26 फरवरी को शिवरात्रि वाले दिन, सुबह के 10 बजे थे। ताजमहल देखने आई एक महिला ने छोटा सा शिवलिंग निकाला और पूजा करने लगी। गंगाजल चढ़ाया। शिवलिंग को महिला जूड़े में छिपाकर लाई थी। उसने बाकायदा इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया।
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ये महिला हिंदू महासभा के महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर हैं। वो पहले मथुरा की शाही ईदगाह में धार्मिक नारे लगा चुकी हैं। ताजमहल पर भगवा झंडा लहराने पर CISF ने उन्हें पकड़ा भी था।
ऐसी ही एक घटना बिहार में भी हुई। 16 फरवरी, 2025 को बलियाडीह गांव में मुस्लिम बस्ती के पास हिंदू स्वाभिमान संगठन ने हनुमान चालीसा का पाठ करवाया। कार्यक्रम के बाद लोग मंदिर से लौट रहे थे। इसी दौरान धार्मिक नारेबाजी की। दूसरे समुदाय के लोगों ने विरोध किया तो माहौल बिगड़ गया। आरोप है कि मस्जिद के पास वाले कुछ मकानों से पत्थरबाजी शुरू हो गई।
इस विवाद में 10 से ज्यादा लोग घायल हुए। तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 41 लोगों पर FIR दर्ज हुई। जांच में सामने आया कि हिंसा की मुख्य किरदार हिंदू स्वाभिमान संगठन की मेंबर खुशबू पांडेय हैं।
उन्होंने घटना से पहले विवादित भाषण दिया था कि बलियाडीह के जेहादियों ने हमारी गोमाता को काटा और सरस्वती मां का अपमान किया। इन्हें घर से निकालकर मारो। इसी भाषण के बाद हिंसा भड़की।

बलियाडीह गांव में 10 मिनट के अंदर हिंसा भड़क गई, गुस्साए लोगों ने गाड़ियों के शीशे फोड़ दिए। जवाब में हिंदू संगठन के लोगों ने भी ईंट-पत्थर चलाए।
हाल में यूपी के संभल और महाराष्ट्र के नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के मामले सामने आए। इस बीच एक और पैटर्न दिख रहा है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देने या गतिविधियों में महिलाएं शामिल हो रही हैं। दैनिक भास्कर ने ऐसी कुछ महिलाओं से बात की और पूछा कि वे किन संगठनों से हैं, क्या करती हैं और भड़काऊ गतिविधियों के पीछे उनकी मंशा क्या है।
इससे समझ आया कि ये महिलाएं सोशल मीडिया पर धर्म से जुड़े भड़काऊ बयान वाले वीडियो पोस्ट करती हैं। ये वीडियो उनके संगठन के लोग ही बनाते हैं। वीडियो में दूसरे समुदाय के बारे में आपत्तिजनक बातें होती हैं।
पहली महिला: मीरा राठौर संगठन: हिंदू महासभा, यूपी ताजमहल में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने वाली मीरा राठौर हिंदू महासभा के महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष हैं। आगरा के ताजगंज में रहती हैं। वे अगस्त 2024 से हिंदू महासभा के लिए काम कर रही हैं।
हिंदू महासभा भारत का सबसे पुराना हिंदूवादी संगठन है। 1915 में इसके बनने के 10 साल बाद 1925 में RSS और 49 साल बाद 1964 में विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई। संगठन अभी 12 राज्यों गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, यूपी और पश्चिम बंगाल में एक्टिव है। हर राज्य में हिंदू महासभा के पुरुष और महिलाओं को मिलाकर करीब 5000 कार्यकर्ता हैं।

