Naradsamvad

ब्रेकिंग न्यूज़
Kashmir Tourist Attack; Srinagar Hotel Security | Pahalgam Tourism | कश्मीरी बोले- टूरिस्ट नहीं लौटे तो बर्बाद हो जाएंगे: टेरर अटैक के बाद घाटी खाली-बुकिंग्स कैंसिल; लौट रहे पर्यटक, आगे क्या होगा Chaos over MRP of cold drinks in Lucknow | लखनऊ में कोल्ड ड्रिंक की MRP पर बवाल: छात्रों ने दुकानदार को पीटा, चेन और 3 हजार रुपए लूटे; हालत गंभीर – Lucknow News Ramban Landslide Tragedy; Jammu Srinagar Highway Situation Omar Abdullah Nitin Gadkari | क्या हाईवे की वजह से रामबन में तबाही: लोग बोले- ऐसा मंजर पहले नहीं देखा, पांच साल पहले जहां खतरा बताया, वहीं हादसा Mohammad Tahir of Bahraich is the district topper in 12th board | 12वीं बोर्ड, बहराइच के मोहम्मद ताहिर जिला टाॅपर: 500 में से 470 अंक मिला, रिशिता पांडेय को दूसरा स्थान – Bahraich News Kashmir Pahalgam Terror Attack; Tourist Guide Adil Haider | Pakistan | ‘ये मेरी हिंदू बहन है’, आतंकियों ने 3 गोलियां मारीं: कौन है पहलगाम हमले में मरने वाला इकलौता मुस्लिम आदिल, फैमिली बोली- हमें फख्र Anjali Yadav topped the 10th board exams | 10वीं बोर्ड, अंजली यादव ने किया टॉप: सेना से रिटायर्ड पिता की बेटी, IAS बनने का सपना – Firozabad News
[post-views]

Trump Tariff Hike Impact Explained; US VS India China | Pakistan Japan | आज का एक्सप्लेनर: ट्रम्प के 26% टैरिफ में पिसेंगे किसान और कारीगर; आपके लिए क्या सस्ता-महंगा होगा; भारत इससे कैसे निपटेगा


3 अप्रैल को पूरी दुनिया में उथल-पुथल मच गई। वजह थी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का ‘डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ’। उन्होंने भारत समेत 100 देशों पर कई गुना टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है। अब भारत से अमेरिका जाने वाले सामान पर 26% टैरिफ लगेगा।

.

क्या होता है टैरिफ, ट्रम्प के नए रेसिप्रोकल टैरिफ से क्या असर पड़ेगा, ये भारत के लिए झटका या मौका; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में…

सवाल-1: जिसकी इतनी चर्चा हो रही, वो टैरिफ होता क्या है? जवाबः टैरिफ एक तरह का बॉर्डर फीस या टैक्स होता है, जो कोई भी देश विदेशों से अपने यहां आने वाले सामान पर लगाता है। इसे आयात करने वाली कंपनियों से सरकार वसूलती है। इसे घटा-बढ़ाकर ही देश आपस में व्यापार को कंट्रोल करते हैं।

मान लीजिए भारत में तैयार एक डायमंड अमेरिका में 10 लाख रुपए में बिकता है। अगर ट्रम्प ने भारत पर 26% टैरिफ लगा दिया तो उस डायमंड की कीमत 12.60 लाख रुपए हो जाएगी। दाम बढ़ने से अमेरिका में भारत के डायमंड की खपत कम हो जाएगी।

कोई देश टैरिफ बढ़ाता है तो उसके घरेलू मार्केट में विदेशी सामान महंगे हो जाते हैं। इससे सरकार की कमाई भी बढ़ती है। साथ ही विदेशी सामान की खपत कम होती है और घरेलू कंपनियों के सामान की खपत बढ़ती है। इस तरह सरकार घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा देती है।

सवाल-2: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किस देश पर कितना रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया? जवाब: ट्रम्प कहते आए हैं कि अगर कोई देश अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आने वाली चीजों पर ज्यादा टैरिफ बढ़ाएगा। उन्होंने इसे रेसिप्रोकल टैरिफ कहा। 2 अप्रैल को करीब 100 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा करते हुए कहा, ‘आज लिबरेशन डे है, जिसका अमेरिका लंबे समय से इंतजार कर रहा था।’

