‘आदिल बचपन से शरीफ था। पांचों वक्त नमाज पढ़ता था। कुरान भी पढ़ता था। साइंस से ग्रेजुएट था। उर्दू से MA कर रहा था। प्राइवेट स्कूल में टीचर था। 7 साल पहले घर से निकला। फिर नहीं लौटा। हमने खूब फोन लगाया, लेकिन हर बार बंद आया। सब कह रहे हैं कि उसने पहलगा
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शहजादा बेगम आदिल हुसैन ठोकर की मां हैं। एक टूटे घर के मलबे के आसपास घूमती रहती हैं। कभी उसे ठहरकर देखती हैं। दो दिन पहले तक शहजादा बेगम इसी घर में रहती थीं। आदिल का नाम पहलगाम अटैक में आया तो आर्मी ने यहां सर्च ऑपरेशन चलाया। एक ब्लास्ट हुआ और घर ढह गया।
दैनिक भास्कर पहलगाम से करीब 55 किमी अनंतनाग के बिजबेहरा पहुंचा। यहां के गुरी गांव में आदिल का घर है। कभी बच्चों को पढ़ाने वाला आदिल अब 20 लाख का इनामी आतंकी है।

आदिल का ये स्केच सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया है। आदिल पर 20 लाख का इनाम घोषित किया गया है।
भाई और पिता को आर्मी ले गई, मां चाचा के घर में रह रहीं अनंतनाग से करीब 8 किमी दूर है गुरी गांव। यहां टीनशेड वाले गेट के अंदर दाखिल होने के बाद कुछ ही घर हैं। गली के ठीक सामने वाला घर टूटा पड़ा है। मलबे के बीच कुछ किताबें मिलीं। एक कॉपी भी मिली, जिसमें एनवायरनमेंट साइंस के नोट्स थे। कॉपी पर 2017 की तारीख लिखी है। कॉपी के बारे में हमने पड़ोस में रहने वाले गाजी मंजूर से पूछा।
गाजी बताते हैं, ‘ये राइटिंग आदिल की है।’

आदिल की एक कॉपी के आखिर में कश्मीरी भाषा में कुछ लाइनें लिखी थीं। पड़ोसी गाजी मंजूर इनका मतलब बताते हैं- हमें गलत रास्तों को छोड़कर सही रास्ते पर चलना चाहिए।
पढ़ा-लिखा आदिल आखिर कैसे आतंकी बन गया, ये जानने के लिए हम उसकी मां शहजादा बेगम से मिले। वे अभी आदिल के चाचा के घर में रह रही हैं। वे कश्मीरी भाषा में बताती हैं, ‘घर ढहाने से पहले आर्मी के लोग आए थे। आदिल के पिता और उसके दोनों भाइयों को पूछताछ के लिए ले गए। तीनों अब तक नहीं लौटे।’
आदिल के बारे में पूछने पर शहजादा बेगम कहती हैं, ‘पहले तो वो लड़ाई-झगड़े से भी डरता था। 2017 की बात है। हमारी जगह में मोबाइल टावर लगना था। टावर लगने से हमारे परिवार से एक लड़के को नौकरी भी मिलती। टावर का काम शुरू हो गया। एक पड़ोसी ने काम रुकवा दिया। वो हमें धमकियां दिलवाता था।’
‘शायद इसी बात से आदिल नाराज हो गया। वो घर छोड़कर चला गया। बताया नहीं, कहां जा रहा है। उस दिन एग्जाम देने गया था, फिर गायब हो गया। हमने तीन दिन तलाश की, फिर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी।’
क्या वो घर से पैसे लेकर गया था? शहजादा बेगम कहती है, नहीं, पैसा तो नहीं लिया था घर से। तब वो प्राइवेट टीचर था। उसके अकाउंट में 70 हजार रुपए थे। बाद में उसका बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया।’

ये आदिल की मां शहजादा बेगम हैं। फिलहाल घर में अकेली हैं। दोनों बेटे और पति पुलिस की कस्टडी में हैं।
आगे वो कहती है, ‘कुछ महीने बाद एक अनजान नंबर से फोन आया। हमें लगा ये उसी का फोन है। हम पुलिस स्टेशन गए और उन्हें बताया। पुलिस ने उस मोबाइल को भी जांच के लिए कब्जे में ले लिया। तब से आदिल के बारे में कोई खबर नहीं मिली। हमें ये भी नहीं पता है कि वो जिंदा है या मर चुका है।’
पहलगाम अटैक के बारे में पूछने पर कहती हैं, जिसने भी ये किया है, उसे सजा देनी चाहिए। मेरा बेटा भी अटैक में शामिल है, तो उसे भी सजा होनी चाहिए। फांसी होनी चाहिए। वे टूरिस्ट बेकसूर थे। कश्मीर घूमने आए थे।’
‘हां, अगर मेरे बेटे ने ये नहीं किया है, तो सरकार मेरे घर का मुआवजा दे। मेरा पूरा घर खत्म हो गया। हम कहां रहेंगे। कहां घर बनवाएंगे। मेरे दोनों बेटे और पति पुलिस की कस्टडी में हैं।’

