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Ranya Rao Gold Smuggling Case; DRI | Bengaluru DGP Daughter | एक्ट्रेस रान्या का इंटरनेशनल गोल्ड स्मगलिंग रैकेट: 2 साल में 45 बार सुबह दुबई गईं और शाम तक वापस; रडार पर 2 और एक्ट्रेस


बेंगलुरु के केंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 3 मार्च, 2025 की सुबह आम दिन की तरह शुरू हुई। इसी दौरान कन्नड़ सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस रान्या राव दुबई से आने वाली फ्लाइट से उतरीं। करीब 6 बजे रान्या एग्जिट गेट की ओर बढ़ीं। बाहर निकलने के लिए वे ग्रीन चैनल

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रान्या पहले भी इसी तरह एयरपोर्ट से बाहर निकलती थीं। उस दिन डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानी DRI के अफसरों ने उन्हें रोक लिया। पूछा- क्या आपके पास सोना या ऐसी कोई चीज है जो बतानी हो? रान्या ने जवाब दिया- नहीं।

इतनी सी बातचीत में रान्या के चेहरे पर घबराहट दिखने लगी। अफसरों को शक हुआ। उन्होंने दो महिला अधिकारियों को बुलाया और रान्या को चेक करने के लिए कहा। इस तलाशी में ऐसे गोल्ड स्मगलिंग रैकेट का खुलासा हुआ, जिसके तार अमेरिका और यूरोप तक जुड़ रहे हैं। दो मलयालम एक्ट्रेस समेत हाईप्रोफाइल लोग शक के दायरे में हैं।

जांच एजेंसियों के मुताबिक, रान्या को स्मगलिंग का तरीका एक्टर दोस्त तरुण राजू ने बताया था। तरुण भी इस मामले में आरोपी है। रान्या के सौतेले पिता के. रामचंद्र कर्नाटक के DGP थे। स्मगलिंग का खुलासा होने के बाद उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है।

रान्या के पास कैसे मिला 12 करोड़ रुपए का सोना महिला अफसरों ने रान्या को प्राइवेट रूम में ले जाकर तलाशी ली। DRI के मुताबिक, रान्या ने कबूल किया कि वे कपड़ों के अंदर सोना छिपाकर लाई हैं। तलाशी में रान्या के घुटनों से नीचे क्रेप बैंडेज, कमर पर मेडिकल टेप, जींस की जेबों और जूतों के सोल में 24 कैरेट की सोने की छड़ें निकलीं। कुल 14.2 किलो सोना मिला, जिसकी कीमत 12.56 करोड़ रुपए है।

सोने पर दूसरे देशों के मार्क मिले हैं, इससे पता चला कि सोना बाहर से भारत आया था। रान्या के साथ कॉन्स्टेबल बसवराज और कुमार को हिरासत में लिया गया। दोनों रान्या को एस्कॉर्ट कर रहे थे।

कॉन्स्टेबल का बयान- DGP ने रान्या की मदद के लिए कहा दैनिक भास्कर ने केस की जांच से जुड़े एक अधिकारी से बात की। वे बताते हैं, ‘हिरासत में लिए गए कॉन्स्टेबल ने बताया है कि उसे सीनियर अफसरों के फैमिली मेंबर्स को प्रोटोकॉल के मुताबिक मदद करने के लिए कहा गया था। IPS रामचंद्र राव ने उसे रान्या की मदद के लिए कहा था।’

‘रान्या ने 3 मार्च को फोन किया और एयरपोर्ट पर मौजूद रहने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे सोने की तस्करी के बारे में नहीं पता था। हालांकि, जांच एजेंसी को उनकी बातों पर भरोसा नहीं हुआ।’

कबूलनामे के बाद रान्या का यू-टर्न, बोलीं- मुझे फंसाया गया 6 मार्च को रान्या की कस्टडी खत्म हो गई। उन्हें बेंगलुरु की सेंट्रल जेल भेज दिया गया। जेल से ही उन्होंने DRI चीफ को लेटर लिखा। इसमें उन्होंने पुलिस की थ्योरी को खारिज कर दिया। रान्या ने लिखा कि

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एयरपोर्ट पर उतरते ही मुझे हिरासत में ले लिया गया। बार-बार थप्पड़ मारे और 40 पेज पर जबरन साइन करवाए गए।

