रिपोर्ट राहुल मिश्रा शाहजहांपुर
पीड़िता मीरा गुप्ता ने महापौर सहित कई अन्य लोगों पर लगाए गम्भीर आरोप.
महापौर के पति राजेश वर्मा बोले आरोप बेबुनियाद, हमारा कोई लेना देना नहीं..
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रिपोर्ट राहुल मिश्रा शाहजहांपुर पीड़िता मीरा गुप्ता ने महापौर सहित कई अन्य लोगों पर लगाए गम्भीर आरोप.महापौर के पति राजेश वर्मा बोले आरोप बेबुनियाद, हमारा कोई लेना देना नहीं..यूपी में भू माफियाओं पर कार्यवाही करने का ढिंढोरा पीट रही योगी सरकार का फरमान शाहजहांपुर में शायद काम नही करता है यहाँ के अधिकारियों और कर्मचारियों पर योगी सरकार के आदेश के बाद जूँ तक नही रेंगती आदेश का पालन छोड़िये साहब यहाँ आदेश के विपरीत जाकर अधिकारी कर्मचारी भू माफियाओं से अपना हिस्सा तय कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का लाइसेंस दे देते हैं, यह आरोप पीड़िता मीरा गुप्ता द्वारा जिला प्रशासन पर लगाए जा रहे हैं.दरअसल पूरा मामला जनपद शाहजहांपुर के कस्बा जलालाबाद स्थित मोहल्ला जमदग्नि नगर का है।जहां के रहने वाले रामनिवास गुप्ता कलकत्ता वालों की विधवा पत्नी मीरा गुप्ता ने बताया कि मेरे पति रामनिवास गुप्ता ने लगभग साढ़े सात बीघे जमीन मोहल्ले के ही रहने वाली महिला से कई वर्षों पहले खरीदी थी,कस्बे के ही रहने वाले चंद्र मोहन द्विवेदी ने फर्जी कागजात तैयार करवा कर अपने परिजनों के नाम जमीन दर्ज करवाने का प्रयास किया,लेकिन इसकी भनक रामनिवास गुप्ता को लग गई इसके बाद उपरोक्त मामले में मुकदमा भी पूर्व में पंजीकृत किया गया था। अब उपरोक्त जमीन का फर्जी बैनामा जैसा कि आरोप मीरा गुप्ता द्वारा लगाया जा रहा है कि शाहजहांपुर की मेयर अर्चना वर्मा के पुत्र एवं उनके रिश्तेदारों द्वारा एक कंपनी बनाकर चंद्र मोहन आदि से फर्जी बैनामा कंपनी के नाम करवारकर करोड़ों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है।मीरा गुप्ता एवं उनके पुत्र व दामाद का कहना है कि रामनिवास गुप्ता की मृत्यु के बाद जमीन का मालिकाना हक मीरा गुप्ता एवं उनके पुत्र के नाम होना चाहिए लेकिन उपरोक्त भूमि पर मुकदमा लंबित होने के कारण मीरा गुप्ता के पक्ष द्वारा कोर्ट से उपरोक्त भूमि पर स्टे करवाया गया,जब उपरोक्त भूमि पर कोर्ट का स्टे है तो ऐसे में ना तो जमीन बेची जा सकती है और ना ही उस पर निर्माण कार्य किया जा सकता है,लेकिन फिर भी सत्ता में मेयर की कुर्सी पर काबिज अर्चना वर्मा के बेटे और उनके रिश्तेदारों द्वारा बनाई गई कंपनी के माध्यम से जबरन उपरोक्त भूमि पर अपना मालिकाना हक जताते हुए अवैध रूप से कब्जा किए जाने का आरोप मीरा गुप्ता एवं उनके पुत्र सहित दामाद अमन गुप्ता द्वारा लगाया जा रहा है।यही नहीं मीरा गुप्ता एवं उनके पुत्र का कहना है कि सत्ता के बल पर हमारी जमीन को जबरन प्रशासन की मदद से हथियाने का प्रयास किया जा रहा है।मीरा गुप्ता ने बताया कि मेरे पति रामनिवास गुप्ता की मृत्यु के बाद शाहजहांपुर की मेयर के पति राजेश वर्मा एवं उनके करीबी दिनेश गुप्ता उर्फ फैनी पप्पू वर्मा और ब्रह्म कुमार दीक्षित उर्फ भूरे के भय और डर के कारण वह कलकत्ता चली गई थी.होली से पहले उपरोक्त लोगों ने दबंगई के बल पर पीड़िता मीरा गुप्ता की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया और कहा कि अगर यहाँ आये तो जान से मरवा देंगे। अवैध कब्जा की शिकायत प्रार्थिनी द्वारा उच्चाधिकारीयों से की गई,इसके बाबजूद पीड़िता को कोई न्याय नही मिला है।
मीरा गुप्ता के पुत्र ने योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में भू माफियाओं से जमीने कब्जा मुक्त करवाई जा रही हैं,लेकिन हमारी विधवा मां और मुझे शाहजहांपुर जिला प्रशासन से न्याय नही मिल पा रहा है और न ही मेरी जमीन कब्जा मुक्त हो पा रही है। अगर हमारी जमीन कब्जा मुक्त नही करवाई गई और हमारे परिवार को न्याय नही मिला तो परिवार सहित आत्मदाह करने को मजबूर होंगे, क्योंकि हमारे पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।वहीं जब उपरोक्त प्रकरण के सम्बन्ध में महापौर अर्चना वर्मा से जानकारी चाही गई तो उनका फोन नहीं रिसीव हुआ लेकिन उनके पति राजेश वर्मा से जब बात हुई और समस्त प्रकरण के संबंध में जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि जिसका नाम होता है उसी को बदनाम किया जाता है, लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं.हमारा इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है..