मीरा राठौर का नाम दिसंबर 2024 में सुर्खियों में आया था। तब वे मथुरा की शाही ईदगाह परिसर में लुड्डू गोपाल को ले गई थीं और उनका जलाभिषेक करने की कोशिश की थी। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
हमने मीरा से 3 सवाल पूछे…
1. हिंदू महासभा की महिला विंग कैसे काम करती है?
2. संगठन में कितने लोग हैं, नेटवर्क कैसे काम करता है?
3. ताजमहल में जलाभिषेक करके क्या मैसेज देना चाहती थीं?
मीरा बताती हैं, ‘हिंदू महासभा में महिला हो या पुरुष सभी का काम एक है- हिंदू धर्म की रक्षा करना। पूरे देश में हमारे संगठन से हजारों महिलाएं जुड़ी हैं। सिर्फ आगरा जिले में 500 से ज्यादा वर्कर्स संगठन से जुड़ी हैं। हम सभी हमेशा फोन पर या वॉट्सएप ग्रुप पर जुड़े रहते हैं। सभी अपने एरिया की अपडेट देते हैं।’
‘जैसे किसी एरिया में हिंदू-मुस्लिम के बीच विवाद हुआ है, तो उस पॉइंट की फीमेल वर्कर ग्रुप में विवाद वाली जगह का पता बताती हैं। सूचना मिलते ही जिले की सीनियर विंग एक्टिव हो जाती है और एक घंटे के अंदर उस जगह पर पहुंचकर लोगों की मदद करती है। अगर मामला लव जिहाद का हो, तो उसके लिए अलग से ट्रीटमेंट होता है।’

‘ऐसे मामलों की खबर लगते ही महिला मोर्चा की टीम लड़की-लड़के को पुलिस के सामने ले जाती है। पुलिस सख्त एक्शन नहीं लेती है, तो हम आरोपी पर जूते-चप्पल चलाने में देर नहीं करते। लाठी-डंडों से बात समझ में जल्दी आती है। हमारा काम हर हिंदू लड़की को अत्याचार से बचाना है और हम ये करते रहेंगे।’
ताजमहल में जलाभिषेक करके क्या आपने माहौल बिगाड़ने की कोशिश नहीं की? मीरा जवाब देती हैं, ‘माहौल बिगाड़ने की बात हमेशा हिंदू संगठनों पर ही क्यों थोपी जाती है। अगर मुस्लिम बहुत सीधे हैं, तो वे हमें मथुरा की शाही ईदगाह, आगरा की जामा मस्जिद और ताजमहल में पूजा करने की इजाजत दे दें। हम सभी अच्छे से भाईचारा निभाने के लिए तैयार हैं।’

ये मीरा राठौर हैं। मीरा ने घर से निकलने से लेकर ताजमहल तक वीडियो शूट किया। मीरा के 3 बच्चे हैं। पति खेती करते हैं। मीरा सिलाई-कढ़ाई का काम करती हैं।
मीरा राठौर का कहना है, ‘ताजमहल में हमारा तेजोमहालय शिव मंदिर है। वे लोग वहां पर कव्वाली करवा सकते हैं, बिरयानी बंटवा सकते हैं, 80 मीटर की चादर चढ़वा सकते हैं, तो क्या हम लोग शिवलिंग पर जलाभिषेक नहीं कर सकते। शिवरात्रि पर मैंने जो किया, उसमें कुछ गलत नहीं था।’
दूसरी महिला: खुशबू पांडेय संगठन: हिंदू स्वाभिमान संगठन, बिहार
बलियाडीह गांव में 16 फरवरी को भड़की हिंसा के बाद माहौल बिगाड़ने के आरोप में खुशबू पांडेय को अरेस्ट कर लिया गया। उनके अलावा हिंसा के दौरान मौजूद 15 लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
खुशबू पांडेय हिंदू स्वाभिमान संगठन से जुड़ी हैं। ये संगठन 2022 से बिहार के जमुई में एक्टिव है। हिंदू राष्ट्र को लेकर बिहार में प्रचार करता है। संगठन गोहत्या, लव-जिहाद, इंटर रिलिजन मैरिज और हिंदुओं के साथ हुई हिंसा रोकने पर काम करने का दावा करता है। हिंदू स्वाभिमान संगठन बिहार की राजधानी पटना के अलावा झाझा, गोपालगंज और मिथिलांचल में एक्टिव है।