ट्रम्प ने कहा, ‘भारत अमेरिका पर 52% तक टैरिफ लगाता है, इसलिए अमेरिका भारत पर 26% टैरिफ लगाएगा। अन्य देश हमसे जितना टैरिफ वसूल रहे, हम उनसे लगभग आधे टैरिफ लेंगे। इसलिए टैरिफ पूरी तरह से रेसिप्रोकल नहीं होंगे।’

भारत के अलावा एशियाई देशों में शामिल चीन पर 34%, श्रीलंका पर 44%, बांग्लादेश पर 37%, ताइवान पर 32%, पाकिस्तान पर 29% और जापान पर 24% टैरिफ लगाने का ऐलान किया।

सवाल- 3: अमेरिका के 26% टैक्स लगाने से भारत के किन सेक्टर्स पर असर पड़ेगा? जवाब: भारत और अमेरिका के बीच करीब 800 करोड़ रुपए का कृषि व्यापार होता है। भारत मुख्य रूप से अमेरिका को चावल, झींगा, शहद, वनस्पति अर्क, अरंडी का तेल और काली मिर्च का निर्यात करता है और अमेरिका बादाम, अखरोट, पिस्ता, सेब और दालें भेजता है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी GTRI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अमेरिका के कृषि उत्पादों पर औसत टैरिफ 37.7% लगाता है, जबकि अमेरिका में भारतीय कृषि उत्पादों पर यह 5.3% है। अब टैरिफ 26% होने से भारत के किसानों पर बोझ बढ़ेगा।

अमेरिका में भारत के कृषि सामान महंगे होने से उनकी मांग घटेगी, निर्यात घटेगा और किसानों की आमदनी कम हो जाएगी। इसके अलावा कुछ टॉप सेक्टर, जो ट्रम्प के रेसिप्रोकल टैरिफ से ज्यादा प्रभावित होंगे…

इन सभी सेक्टर के समानों की डिमांड अमेरिका में घटेगी तो भारत में उनके दाम कम होंगे। इससे इन सेक्टर से जुड़े लोगों मसलन किसानों, कामगारों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उनकी आमदनी घटेगी और रोजगार भी कम हो सकते हैं।

इसके अलावा भारत के कुछ प्रोडक्ट ऐसे भी हैं, जिन्हें टैरिफ के दायरे से बाहर रखा गया…

सवाल-4: ट्रम्प के टैरिफ से भारत को कितना नुकसान हो सकता है?

जवाब: फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन यानी FIEO की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ का सीधा असर भारत की आर्थिक व्यवस्था पर पड़ेगा। भारत पर 26% टैरिफ लगने से सालाना करीब 61 हजार करोड़ रुपए से 72 हजार करोड़ रुपए तक नुकसान हो सकता है। इसके कुछ और इम्पैक्ट देखने को मिल सकते हैं। जैसे-

  • एक्सपोर्ट महंगा: रेसिप्रोकल टैरिफ से फूड प्रोडक्ट, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, जेम्स एंड ज्वेलरी, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल जैसी कई चीजें महंगी हो सकती हैं।
  • ट्रेड सरप्लस घटेगा: अभी भारत के सामान पर अमेरिका कम टैरिफ लगाता है, जिससे भारत को ट्रेड सरप्लस का फायदा मिल जाता है। टैरिफ बढ़ने से भारत को बड़ा नुकसान हो जाएगा।
  • रुपया कमजोर: ज्यादा इम्पोर्ट का मतलब डॉलर की ज्यादा डिमांड। इससे रुपया कमजोर होगा और डॉलर मजबूत। यानी अमेरिका से सामान खरीदने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
  • इम्पोर्ट बढ़ेगा: अगर अमेरिका के ज्यादा टैरिफ से बचने के लिए भारत अमेरिकी सामानों पर टैरिफ घटाएगा तो अमेरिकी चीजें भारतीय बाजार में सस्ती हो जाएंगी। इससे इम्पोर्ट बढ़ेगा।

सवाल-5: ट्रम्प के रेसिप्रोकल टैरिफ से निपटने के लिए भारत की क्या स्ट्रैटजी है? जवाब: भारत की स्ट्रैटजी पर्दे के पीछे नेगोशिएशन की है। ट्रम्प के इस टैरिफ वॉर में फिलहाल भारत उलझना नहीं चाहता। PM मोदी ने अपने अमेरिका दौरे पर कहा था, ‘हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे, लेकिन अमेरिका के साथ साझेदारी बढ़ाएंगे।‘

भारत पिछले कुछ दिनों से लगातार अमेरिका से आने वाले कई सामानों पर टैरिफ कम कर रहा है। जैसे..

