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पहले फ्रॉड फिर समझौता का दबाव और उसके बाद बैनामा कैंसिलेशन की याचिका दायर

विहारी बाबा ने बताया अपनी जान को खतरा-शिकायती पत्र देने के बाबजूद नही हुई अभी तक कोई कार्यवाही

Contents
फर्जी बैनामे में उपनिबंधक की भूमिका संदिग्ध, स्टाम्प विक्रेता अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू एवम वकील सहित कई अन्य भी शामिलबाराबंकी। जिले की तहसील रामनगर में बुढ़िया माता मंदिर के पुजारी बिहारी बाबा की जमीन को फर्जी तरीके से बैनामा कर जमीन हथियाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, बीते पिछले माह 21 मार्च को बुढ़िया माता मंदिर के पुजारी बिहारी बाबा की जमीन का बैनामा स्टांप विक्रेता अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू सहित वकील द्वारा फ़र्ज़ी तरीके से बड़ेल के एक व्यक्ति को बेंच कर बैनामा कर दिया गया। जिसकी जानकारी सही विक्रेता व वर्तमान में कब्जा धारक बिहारी बाबा को नहीं हुई। जब बिचौलियों द्वारा बयांन कराने के लिए फर्जी व्यक्ति को बिहारी बाबा पुत्र सर्वजीत बनाकर ले गए। सुर्खियों के चलते तभी ये मामला मीडिया सहित कई अन्य लोगों के प्रकाश में आया। आनन फानन में उपनिबंधक कार्यालय में तैनात सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए ,जमीन के असली मालिक बिहारी पुत्र सर्वजीत बहेलिया को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद विहारी द्वारा थाने में शिकायती पत्र दिया गया। इधर फ्राड करने वाले माफियाओं ने सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी से मिलकर बिहारी बाबा की जमीन के फ़र्ज़ी बैनामे को कैंसिल कराने के लिए सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर दी। जैसे ही भू माफियाओं को पता चला कि बिहारी बाबा ने थाने में शिकायती पत्र दिया है आनन फानन में माफियाओं द्वारा पुलिस को गुमराह कर मामले को मैनेज करने में लग गए। जब इस पूरे मामले में रामनगर थाना अध्यक्ष अनिल पाण्डेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है इसकी जांच सीओ रामनगर गरिमा पंत कर रही है, जांच के बाद ही आगे कोई कार्रवाई की जाएगी , ऐसे मामले में जब रजिस्ट्रार द्वारा फ्राड करने वालों के खिलाफ FIR करनी चाहिए थी तो बो क्यो शांत हैं, यही बो असल बजह है कि यहां पर सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी की भूमिका संदिग्ध है?? जैसे ही बिहारी पुत्र सर्वजीत मामले को थाने ले गए जिसके बाद उनके खाते में माफियाओं में 5 लाख रुपये भी डाले,जिससे यह साबित हुआ कि पैसे की दम पर मामले को पूर्णतया मैनेज किया जा रहा है?? जिसमे अभिषेक शुक्ला सहित उनके कई अन्य साथी इस प्रकरण में शामिल हैं। जबकि जमीन के असली हकदार बिहारी पुत्र सरजीत ने अपनी जान माल को खतरा बताया है जिसमें उन्होंने वकील सहित अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू व उनके अन्य साथियों पर फ़र्ज़ी बाड़ा कर अवैध तरीके से जमीन हथियाने और अपनी जान माल का खतरा का आरोप लगाया है। जब इस फ़र्ज़ी प्रकरण के बारे में मीडिया द्वारा सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कोई ठोस जबाब न देते हुए बल्कि पत्रकारों की डिग्री और उनको सही दिशा में पत्रकारिता करने की हिदायत दे डाली। सवाल यह है कि ?? अगर कोई ब्यक्ति किसी दूसरे की जमीन को फ़र्ज़ी तरीके से बैनामा कराता है तो उस पर सब रजिस्टार को त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए, लेकिन यहां तो मैडम सिर्फ मैनेजमेंट की बात करती दिखीं, अपने आप को सेफ बचाने के साथ सब-रजिस्टार द्वारा फ्राड कर गलत तरीके से बैनामा कराने वाले माफियाओं को बचाने में जुटी हैं। यही बो बजह है कि सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी द्वारा फ्राड करने और फ़र्ज़ी बैनामा कर जमीन बेंचने वालों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नही की है। यही सवाल सब रजिस्टार को कटघरे में खड़ा करता है कि अवैध तरीके से बैनामे करने वाले बकील और स्टाम्प विक्रेता पर आखिर कार्यवाही कराने से क्यो नकार रही है। चर्चाओं की माने तो इस पूरे मामले में सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी और उनके कार्यालय के कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। अगर मामले की निष्पक्षता से जांच की जाए तो कई ऐसे तथ्य सामने आएंगे जिनमे फ्राड करने वालों से लेकर और विहारी बनकर फ़र्ज़ी तरीके से बयान करने वाले व्यक्तियों को जेल की सलाखों के पीछे जाना तय है, इस लिए मैडम अपने आप को सेफ रखने के लिए माफियाओं पर कार्यवाही कराने में पीछे हट रही हैं और मामले को सुलह समझौता बताकर निबटा देना चाहती हैं। लेकिन तमाम खबरों के प्रकाशन के बाद मामले ने आखिरकार तूल पकड़ ही लिया है। अपनी जमीन को बापस पाने और दोषियों पर कार्यवाही कराने के लिए विहारी पुत्र सर्वजीत न्याय की गुहार लगा रहा है।जमीन की फ़र्ज़ी रजिस्ट्री/बैनामा कराने पर सात साल तक की जेल हो सकती है. इसके अलावा, जुर्माना भी लगाया जा सकता है. फ़र्ज़ी रजिस्ट्री के मामले में FIR दर्ज कराई जा सकती है. लेकिन यहां सब मैनेजमेंट की दम पर चल रहा है, प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में ग़लत जानकारी देने पर सात साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से जमीन बेचने पर आजीवन कारावास और जुर्माना हो सकता है।आईपीसी की धारा 406 के तहत, अगर किसी की संपत्ति को छल करके हड़प लिया जाए, तो दोषी को तीन साल की सज़ा हो सकती है। लेकिन यहां सब रजिस्टार बैनामा कैंसिल कराने को ही प्रथम कार्यवाही मानती है जबकि फ्राड करने वालों के खिलाफ उनको FIR करानी चाहिए थी, जो अभी तक नही हुई है।इसमे भी भूमिका संदिग्ध लग रही है।भाजपा की सरकार में साधू-संतों के साथ फ्रॉड कर अवैध तरीके से जमीन हथियाने के मामले में अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। रामनगर स्थित बुढ़वा मैया मंदिर के पुजारी बिहारी पुत्र सर्वजीत बहेलिया ने 26 मार्च को पुलिस को दिए गए पत्र में बताया कि उनकी जमीन लगभग(कच्चा 7 बीघा) का फ़र्ज़ी बैनामा कराकर अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू ने अपने साथियों के साथ मिलकर जमीन हड़पने का प्रयास किया जानकारी होने पर पुजारी ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया।जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है।जबकि विहारी पुत्र सर्वजीत ने अपनी जान का खतरा है तो वही माफियाओं द्वारा फर्जी तरीके से थाने में सुलह समझौता का दबाव बनाकर बाबा के खाते में ₹500000 डाल दिए। अब सवाल है उठता है कि जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में राम राज्य को मानने वाले साधु संतों के साथ छल कपट और फ्रॉड हो रहा है यहां एक ओर प्रशासन जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्यवाही करता है तो वही अभी तक बिहारी पुत्र सरजीत को कोई न्याय नहीं मिला है जिस पर उनका कहना है कि मामला अधिकारियों के संज्ञान में दिया गया है हमारी जान माल को भी खतरा है अगर हमें न्याय ना मिला तो हम सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मिले लखनऊ जाएंगे।