ग्रुप के एक सीनियर मेंबर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर हमसे बात की। वे कहते हैं, ‘हिंदू शेरनी खुशबू पांडेय की गिरफ्तारी के बाद पुलिस हमारे कार्यकर्ताओं के पीछे पड़ी है। उस विवाद में जो लोग शामिल नहीं थे, उन्हें भी पकड़ा जा रहा है। कार्यकर्ताओं ने पकड़े जाने के डर से फोन बंद कर लिए हैं।’
खुशबू पांडे कब संगठन से जुड़ीं और वो क्या काम करती हैं? जवाब मिला, ‘खुशबू हमारे संगठन की युवा संयोजिका रही हैं। वो बिहार में शराब सप्लाई, महिलाओं पर अत्याचार, लव-जिहाद और गोहत्या जैसे मामलों के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं। उन्होंने ऐसे 20 से ज्यादा मामलों की शिकायत झाझा थाने में दर्ज करवाई है। वे गांवों में हिंदू राष्ट्र अभियान चला रही थीं। 16 फरवरी की घटना के बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया।’

हिंदू स्वाभिमान संगठन में एक हजार से ज्यादा लोग संगठन के मेंबर बताते हैं, ‘हमारे लोग गांवों से लेकर पंचायत लेवल पर काम करते हैं। बिहार में 1000 से ज्यादा लोग हमारे साथ जुड़े हैं। उनका काम हिंदू जागरण मंच से लोगों को जोड़ना और उनके मुद्दों को सरकार-प्रशासन के सामने रखना है।’
‘मार्च, 2023 में रामनवमी के दिन बिहार शरीफ के पास हिंदू भाइयों के जुलूस पर हुए मजहबी हमले के बाद हिंदू स्वाभिमान संगठन ने पीड़ित परिवारों की मदद की थी। हमारे संगठन का वही काम है, जो बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के लोग करते हैं। हम लोग युवाओं को जोड़कर उन्हें धर्म का प्रचार करने और संगठन का नेटवर्क फैलाने की ट्रेनिंग देते हैं, ताकि हिंदू समाज खुद को कमजोर न समझे।’
तीसरी महिला: किरण कमलेश तिवारी संगठन: हिंदू समाज पार्टी, यूपी
2022 में हिंदू महासभा ने लखनऊ के मशहूर लूलू मॉल के मैनेजमेंट पर आरोप लगाया कि वहां ज्यादातर मुस्लिम लड़कों को नौकरी पर रखा जाता है। मॉल में हिंदू लड़कियां भी काम करती हैं, इससे लव-जिहाद को बढ़ावा मिल रहा है। विवाद बढ़ा तो हिंदू समाज पार्टी भी एक्टिव हो गई।
संगठन की मुखिया किरण कमलेश तिवारी ने ऐलान किया कि वो लूलू मॉल में सामूहिक सुंदरकांड का पाठ करेंगी। वे घर से मॉल के लिए निकलीं, तो पुलिस ने उन्हें पकड़कर नजरबंद कर दिया।
किरण कहती हैं-

हिंदू समाज पार्टी की स्थापना मेरे पति कमलेश तिवारी ने 2017 में की थी। अक्टूबर 2019 में लखनऊ में उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद मैं संगठन की अध्यक्ष बनी।
‘2019 और फिर जुलाई 2022 में मुझे जान से मारने की धमकी मिली। जेहादियों ने मेरे घर पर उर्दू में लिखा एक लेटर भेजा। उसे ट्रांसलेट करवाया तो उसमें लिखा था- जहां तुम्हारे पति को भेजा, वहीं तुम्हें भी भेज देंगे। इसके बावजूद मैं डरी नहीं, हिंदुत्व की जिस कट्टर विचारधारा पर कमलेश आगे बढ़ रहे थे, उसी लाइन पर अब मैं संगठन को आगे ले जा रही हूं।’

किरण गो-तस्करी, लव-जिहाद, गोडसे का समर्थन और हिंदू रक्षा जैसे मुद्दों पर लोगों को एकजुट करती रहती हैं। 2022 के बिहार चुनाव में हिंदू समाज पार्टी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार किरण 2027 में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हैं। संगठन में 60 से 80 हजार वर्कर्स एक्टिव हैं।