यूपी में भू माफियाओं पर कार्यवाही करने का ढिंढोरा पीट रही योगी सरकार का फरमान शाहजहांपुर में शायद काम नही करता है यहाँ के अधिकारियों और कर्मचारियों पर योगी सरकार के आदेश के बाद जूँ तक नही रेंगती आदेश का पालन छोड़िये साहब यहाँ आदेश के विपरीत जाकर अधिकारी कर्मचारी भू माफियाओं से अपना हिस्सा तय कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का लाइसेंस दे देते हैं, यह आरोप पीड़िता मीरा गुप्ता द्वारा जिला प्रशासन पर लगाए जा रहे हैं.
दरअसल पूरा मामला जनपद शाहजहांपुर के कस्बा जलालाबाद स्थित मोहल्ला जमदग्नि नगर का है।जहां के रहने वाले रामनिवास गुप्ता कलकत्ता वालों की विधवा पत्नी मीरा गुप्ता ने बताया कि मेरे पति रामनिवास गुप्ता ने लगभग साढ़े सात बीघे जमीन मोहल्ले के ही रहने वाली महिला से कई वर्षों पहले खरीदी थी,कस्बे के ही रहने वाले चंद्र मोहन द्विवेदी ने फर्जी कागजात तैयार करवा कर अपने परिजनों के नाम जमीन दर्ज करवाने का प्रयास किया,लेकिन इसकी भनक रामनिवास गुप्ता को लग गई इसके बाद उपरोक्त मामले में मुकदमा भी पूर्व में पंजीकृत किया गया था। अब उपरोक्त जमीन का फर्जी बैनामा जैसा कि आरोप मीरा गुप्ता द्वारा लगाया जा रहा है कि शाहजहांपुर की मेयर अर्चना वर्मा के पुत्र एवं उनके रिश्तेदारों द्वारा एक कंपनी बनाकर चंद्र मोहन आदि से फर्जी बैनामा कंपनी के नाम करवारकर करोड़ों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है।
मीरा गुप्ता एवं उनके पुत्र व दामाद का कहना है कि रामनिवास गुप्ता की मृत्यु के बाद जमीन का मालिकाना हक मीरा गुप्ता एवं उनके पुत्र के नाम होना चाहिए लेकिन उपरोक्त भूमि पर मुकदमा लंबित होने के कारण मीरा गुप्ता के पक्ष द्वारा कोर्ट से उपरोक्त भूमि पर स्टे करवाया गया,जब उपरोक्त भूमि पर कोर्ट का स्टे है तो ऐसे में ना तो जमीन बेची जा सकती है और ना ही उस पर निर्माण कार्य किया जा सकता है,लेकिन फिर भी सत्ता में मेयर की कुर्सी पर काबिज अर्चना वर्मा के बेटे और उनके रिश्तेदारों द्वारा बनाई गई कंपनी के माध्यम से जबरन उपरोक्त भूमि पर अपना मालिकाना हक जताते हुए अवैध रूप से कब्जा किए जाने का आरोप मीरा गुप्ता एवं उनके पुत्र सहित दामाद अमन गुप्ता द्वारा लगाया जा रहा है।
यही नहीं मीरा गुप्ता एवं उनके पुत्र का कहना है कि सत्ता के बल पर हमारी जमीन को जबरन प्रशासन की मदद से हथियाने का प्रयास किया जा रहा है।मीरा गुप्ता ने बताया कि मेरे पति रामनिवास गुप्ता की मृत्यु के बाद शाहजहांपुर की मेयर के पति राजेश वर्मा एवं उनके करीबी दिनेश गुप्ता उर्फ फैनी पप्पू वर्मा और ब्रह्म कुमार दीक्षित उर्फ भूरे के भय और डर के कारण वह कलकत्ता चली गई थी.होली से पहले उपरोक्त लोगों ने दबंगई के बल पर पीड़िता मीरा गुप्ता की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया और कहा कि अगर यहाँ आये तो जान से मरवा देंगे। अवैध कब्जा की शिकायत प्रार्थिनी द्वारा उच्चाधिकारीयों से की गई,इसके बाबजूद पीड़िता को कोई न्याय नही मिला है।
मीरा गुप्ता के पुत्र ने योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में भू माफियाओं से जमीने कब्जा मुक्त करवाई जा रही हैं,लेकिन हमारी विधवा मां और मुझे शाहजहांपुर जिला प्रशासन से न्याय नही मिल पा रहा है और न ही मेरी जमीन कब्जा मुक्त हो पा रही है। अगर हमारी जमीन कब्जा मुक्त नही करवाई गई और हमारे परिवार को न्याय नही मिला तो परिवार सहित आत्मदाह करने को मजबूर होंगे, क्योंकि हमारे पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।
वहीं जब उपरोक्त प्रकरण के सम्बन्ध में महापौर अर्चना वर्मा से जानकारी चाही गई तो उनका फोन नहीं रिसीव हुआ लेकिन उनके पति राजेश वर्मा से जब बात हुई और समस्त प्रकरण के संबंध में जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि जिसका नाम होता है उसी को बदनाम किया जाता है, लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं.हमारा इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है..