्ती और दावों के बावजूद शाहजहांपुर में मिट्टी का अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। सदर तहसील के कांट थाना क्षेत्र के मकसूद बरेंडा गांव सहित कई अन्य इलाकों में रात के अंधेरे में धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
प्रशासन इसे सीमित स्तर का मामला मानता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि खनन माफिया सुनियोजित तरीके से रात में मिट्टी खनन करते हैं और सुबह होते ही गतिविधि बंद कर देते हैं। जलालाबाद, अल्हागंज, मिर्जापुर, कलान, परौर, मदनापुर और कांट थाना क्षेत्र में खनन को पूरी तरह रोकना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
हालांकि बीते दिनों परौर क्षेत्र में एसडीएम की कार्यवाही से खनन माफियाओं पर असर जरूर पड़ा है। खुद मौके पर पहुंचकर जेसीबी मशीन को पकड़ा गया था। पूर्व एसडीएम चित्रा निर्वाल ने भी रात में बिना अनुमति चल रही जेसीबी को पकड़कर सीज करवा दिया था।
वर्तमान में कलान के एसडीएम अभिषेक प्रताप सिंह लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन खनन पूरी तरह रुक नहीं पाया है। ऐसा माना जा रहा है कि खनन गतिविधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे माफियाओं को पहले से ही प्रशासनिक कार्यवाही की भनक लग जाती है।
हाल ही में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरविन्द कुमार ने रात में छापेमारी शुरू की, जिससे कुछ हद तक अवैध खनन पर नियंत्रण पाया गया है। इसके बावजूद पूरी तरह से अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन को और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
प्रशासनिक सजगता और राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में मिट्टी खनन का यह गोरखधंधा बदस्तूर जारी है, जो पर्यावरण और सरकारी राजस्व दोनों के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है।