हिंदू समाज पार्टी किन-किन राज्यों में है और क्या काम करती है? इस सवाल पर किरण कहती हैं, ‘हमारे संगठन के कार्यकर्ता बिहार, झारखंड, यूपी, एमपी, दिल्ली, हिमाचल और राजस्थान में हैं। हिंदू समाज पार्टी हिंदुओं का संगठन है। हमारा काम हिंदू बहनों की रक्षा करना है। हमने लखनऊ, लखीमपुर, पटना, बलिया में हिंदू लड़कियों की दूसरे धर्म में जबरन करवाई जा रही शादियों को रुकवाया है।’
विवादों में रहीं कुछ और महिलाएं

पूजा शकुन पांडेय: 30 जनवरी 2019, महात्मा गांधी की 71वीं पुण्यतिथि पर हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने नाथूराम गोडसे की फोटो पर माला चढ़ाई, मिठाई बांटी फिर महात्मा गांधी के पुतले पर गोली मार दी। गोली मारने के बाद पुतले से खून बहता दिखाया गया।
मामले में यूपी पुलिस ने पूजा और उनके पति अशोक सहित 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। अप्रैल 2020 में पूजा शकुन पांडेय ने PM नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी। इसमें लिखा था- देश में कोरोना महामारी फैला रहे तब्लीगी जमातियों को गोली मारी जाए।
चैत्र कुंदपुरा: चैत्र कुंदपुरा ABVP से जुड़ी हैं और एंकर रह चुकी हैं। अक्टूबर 2021 में चैत्र कुंदपुरा के बयान से उडुपी में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। चैत्र ने कहा था- यह अंतिम चेतावनी है। लव जिहाद बंद कर दें, तो आप जीवित रह सकते हैं। अगर 70% हिंदू, 23% मुसलमानों को धर्मांतरित करने का फैसला करते हैं, उनसे प्यार करने का फैसला करते हैं, तो दो दिन काफी हैं। आपको किसी मुस्लिम घर में बुर्का नहीं दिखेगा। हम सभी मुस्लिम लड़कियों के माथे पर कुमकुम लगाएंगे।
चैत्र पर 11 मामले दर्ज हैं, जिनमें नफरत फैलाने वाले भाषण से लेकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने तक के आरोप हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले उन पर BJP का टिकट दिलाने का वादा कर बेंगलुरु के एक कारोबारी से 5 करोड़ रुपए ठगने का आरोप लगा था।
हमने चैत्र कुंदपुरा और पूजा शकुन पांडेय से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।
इस ट्रेंड पर राजनीतिक दल क्या कहते हैं…
सपा: ये सत्ता के संरक्षण पर हंगामा करने वाले लोग समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज काका कहते हैं, ‘बीते 4-5 साल में मंदिर-मस्जिद विवाद और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं में इस तरह के संगठन एक्टिव रहे हैं। 2017 से पहले ऐसे संगठनों की चर्चा कम होती थी, अब तो हर दूसरे दिन टीवी चैनल्स पर ऐसे संगठनों का नाम सामने आ रहा है। ये लोग समाज में अराजकता फैला रहे हैं। सरकार और प्रशासन इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे।’

BJP: ऐसे लोगों का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं BJP के स्पोक्सपर्सन मनीष शुक्ला कहते हैं, ‘ऐसे धार्मिक संगठन या फिर व्यक्ति विशेष का BJP से कोई लेना-देना नहीं है। BJP से जुड़े सभी संगठन पहले से आइडेंटिफाइड हैं। अगर कोई भी कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करता है, तो उसे निश्चित तौर दंड मिलना चाहिए। माहौल बिगाड़ने वालों पर सख्त एक्शन होना चाहिए।’
विश्व हिंदू परिषद: धर्म का प्रचार करना गलत नहीं VHP के ब्रज क्षेत्र के मंडल मंत्री आनंद शर्मा कहते हैं, ‘देश में हिंदुओं की संख्या 100 करोड़ से ज्यादा है। आप जिस भी राज्य में चले जाएं, हर शहर में ऐसे संगठन मिल जाएंगे, जो हिंदुत्व के मुद्दे पर काम कर रहे हैं। मेरा मानना है कि ऐसे संगठनों को खड़ा करने में कोई गलत बात नहीं है। इनसे जुड़े लोगों को कानून के दायरे में रहकर संगठन का काम करना चाहिए। अगर कानून का पालन कर धर्म का प्रचार किया जा रहा है, तो इसमें कोई गलत बात नहीं है।’
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