फर्जी बैनामे में उपनिबंधक की भूमिका संदिग्ध, स्टाम्प विक्रेता अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू एवम वकील सहित कई अन्य भी शामिल

राघवेन्द्र मिश्रा(नारद संवाद एजेंसी)

बाराबंकी। जिले की तहसील रामनगर में बुढ़िया माता मंदिर के पुजारी बिहारी बाबा की जमीन को फर्जी तरीके से बैनामा कर जमीन हथियाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, बीते पिछले माह 21 मार्च को बुढ़िया माता मंदिर के पुजारी बिहारी बाबा की जमीन का बैनामा स्टांप विक्रेता अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू सहित वकील द्वारा फ़र्ज़ी तरीके से बड़ेल के एक व्यक्ति को बेंच कर बैनामा कर दिया गया। जिसकी जानकारी सही विक्रेता व वर्तमान में कब्जा धारक बिहारी बाबा को नहीं हुई। जब बिचौलियों द्वारा बयांन कराने के लिए फर्जी व्यक्ति को बिहारी बाबा पुत्र सर्वजीत बनाकर ले गए। सुर्खियों के चलते तभी ये मामला मीडिया सहित कई अन्य लोगों के प्रकाश में आया। आनन फानन में उपनिबंधक कार्यालय में तैनात सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए ,जमीन के असली मालिक बिहारी पुत्र सर्वजीत बहेलिया को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद विहारी द्वारा थाने में शिकायती पत्र दिया गया। इधर फ्राड करने वाले माफियाओं ने सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी से मिलकर बिहारी बाबा की जमीन के फ़र्ज़ी बैनामे को कैंसिल कराने के लिए सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर दी। जैसे ही भू माफियाओं को पता चला कि बिहारी बाबा ने थाने में शिकायती पत्र दिया है आनन फानन में माफियाओं द्वारा पुलिस को गुमराह कर मामले को मैनेज करने में लग गए। जब इस पूरे मामले में रामनगर थाना अध्यक्ष अनिल पाण्डेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है इसकी जांच सीओ रामनगर गरिमा पंत कर रही है, जांच के बाद ही आगे कोई कार्रवाई की जाएगी , ऐसे मामले में जब रजिस्ट्रार द्वारा फ्राड करने वालों के खिलाफ FIR करनी चाहिए थी तो बो क्यो शांत हैं, यही बो असल बजह है कि यहां पर सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी की भूमिका संदिग्ध है?? जैसे ही बिहारी पुत्र सर्वजीत मामले को थाने ले गए जिसके बाद उनके खाते में माफियाओं में 5 लाख रुपये भी डाले,जिससे यह साबित हुआ कि पैसे की दम पर मामले को पूर्णतया मैनेज किया जा रहा है?? जिसमे अभिषेक शुक्ला सहित उनके कई अन्य साथी इस प्रकरण में शामिल हैं। जबकि जमीन के असली हकदार बिहारी पुत्र सरजीत ने अपनी जान माल को खतरा बताया है जिसमें उन्होंने वकील सहित अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू व उनके अन्य साथियों पर फ़र्ज़ी बाड़ा कर अवैध तरीके से जमीन हथियाने और अपनी जान माल का खतरा का आरोप लगाया है। जब इस फ़र्ज़ी प्रकरण के बारे में मीडिया द्वारा सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कोई ठोस जबाब न देते हुए बल्कि पत्रकारों की डिग्री और उनको सही दिशा में पत्रकारिता करने की हिदायत दे डाली। सवाल यह है कि ?? अगर कोई ब्यक्ति किसी दूसरे की जमीन को फ़र्ज़ी तरीके से बैनामा कराता है तो उस पर सब रजिस्टार को त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए, लेकिन यहां तो मैडम सिर्फ मैनेजमेंट की बात करती दिखीं, अपने आप को सेफ बचाने के साथ सब-रजिस्टार द्वारा फ्राड कर गलत तरीके से बैनामा कराने वाले माफियाओं को बचाने में जुटी हैं। यही बो बजह है कि सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी द्वारा फ्राड करने और फ़र्ज़ी बैनामा कर जमीन बेंचने वालों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नही की है। यही सवाल सब रजिस्टार को कटघरे में खड़ा करता है कि अवैध तरीके से बैनामे करने वाले बकील और स्टाम्प विक्रेता पर आखिर कार्यवाही कराने से क्यो नकार रही है। चर्चाओं की माने तो इस पूरे मामले में सब रजिस्टार कादम्बरी त्रिपाठी और उनके कार्यालय के कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। अगर मामले की निष्पक्षता से जांच की जाए तो कई ऐसे तथ्य सामने आएंगे जिनमे फ्राड करने वालों से लेकर और विहारी बनकर फ़र्ज़ी तरीके से बयान करने वाले व्यक्तियों को जेल की सलाखों के पीछे जाना तय है, इस लिए मैडम अपने आप को सेफ रखने के लिए माफियाओं पर कार्यवाही कराने में पीछे हट रही हैं और मामले को सुलह समझौता बताकर निबटा देना चाहती हैं। लेकिन तमाम खबरों के प्रकाशन के बाद मामले ने आखिरकार तूल पकड़ ही लिया है। अपनी जमीन को बापस पाने और दोषियों पर कार्यवाही कराने के लिए विहारी पुत्र सर्वजीत न्याय की गुहार लगा रहा है।