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रान्या ने 3 मार्च को उनके साइन वाले पंचनामे पर भी सवाल उठाया, जिसमें सोना मिलने की बात कही गई थी। उनका दावा था कि उन्हें फंसाया जा रहा है। अब CBI, ED और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी जांच में शामिल है। कर्नाटक सरकार ने जांच के लिए कमेटी बनाई है, जिसे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी गौरव गुप्ता लीड कर रहे हैं।

हवाला से पैसा, क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट और दो साल में 52 बार दुबई का सफर जांच अधिकारी बताते हैं कि रान्या राव से पूछताछ में क्राइम सिंडिकेट का पता चल रहा है। उन्होंने दो बड़ी बातें कबूल की हैं।

सोने की खरीद में बिटकॉइन के इस्तेमाल और हवाला के जरिए पैसा ट्रांसफर किया गया था। यह कबूलनामा मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी की ओर इशारा करता है। DRI की वकील मधु राव ने कोर्ट में कहा है कि आरोपी ने इन्फॉर्मल चैनल्स से लेनदेन की बात मानी है। शक है कि सोने की खरीद में क्रिप्टोकरेंसी, खासकर बिटकॉइन, का इस्तेमाल किया गया है। इसकी जांच SIT कर रही है।

बार-बार दुबई आना-जाना, 45 बार एक दिन में लौटीं जांच में पता चला है कि रान्या 2023 से 2025 के बीच 52 बार भारत से दुबई गईं। इनमें से 45 यात्राएं संदिग्ध हैं, क्योंकि वो सुबह बेंगलुरु या मुंबई से दुबई गईं और शाम तक लौट आईं। 2025 में जनवरी और फरवरी में उन्होंने 27 बार ऐसा सफर किया। दुबई सोने की स्मगलिंग के लिए बड़ा सेंटर माना जाता है। इसलिए जांच एजेंसियों का ध्यान रान्या के बार-बार दुबई जाने पर गया।

रान्या के साथ उनका दोस्त तरुण राजू 26 बार दुबई गया। तरुण एक्टर और कारोबारी हैें। उन्हें भी मामले में आरोपी बनाया गया है। राजू अभी पुलिस की कस्टडी में है। आरोप है कि राजू ने दुबई में सोना खरीदने और लेनदेन में रान्या की मदद की।

स्मगलिंग का केरल और महाराष्ट्र से कनेक्शन जांच अधिकारी ने आगे बताया कि रान्या ने बताया है कि वो इंटरनेशनल गैंग से जुड़ी हैं। गैंग में सिर्फ महिलाएं हैं। कुछ पब्लिक सर्वेंट भी शामिल हैं। रान्या के घर से 2.67 करोड़ रुपए और 2.06 करोड़ की ज्वेलरी मिली। वो इनका सोर्स नहीं बता सकीं। DRI को उनके पास से दुबई का रेजिडेंट कार्ड और दो पुरानी कस्टम ड्यूटी डिक्लेरेशन मिली हैं।

रान्या का दोस्त तरुण राजू अमेरिकी नागरिक है। उसके पास भारत का ओवरसीज सिटिजनशिप कार्ड है। तरुण और रान्या ने 2023 में दुबई में ‘वीरा डायमंड्स ट्रेडिंग LLC’ नाम की कंपनी शुरू की थी। DRI का दावा है कि यह कंपनी सोना इम्पोर्ट करती थी और उसकी भारत में तस्करी करती थी।

जांच का दायरा सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं है। सूत्रों बताते हैं, इस रैकेट के तार केरल और तमिलनाडु तक हो सकते हैं। रान्या से पूछताछ के बाद मलयालम सिनेमा की दो एक्ट्रेस DRI के रडार पर हैं। उनसे जल्द पूछताछ की जा सकती है।

रान्या ज्यादातर मुंबई और गोवा ट्रैवल करती थीं। केस के एक और आरोपी साहिल जैन की मुंबई से गिरफ्तारी, इस रैकेट के महाराष्ट्र और गोवा में फैले होने की ओर इशारा करते हैं।

सोर्स बताते हैं कि सोने की स्मगलिंग का नेटवर्क अमेरिका, यूरोप और अफ्रीकी देशों में भी फैला हो सकता है। इसलिए DRI बीते एक साल में लगातार इन देशों में ट्रैवल करने वाले एक्टर और एक्ट्रेस के रिकॉर्ड खंगाल रही है।

रान्या कई बार अमेरिका और यूरोप गईं, तरुण राजू ने मदद की पुलिस सूत्रों के मुताबिक रान्या ने बताया है कि वो कई बार यूरोप, अमेरिका और मिडिल ईस्ट के देशों में गई थीं। उन्होंने इसकी वजह मॉडलिंग फोटो शूट और रियल एस्टेट से जुड़ा काम बताया। अब तक की जांच में इसके तार सोने की तस्करी से जुड़ते दिख रहे हैं।

रान्या के साथी तरुण राजू ने इस नेटवर्क में अहम भूमिका निभाई। उनके पास अमेरिकी पासपोर्ट है। उन्होंने दुबई में सोने की खेप को जिनेवा (स्विट्जरलैंड) के लिए डिक्लेयर किया। अमेरिकी पासपोर्ट रखने वाले वहां 90 दिन तक बिना वीजा के रह सकते हैं। हालांकि, सोना जिनेवा नहीं गया, रान्या के जरिए भारत भेजा गया।

तरुण के फैमिली बिजनेस में हॉस्पिटैलिटी, एजुकेशन और केबल टीवी सेक्टर है। जांच एजेंसियां पता लगा रही हैं कि क्या अमेरिका में उन्होंने इस रैकेट को फंड या सपोर्ट किया।

DRI और CBI की जांच में पता चला कि रान्या और उनकी दुबई बेस्ड कंपनी सोने को थाईलैंड, स्विट्जरलैंड और अफ्रीका के देशों से आयात करती थी। स्विट्जरलैंड, यूरोप में सोने की रिफाइनिंग का बड़ा सेंटर है। ये सोना दुबई में खरीदा जाता था, जहां इम्पोर्ट ड्यूटी नहीं लगती। फिर उसे तस्करी के जरिए भारत लाया जाता था।

अमेरिका में सोने की खरीद या डिस्ट्रीब्यूशन के सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन रान्या और तरुण की लगातार अमेरिका जाने और वहां उनके कॉन्टैक्ट की जांच की जा रही है। रान्या के फोन और लैपटॉप से दुबई और मलेशिया के कॉन्टैक्ट मिले हैं। कुछ विदेशी नंबरों की पड़ताल की जा रही है। ये अमेरिका और यूरोप में नेटवर्क चलाने वाले हो सकते हैं।

DRI के मुताबिक तरुण दुबई एयरपोर्ट पर सोना लेता और उसे जिनेवा या बैंकॉक ले जाने के लिए डिक्लेयर करता। फिर वो ये सोना रान्या को दे देता, जो उसी दिन भारत के लिए उड़ान भरती। दुबई और भारत के कस्टम ड्यूटी डिपार्टमेंट के बीच कम्युनिकेशन की कमी का फायदा उठाकर ये खेल चल रहा था।

रान्या ने पहले दिए बयान में कहा था कि उन्हें अफ्रीकी-अमेरिकी लहजे वाले शख्स से इंटरनेट कॉल आई थी। इसी शख्स ने उन्हें सोना दिया था।

साहिल जैन तस्करी सिंडिकेट की अहम कड़ी बेल्लारी के ज्वेलर साहिल जैन को जांच एजेंसियों ने सिंडिकेट की अहम कड़ी माना है। जांच से पता चला है कि रान्या राव ने पहले भी सोने की तस्करी में साहिल जैन के साथ मिलकर काम किया था।

आरोप है कि जैन ने दो बार रान्या के लाए गए सोने को ठिकाने लगाने में मदद की थी। DRI का दावा है कि रान्या ने जनवरी 2025 में साहिल की मदद से लगभग 14.56 किलो सोने की तस्करी की थी। साहिल जैन भी पुलिस की गिरफ्त में है। उसे पहले भी मुंबई में तस्करी का लगभग 180 किलो सोना लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

रान्या ने पिता के पुलिस अफसर होने का फायदा उठाया रान्या ने माना है कि उन्होंने एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी और कस्टम ड्यूटी जांच से बचने के लिए सौतेले पिता सीनियर IPS अधिकारी के. रामचंद्र राव के रुतबे और उन्हें मिलने वाली प्रोटोकॉल सुविधाओं का इस्तेमाल किया।