आदिल का टूटा घर। आदिल के घर में शुक्रवार रात को ब्लास्ट हुआ था।
मोबाइल टावर लगवाने पर विवाद हुआ, नाराज होकर पाकिस्तान गया टावर के झगड़े और आदिल के आतंकी बनने के बारे में हमने आसपास के लोगों से बात की। लोग कैमरे पर नहीं आना चाहते, लेकिन टावर वाली बात का जिक्र करते हैं। लोग बताते हैं, ‘2017 में आदिल ने मोबाइल टावर लगवाने के लिए कंपनी से कॉन्टैक्ट किया था। इसके लिए आदिल के परिवार की जमीन फाइनल हो गई। इस काम के लिए आदिल के परिवार को हर महीने किराया और एक व्यक्ति को नौकरी मिलती।’
‘कंपनी ने करीब 20 लाख रुपए का सामान भी लाकर रख दिया। उसी समय गांव में रहने वाले एक शख्स ने विरोध शुरू कर दिया। वो पहले खतरनाक आतंकी रह चुका था। बाद में आतंक का रास्ता छोड़ दिया था। इसके बाद सरकार की मदद करने लगा था। उसी ने धमकी देकर टावर का काम बंद करा दिया।’

इस दौरान आदिल और उसके परिवार को खूब परेशान किया गया। उसने कभी कहा नहीं, लेकिन शायद इसी वजह से वो पाकिस्तान चला गया और आतंकी बन गया।
पड़ोसी बोले- बचपन में होनहार था, सरहद पार गया तो यकीन नहीं हुआ हमने आदिल के पड़ोस में रहने वाले गाजी मंजूर से बात की। वे एक्टिविस्ट भी हैं। आदिल के घर पर एक्शन के बारे में गाजी मंजूर कहते हैं, ‘शुक्रवार शाम को सिक्योरिटी फोर्स आई थी। आदिल के घरवालों को बोला कि घर खाली कर दो। पड़ोसियों को भी घर खाली करने के लिए कहा। बोले कि आदिल के घर से 100 मीटर एरिया में कोई नहीं होना चाहिए।’
‘आदिल की मां भी पड़ोसियों के साथ दूर चली गईं। रात 12:30 बजे जोरदार ब्लास्ट हुआ। पूरे गांव में धमाके की आवाज गूंजी। धमाके से आसपास के कुछ घरों में थोड़ा नुकसान हुआ है।’

‘आदिल पढ़ाई में अच्छा था। ज्यादा खेलता-कूदता नहीं था। बचपन में उसका बर्ताव ठीक था। 2018 में पता चला कि वो सरहद पार चला गया है। किसी को यकीन नहीं हो रहा था। उसके गायब होने के बाद घरवालों ने बिजबेहरा थाने में उसके लापता होने की शिकायत की थी। तब से जांच ही चल रही है।’
परिवार का दावा- आतंकी के स्केच और आदिल की फोटो अलग हमने पूछा कि आदिल के पहलगाम अटैक में शामिल होने का पता कैसे चला। गाजी मंजूर कहते हैं, ‘अटैक के बाद आसपास बताया गया कि इसमें आदिल शामिल है। इसके बाद कुछ फोटो लाकर उसकी मां को दिखाए गए। मां ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम अटैक में शामिल आतंकी का स्कैच आदिल से मैच नहीं करता। हां, उसका नाम और पता जरूर यही है।’
हमने पूछा- आप तो उसके पड़ोसी हैं, क्या आपको लगता है कि स्कैच आदिल का ही है? गाजी कहते हैं, ‘सच में वो आदिल का स्केच नहीं है। गांव के लोग भी यही कह रहे हैं कि स्केच में वॉन्टेड आतंकी आदिल नहीं है।’
इस बारे में हमने आदिल की मां और चाचा से भी बात की। दोनों ने कहा कि हम दावे से कह सकते हैं कि जारी किया स्केच आदिल का नहीं है। बाकी सभी डिटेल सही है।

आदिल का स्केच और उसकी पुरानी फोटो। परिवार का दावा है कि फोटो स्केच से मैच नहीं करती।
हमने प्रूफ दिखाने के लिए कहा तो उन्होंने आदिल की एक फोटो दिखाई। ये फोटो करीब 14 साल पुरानी है। हमने पूछा कि अभी आदिल की उम्र कितनी होगी। मां शहजादा बेगम बताती हैं, ‘अब वो 33 साल का होगा। ये फोटो तब की है, जब वो 19 साल का था।’
आदिल 28 साल की उम्र में गायब हुआ, तो फिर इतनी पुरानी फोटो क्यों दिखा रहे हैं। शहजादा बेगम बोलीं- मेरे पास यही आखिरी फोटो है। और फोटो होंगी तो घर के मलबे में दब गईं।