फ़र्ज़ी बैनामा कराने पर 7 साल तक कि हो सकती है सजा ???

 

जमीन की फ़र्ज़ी रजिस्ट्री/बैनामा कराने पर सात साल तक की जेल हो सकती है. इसके अलावा, जुर्माना भी लगाया जा सकता है. फ़र्ज़ी रजिस्ट्री के मामले में FIR दर्ज कराई जा सकती है. लेकिन यहां सब मैनेजमेंट की दम पर चल रहा है,
प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में ग़लत जानकारी देने पर सात साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से जमीन बेचने पर आजीवन कारावास और जुर्माना हो सकता है।आईपीसी की धारा 406 के तहत, अगर किसी की संपत्ति को छल करके हड़प लिया जाए, तो दोषी को तीन साल की सज़ा हो सकती है। लेकिन यहां सब रजिस्टार बैनामा कैंसिल कराने को ही प्रथम कार्यवाही मानती है जबकि फ्राड करने वालों के खिलाफ उनको FIR करानी चाहिए थी, जो अभी तक नही हुई है।इसमे भी भूमिका संदिग्ध लग रही है।

बीजेपी की जिरोटालरेंस नीति को चुनैती दे रहे भू-माफिया-साधू लगा रहा न्याय की गुहार

 

भाजपा की सरकार में साधू-संतों के साथ फ्रॉड कर अवैध तरीके से जमीन हथियाने के मामले में अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। रामनगर स्थित बुढ़वा मैया मंदिर के पुजारी बिहारी पुत्र सर्वजीत बहेलिया ने 26 मार्च को पुलिस को दिए गए पत्र में बताया कि उनकी जमीन लगभग(कच्चा 7 बीघा) का फ़र्ज़ी बैनामा कराकर अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू ने अपने साथियों के साथ मिलकर जमीन हड़पने का प्रयास किया जानकारी होने पर पुजारी ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया।जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है।जबकि विहारी पुत्र सर्वजीत ने अपनी जान का खतरा है तो वही माफियाओं द्वारा फर्जी तरीके से थाने में सुलह समझौता का दबाव बनाकर बाबा के खाते में ₹500000 डाल दिए। अब सवाल है उठता है कि जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में राम राज्य को मानने वाले साधु संतों के साथ छल कपट और फ्रॉड हो रहा है यहां एक ओर प्रशासन जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कार्यवाही करता है तो वही अभी तक बिहारी पुत्र सरजीत को कोई न्याय नहीं मिला है जिस पर उनका कहना है कि मामला अधिकारियों के संज्ञान में दिया गया है हमारी जान माल को भी खतरा है अगर हमें न्याय ना मिला तो हम सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मिले लखनऊ जाएंगे।

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