आरोप है कि रामचंद्र राव ने प्रोटोकॉल अधिकारी और एक कॉन्स्टेबल के जरिए रान्या की मदद की। इसमें सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल किया गया। यह सुविधा सिर्फ SP रैंक और उससे ऊपर के अफसरों को निजी इस्तेमाल के लिए मिलती है।

रान्या का भाई भी SIT की रडार पर रान्या राव के भाई कबीनाहल्ली रुशभ की भूमिका भी जांच के दायरे में है। रुशभ, रान्या की कंपनी क्षीरोदा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर है। वो कर्नाटक के बिटकॉइन घोटाले के मास्टरमाइंड श्रीकृष्ण उर्फ श्रीकी से रिश्तों की वजह से SIT के रडार पर आया था।

सोर्स बताते हैं, रुशभ को श्रीकी से एक कॉमन फ्रेंड एम. हकीब ने मिलवाया था। जनवरी में हुई पूछताछ में रुशभ ने बताया था कि वह श्रीकी को 2018 से जानता है, जब वह एक कार शोरूम में इंटर्न था। श्रीकी ने वहां से एक स्पोर्ट्स कार खरीदी थी, लेकिन उसे कार की फंडिंग के सोर्स की जानकारी नहीं थी।

SIT रुशभ से दोबारा पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। उसे शक है कि रान्या दुबई से जो सोना लाई थी, उसे खरीदने में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हुआ है। इसमें रुशभ का रोल हो सकता है। हालांकि जांच एजेंसियों ने अब तक रुशभ से कॉन्टैक्ट नहीं किया है।

रान्या की कंपनी शक के घेरे में जांच में रान्या की कंपनी क्षीरोदा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भी शक के घेरे में है। अप्रैल 2022 में 10 लाख रुपए लगाकर बनाई इस कंपनी में रान्या की 99% और उनके भाई रुशभ की 1% हिस्सेदारी है।

कंपनी के बनने के तुरंत बाद 138 करोड़ की लागत से स्टील प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा। तब कर्नाटक में BJP की सरकार थी। सरकार ने स्टील प्लांट के लिए जमीन भी दे दी। हालांकि, ये अलॉटमेंट बाद में रद्द कर दिया गया।

जांच एजेंसियां पड़ताल कर रही हैं कि कहीं कंपनी को तस्करी से कमाया पैसा वैध बनाने या अवैध गतिविधियों के लिए तो इस्तेमाल नहीं किया गया।

इंटरनेशनल सिंडिकेट की जांच के लिए इंटरपोल की मदद लेगी CBI CBI ने भी इस केस में FIR दर्ज की है। एजेंसी अब बड़े इंटरनेशनल सिंडिकेट की जांच कर रही है, जिस पर सोने की तस्करी के लिए रान्या राव जैसे हाईप्रोफाइल लोगों को पैडलर या कूरियर के तौर पर इस्तेमाल करने का शक है।

CBI को शक है कि यह सिंडिकेट सिर्फ दुबई तक सीमित नहीं है। इसके तार यूरोप और अमेरिका तक फैले हो सकते हैं। इसलिए जांच एजेंसियां इंटरपोल की मदद लेने पर विचार कर रही हैं।

ज्वेलरी स्टोर खोलकर सोना खपाने की थी तैयारी सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में रान्या ने बताया है कि वो बेंगलुरु में ‘ग्रैंड ज्वेलर्स’ नाम से ज्वेलरी स्टोर खोलने की तैयारी कर रही थी। वह दूसरों के लिए तस्करी से मिलने वाले कम मुनाफे से खुश नहीं थी। स्टोर के जरिए लीगल बिजनेस शुरू कर जोखिम भरे काम से बाहर निकलना चाहती थी।

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रान्या राव से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए रान्या की जमानत अर्जी खारिज, गोल्ड स्मगलिंग केस में बेल्लारी से बिजनेसमैन अरेस्ट

27 मार्च को बेंगलुरु सेशन कोर्ट ने रान्या राव की जमानत याचिका खारिज कर दी। यह तीसरी बार है, जब कोर्ट ने रान्या को जमानत देने से इनकार किया है। इससे पहले 12 और 14 मार्च को कोर्ट ने रान्या को जमानत नहीं दी थी। उधर, 26 मार्च को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने बेल्लारी से सोना व्यापारी साहिल सकारिया जैन को अरेस्ट किया। यह तीसरी गिरफ्तारी थी। पढ़िए पूरी खबर…



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