**सिरौली गौसपुर से अश्वनी त्रिपाठी की रिपोर्ट*****
**डीसी मनरेगा से शिकायत के बाबजूद भी भ्रष्टाचार पर नही रही लगाम-आखिर कब जागेंगे अधिकारी****
सिरौली गौसपुर ब्लॉक कि पंचायत भरतीपुर में मनरेगा हाजिरी में भ्रष्टाचार की बू बता दे सिरौली गौसपुर के मनरेगा कार्यों में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं लें रहा है इसको लेकर कई सारे समाचार पत्र ने खबर को भी प्रकाशन किया बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई नतीजा इसीलिए शून्य दिखा सोशलमीडिया पर एक ट्विटर यूजर ने अपने अकाउंट से ट्विटर पर ट्वीट किया और बताया कि सिरौली गौसपुर की पंचायत भर्तीपुर में मनरेगा में भ्रष्टाचार किया गया है वही इतना ही नहीं अन्य यूजर भी कई प्लेट फॉर्म पर ऐसी पोस्ट 18 अप्रैल की रात्रि में किए है कि भरतीपुर पुर पंचायत में मनरेगा के कार्यों में धांधली हो रही है अब ऐसी स्थिति में हमारी टीम ने पड़ताल किया ऑनलाइन मनरेगा की हाजिरी देखी गई तो पाया गया वास्तव में कही न कही यह पंचायत भी अन्य पंचायत की तरह भ्रष्टाचार में संलिप्त है क्योंकि इस पंचायत में 18 अप्रैल को 3 मास्टर रोल चकबन्ध निर्माण कार्य को लेकर चलाए गए 230 ,231और 232 जिसमे जो मजदूर खड़े है वह मजदूर नहीं लग रहे है हम ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि अगर कोई मजदूर चकमार्ग की खुदाई पटाई का कार्य करेगा तो उसके हाथ में फावड़ा झवा जैसे उपयोगी वस्तु जरूर होगी जो फोटो में नहीं दिखाई दिए इतना ही नहीं इन तीनों मस्टररोल की हाजिरी जोड़ कर कुल 27 हाजिरी की बात सामने आती है जबकि जो फोटो अपलोड है वह कम अपलोड है किसी में एक तो किसी में दो इसी तरह फ़ोटो में कम लोग है वही। इन मस्टररोल पर अगर महिला हाजिरी की बात करे तो लगभग 7 महिला की हाजिरी लगाई गई जबकि फोटो में साफ तौर से दिख रहा है कि एक भी महिला नहीं है महिलाओं को रोजगार देना यह सरकार की मुहिम है प्रधान जी ने रोजगार तो महिलाओं को दिया लेकिन सिर्फ कागजी कार्यवाही पर जबकि सिरौली गौसपुर की खंड विकाश अधिकारी महिला है जिनका नाम आदिति श्रीवास्तव है एक महिला अधिकारी के होने के बावजूद इस तरह का मामला सामने आता है जहां पर महिलाओं की हाजिरी गलत लगाई गई या यूं कहा जाए फर्जी तरीके से यह डाटा केवल और केवल मात्र एक दिन का है अगर पीछे और खंगाला जाए तो बहुत कुछ सामने आ सकता है सरकार ने ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था इसलिए सुनिश्चित करवाई कि भ्रष्टाचार रोका जा सके लेकिन योगी जी की जीरो टॉर लेश नीति की कमर तोड़ देने का कार्य किया जाता है क्योंकि ग्राम प्रधान जी ने उसका भी तोड़ निकाल लिया अब देखना यह। है कि आखिर जिले के तेज तर्रार जिला अधिकारी शशांक त्रिपाठी इस खबर को लेकर क्या रुख अपनाते है