  • अमेरिकी 1600 सीसी की मोटरसाइकिलों पर कस्टम ड्यूटी 50% से घटाकर 40% और 1600 सीसी से ज्यादा की मोटरसाइकिलों पर 50% से 30% कर दी।
  • अमेरिकी शराब पर इम्पोर्ट ड्यूटी 150% से घटाकर 100% कर दी गई।
  • सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंस पर इम्पोर्ट ड्यूटी 100% से घटाकर 20% की गई।
  • इसके अलावा ईथरनेट स्विच और एक्वेटिक फीड बनाने में इस्तेमाल होने वाली फिश हाइड्रोलिसेट जैसे सामानों पर भी टैरिफ कम किया गया है।

दिल्ली में 26 से 29 मार्च 2025 तक भारतीय वाणिज्य मंत्रालय और यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेन्टेटिव यानी USTR के ऑफिसर्स के बीच 4 दिन तक बातचीत चली। इसका उद्देश्य अमेरिका को टैरिफ कम करने के लिए राजी करना है। इस साल अक्टूबर तक इस डील का पहला फेज पूरा किया जाना है।

टैरिफ के ऐलान के बावजूद ट्रम्प प्रशासन ने कहा है कि अगर कोई देश अमेरिका की व्यापार से जुड़ी चिंताओं को दूर करता है, तो इन रेसिप्रोकल टैरिफ को हटाया या फिर कम किया जा सकता है। अमेरिका की मुख्य चिंता एक ही है- उसका व्यापार घाटा कम करना।

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि भारत इन कूटनीतिक तरीकों से इस बार भी कोई रास्ता निकाल लेगा, जिससे अमेरिकी टैरिफ का बोझ कम होगा।

ट्रम्प ने व्यापारिक साझेदार देशों पर नए टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए।

ट्रम्प ने व्यापारिक साझेदार देशों पर नए टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए।

सवाल-6: ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ भारत के लिए व्यापार बढ़ाने का बड़ा मौका कैसे बन सकता है? जवाब: अमेरिका ने सिर्फ भारत पर ही नहीं, भारत के कॉम्पिटिटर देशों पर भी टैरिफ बढ़ाया है। बल्कि भारत से कहीं ज्यादा बढ़ाया है। जैसे भारत के 26% टैरिफ के मुकाबले चीन पर 34%, वियतनाम पर 46%, बांग्लादेश पर 37%, थाईलैंड पर 36% और इंडोनेशिया पर 32% टैरिफ का ऐलान हुआ है।

अमेरिका को ये देश भी लगभग उन्हीं सभी कैटेगरीज के प्रोडक्ट बेचते हैं, जो भारत बेचता है। ऐसे में भारत से एक्सपोर्ट किया जाने वाला सामान अमेरिकी कंपनियों को इन देशों की तुलना में सस्ता पड़ेगा, क्योंकि उन्हें भारतीय सामान पर इन देशों के सामान की तुलना में सरकार को कम टैक्स देना होगा।

मिसाल के लिए अमेरिका, भारत के अलावा वियतनाम, बांग्लादेश और चीन से कपड़ा खरीदता है। अमेरिका की कपड़ा इम्पोर्ट करने वाली कंपनियों को वियतनाम, बांग्लादेश और चीन की तुलना में भारतीय कंपनियों का कपड़ा सस्ता पड़ेगा। ऐसे में भारत का एक्सपोर्ट और बढ़ सकता है।

हालांकि कुछ देश ऐसे भी हैं, जिन पर अमेरिका ने भारत की तुलना में कम टैरिफ लगाया है। जैसे- जापान पर 24%, साउथ कोरिया पर 25%, मलेशिया पर 24% यूरोपियन यूनियन पर 20% और ब्रिटेन पर 10% टैरिफ लगा है। यहां राहत की बात ये है कि इन देशों से भारत की सीधी टक्कर नहीं है, क्योंकि ये ज्यादातर विकसित देश हैं और ये जिन कैटेगरीज का सामान अमेरिका को बेचते हैं, उन कैटेगरीज में भारत अमेरिका को न के बराबर सामान बेचता है।