14 एक्टिव आतंकियों की लिस्ट तैयार सुरक्षा एजेंसियों ने आदिल सहित कुल 14 आतंकियों की लिस्ट बनाई है। ये सभी कश्मीर में एक्टिव हैं। इनके घर ढहाने की तैयारी है। अब तक 6 आतंकियों के घर एक्शन हो चुका है।










आतंकी जिन पर एक्शन हुआ
जाकिर अहमद

जाकिर कुलगाम के मुतलहामा का रहने वाला है। घर से गायब होने से पहले वो शटरिंग का काम करता था। 27 सितंबर, 2023 में अचानक घर से गायब हो गया। 29 सितंबर, 2023 को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जॉइन कर लिया। अभी लश्कर के प्रॉक्सी संगठन TRF यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट के लिए काम कर रहा है। इसकी एक्टिविटी साउथ कश्मीर में अनंतनाग, कुलगाम और पीर-पंजाल के बॉर्डर एरिया में ज्यादा है।
आसिफ अहमद शेख

आसिफ त्राल के मुंगमा का रहने वाला है। 18 अप्रैल 2022 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ। ये अवंतिपोरा का डिस्ट्रिक्ट कमांडर है। युवाओं का ब्रेनवॉश करता है। किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए लोकल सपोर्ट का मास्टरमाइंड है।
अहसान अहमद

अहसान ने 24 जून 2023 को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जॉइन किया। पुलवामा के मुर्रन गांव का रहने वाला है। अभी पुलवामा जिले में ही एक्टिव है। 2 साल से सुरक्षा एजेंसियां उसे तलाश रही हैं। अहसान के बारे में कहा जाता है कि वो पुलवामा में बहुत खुफिया तरीके से एक्टिव रहता है।
आसिफ अहमद

आसिफ शोपियां के वानपोरा का रहने वाला है। वो हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा है। वो सिर्फ 14 साल की उम्र में आतंकी नेटवर्क में शामिल हो गया था। जुलाई 2015 में हिजबुल जॉइन किया। अभी शोपियां का सबसे खतरनाक आतंकी माना जाता है।
हारिस नजीर

हारिस कश्मीर के पुलवामा के केचिपुरा गांव का रहने वाला है। इसका जन्म 2005 में हुआ था। 24 जून 2023 में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा। अभी ये लश्कर के प्रॉक्सी TRF में एक्टिव है। इसकी एक्टिविटी पुलवामा और त्राल में है।
TRF ने कहा- हमले में हमारा हाथ नहीं पहलगाम हमले के बाद एक फोटो रिलीज कर आतंकी संगठन TRF ने जिम्मेदारी ली थी। 26 अप्रैल को संगठन ने हमले में हाथ होने से इनकार कर दिया। TRF ने कहा कि उनके डिजिटल प्लेटफॉर्म को साइबर हमला कर हैक कर लिया गया था। इससे फर्जी मैसेज डाला गया था। TRF ने भारतीय एजेंसियों पर साजिश रचने का आरोप लगाया और मामले की जांच शुरू करने की बात कही।
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पहलगाम हमले से जुड़ी ये रिपोर्ट भी पढ़िए…
26 टूरिस्ट का कत्ल कर कहां गायब हुए 5 आतंकी, 20Km चलकर पहलगाम आए

मशहूर टूरिस्ट स्पॉट बैसरन घाटी में टूरिस्ट फोटो ले रहे थे, वीडियो बना रहे थे, एडवेंचर एक्टिविटी कर रहे थे। तभी गोलियां चलने लगीं। फायरिंग वाली जगह से दूर टूरिस्ट्स पर कोई असर नहीं पड़ा। थोड़ी देर में ही उन्हें भी समझ आ गया कि हमला हुआ है। जंगल की तरफ से आए आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। 10 से 15 मिनट में 26 लोगों को मार दिया। फिर वापस जंगल में गायब हो गए। पढ़िए पूरी खबर…
पाकिस्तानी बोले- हम खुश नहीं, खुद आतंकवाद झेल रहे पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के रहने वाले ताहिर नईम अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार हैं। वे मानते हैं कि भारत से रिश्ते खराब होने का पाकिस्तान पर बुरा असर होगा। वे कहते हैं कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद झेल रहा है। पहलगाम हमले से पाकिस्तानी भी खुश नहीं हैं। पढ़िए पूरी खबर…