गोरखपुर एयरपोर्ट पर शनिवार को स्पाइसजेट की फ्लाइट में आई तकनीकी खराबी ने पूरे एयरपोर्ट की लचर व्यवस्था को उजागर कर दिया। एक विमान में खराबी आई तो पूरा एयरपोर्ट ठप पड़ गया, अन्य उड़ानें भी घंटों देरी से चलीं, पैसेंजर परेशान होते रहे, लेकिन एयरपोर्ट प्
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फ्लाइट कैंसिल करने से पहले 6 घंटे तक क्यों बिठाया? पैसेंजर भड़के
स्पाइसजेट की दिल्ली से गोरखपुर आने वाली फ्लाइट SG-139/SG-940 2 घंटे 6 मिनट की देरी से दोपहर 2:46 बजे पहुंची, लेकिन लैंडिंग के तुरंत बाद इसमें तकनीकी खराबी आ गई। इसके बावजूद एयरपोर्ट प्रशासन ने तुरंत कोई फैसला नहीं लिया और पैसेंजर्स को घंटों गुमराह करता रहा।
पैसेंजर 5-6 घंटे तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे, उन्हें यह तक नहीं बताया गया कि आखिरकार उनकी फ्लाइट चलेगी या नहीं। जब पैसेंजर्स का सब्र टूट गया और उन्होंने हंगामा किया, तब जाकर फ्लाइट कैंसिल कर दी गई। पैसेंजर्स ने सवाल उठाया कि “अगर आखिर में फ्लाइट कैंसिल ही करनी थी, तो हमें पहले क्यों नहीं बताया गया? घंटों इंतजार कराने के बाद अचानक यह फैसला क्यों?”


एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी, प्रशासन पूरी तरह विफल
तकनीकी खराबी की वजह से गोरखपुर एयरपोर्ट पर हालात पूरी तरह बेकाबू हो गए।
• पैसेंजर घंटों तक बिना किसी जानकारी के फंसे रहे, एयरलाइन और प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
• इंडिगो, अलायंस एयर और अकासा एयर की कई उड़ानें भी प्रभावित हुईं, क्योंकि खराब विमान रनवे पर खड़ा रहा और ऑपरेशन ठप हो गया।
• पैसेंजर एयरपोर्ट पर घंटों तक बिना भोजन-पानी के फंसे रहे, बैठने की जगह तक नहीं मिली।
एक पैसेंजर ने गुस्से में ट्वीट किया, “अगर भारत का एविएशन सेक्टर इस तरह चलेगा, तो पैसेंजर्स को ट्रेन से ही सफर करना पड़ेगा। एयरलाइन और एयरपोर्ट प्रशासन की लापरवाही हद पार कर चुकी है!”


रनवे पर हैंगर फंसा, बाकी उड़ानें भी ठप, पैसेंजर फ्लाइट में ही फंसे
खराब विमान को हटाने में देरी के कारण अन्य उड़ानें भी लेट हो गईं। कुछ उड़ानों के पैसेंजर फ्लाइट में ही बैठे रहे, क्योंकि टेकऑफ की अनुमति नहीं थी।
• इंडिगो की दिल्ली फ्लाइट को करीब दो घंटे तक टेकऑफ की इजाजत नहीं मिली, जिससे पैसेंजर अंदर ही फंसे रहे।
• स्पाइसजेट की एक अन्य फ्लाइट 4 घंटे 32 मिनट की देरी से रवाना हुई।
• इंडिगो और अकासा की उड़ानें भी 1-3 घंटे तक लेट हो गईं।
पैसेंजर्स का गुस्सा इस बात पर था कि गोरखपुर एयरपोर्ट के पास ऐसी स्थितियों से निपटने का कोई सिस्टम नहीं है। एक फ्लाइट खराब होते ही पूरा ऑपरेशन ठप हो जाता है।
प्रशासन का गैरजिम्मेदाराना रवैया, पैसेंजर्स के ट्वीट्स से मचा बवाल
पैसेंजर्स ने एयरपोर्ट प्रशासन की पूरी लापरवाही का कच्चा चिट्ठा ट्विटर पर खोल दिया।
• “स्पाइसजेट की फ्लाइट खराब हुई, लेकिन इसका खामियाजा बाकी पैसेंजर्स को भी भुगतना पड़ा। एयरपोर्ट प्रशासन सोता रहा!”
• “फ्लाइट में घंटों बैठा रखा, टेकऑफ नहीं दिया और आखिर में कैंसिल कर दिया। ये कौन सी प्रोफेशनलिज्म है?”
• “पैसेंजर्स को सुविधा देना तो दूर, सही जानकारी तक नहीं दी जा रही। एयरपोर्ट मैनेजमेंट पूरी तरह फेल!”
मुआवजा देकर पल्ला झाड़ने की कोशिश, लेकिन पैसेंजर्स का गुस्सा बरकरार
स्पाइसजेट ने पैसेंजर्स को शांत करने के लिए
• फुल रिफंड,
• अगले 7 दिनों में किसी भी उपलब्ध फ्लाइट में बुकिंग,
• रविवार सुबह 11:30 बजे की अतिरिक्त फ्लाइट,
• ₹3000 का सर्विस रिकवरी वाउचर और होटल क्लार्क्स में ठहरने की सुविधा दी।
लेकिन पैसेंजर्स का कहना था कि “मुआवजा देना अपनी जगह सही है, लेकिन प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि ऐसी स्थिति बनने ही न दी जाए।”
एयरपोर्ट प्रशासन को नोटिस, लेकिन क्या कोई बदलाव होगा?
एयरपोर्ट निदेशक आरके परासर ने स्पाइसजेट को नोटिस भेजा है, लेकिन पैसेंजर्स को इसमें कोई भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि “हर बार नोटिस देकर मामले को दबा दिया जाता है, लेकिन असल में कुछ नहीं बदला। एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाने और आपात स्थिति में तुरंत समाधान निकालने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही।”
गोरखपुर एयरपोर्ट प्रशासन फेल, पैसेंजर्स की परेशानी का कोई अंत नहीं
गोरखपुर एयरपोर्ट पर शनिवार की घटना एक बार फिर साबित करती है कि यहां आपात स्थिति से निपटने की कोई तैयारी नहीं है।
• तकनीकी खराबी की स्थिति में तुरंत समाधान निकालने का कोई सिस्टम नहीं।
• पैसेंजर्स को घंटों तक गुमराह किया जाता है, सही जानकारी तक नहीं दी जाती।
• फ्लाइट कैंसिल करने से पहले 5-6 घंटे तक पैसेंजर्स को बिठाए रखा गया।
• रनवे पर विमान फंसा तो बाकी फ्लाइट्स भी लेट हो गईं, क्योंकि एयरपोर्ट के पास बैकअप प्लान नहीं है।
पैसेंजर्स का साफ कहना है कि अगर एयरपोर्ट प्रशासन ने जल्द ही अपनी व्यवस्था में सुधार नहीं किया, तो लोग गोरखपुर से हवाई यात्रा करने से बचने लगेंगे।