मिसाल के लिए अमेरिका में जापान, ब्रिटेन, EU और साउथ कोरिया से कारें, इंडस्ट्रियल टूल्स, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और केमिकल्स वगैरह आते हैं, जबकि भारत से मुख्य रूप से जेनेरिक दवाइयां, हीरे, जवाहरात, ऑटो पार्ट्स वगैरह जाते हैं। इनमें भी भारत से आने वाली दवाइयों को अमेरिका ने टैरिफ फ्री रखा है।

सवाल-7: ट्रम्प के टैरिफ लागू करने पर दुनिया भर के देशों ने क्या कहा, भारत का स्टैंड क्या है? जवाब: ट्रम्प की घोषणा के तुरंत बाद, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने देशों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वे बदले की कार्रवाई न करें और शांत बैठकर मौजूदा हालात को स्वीकार करें, वरना जवाबी कार्रवाई से स्थिति और बिगड़ जाएगी। हालांकि ट्रम्प के ऐलान के बाद इससे प्रभावित लगभग सभी देशों ने तीखी प्रक्रिया दी। इसके कुछ उदाहरण देखिए-

  • उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपियन कमीशन की चीफ: ये फैसला वर्ल्ड इकोनॉमी के लिए बड़ा झटका है। दुनिया के लिए इसके गंभीर परिणाम होंगे। बातचीत विफल रही तो हम जवाबी कार्रवाई करेंगे।
  • जॉर्जिया मेलोनी, इटली की PM: यह गलत फैसला है। हम टैरिफ वॉर रोकने के लिए समझौते की दिशा में काम करेंगे।
  • ताओसीच माइकल मार्टिन, आयरलैंड के PM: ट्रम्प का निर्णय अफसोसनाक है। इससे किसी को फायदा नहीं होगा।
  • सोफी प्राइमास, फ्रांस के प्रवक्ता: फ्रांस इस ट्रेड वॉर के लिए तैयार है।
  • एंथनी अल्बानीज, ऑस्ट्रेलिया के PM: अमेरिकियों को इस अनुचित टैरिफ के लिए सबसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
  • चीन: हम अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए मजबूती से कदम उठाएंगे।
  • जापान: ये टैरिफ बहुत अफसोसनाक है, अमेरिका से हमारे व्यापारिक समझौतों का उल्लंघन है।
  • पेड्रो सांचेज, स्पेन के PM: स्पेन एक खुली दुनिया के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
  • कीर स्टारमर, ब्रिटेन के PM: अमेरिका के साथ ट्रेड डील के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
  • चो जंग-ताई, ताइवान के PM: ये बहुत गलत निर्णय है। अमेरिका के साथ गंभीरता से अपनी बात रखेंगे।
  • हान डक-सू, साउथ कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति: ग्लोबल ट्रेड वॉर अब एक हकीकत बन गई है। हम इस संकट पर काबू करने के तरीके निकालेंगे।

वहीं इजराइली ऑफिसर्स का कहना है कि इजराइल ने अमेरिकी के टैरिफ घोषित करने से पहले ही टैरिफ हटा लिए थे, लगा था कि अब अमेरिका टैरिफ नहीं लगाएगा, लेकिन 17% टैरिफ से ऑफिसर्स सदमे में हैं।

अमेरिका के टैरिफ ऐलान के बाद 3 अप्रैल को भारतीय वाणिज्य मंत्रालय का बयान आया। इसमें कहा गया, ‘यह झटका नहीं बल्कि अवसर है। हम 2025 में अमेरिका के साथ व्यापार डील को आगे बढ़ाएंगे। इस डील से सितंबर महीने तक टैरिफ कम हो सकते हैं।’

3 अप्रैल की ही सुबह भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा, ‘हम टैरिफ विवाद को सुलझाने के लिए रास्ता तलाश रहे हैं। यह रिश्ते को बेहतर करने का मौका है।’

————–

रेसिप्रोकल टैरिफ से जुड़ी अन्य खबर पढ़ें

अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाया: ट्रम्प बोले- मोदी अच्छे दोस्त, लेकिन टैरिफ पर व्यवहार ठीक नहीं; भारत बोला- बातचीत से हल निकालेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार देर रात भारत पर 26% टैरिफ (रेसिप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ) लगाने का ऐलान किया। ट्रम्प ने कहा- भारत बहुत सख्त है। मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…



Source link

Loading

अन्य खबरे

गोल्ड एंड सिल्वर

Our Visitors

1648295
Total Visitors
error: Content is protected !!