‘जब पाकिस्तान के पूर्व PM नवाज शरीफ करप्शन केस में दोषी ठहराए जाने और निर्वासन काटने के बाद वतन वापसी कर सकते हैं। फिर इमरान खान के लिए तो रास्ते खुले ही हैं। वो निश्चित तौर पर कमबैक करेंगे और PTI फिर पावर में आएगी।‘
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पाकिस्तान के जर्नलिस्ट और ब्लॉगर असद तूर इमरान को मिली सजा को उनके पॉलिटिकल करियर में एक ब्रेक मानते हैं और उनकी वापसी को लेकर उन्हें कोई शक नहीं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान डेढ़ साल से जेल में हैं। अल कादिर ट्रस्ट घोटाला केस में इस्लामाबाद की कोर्ट ने उन्हें 14 साल जेल और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 7 साल की सजा सुनाई है।
असद ये भी मानते हैं कि ये दबाव बनाने की कोशिश है। बात तभी बनेगी, जब इमरान, उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और सेना आपस में किसी समझौते पर पहुंचें। दोनों के रुख में नरमी आए। पाकिस्तानी मीडिया हाउस डॉन के मुताबिक, PTI चीफ गौहर अली खान ने पिछले हफ्ते ही पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर से मुलाकात की है।
हालांकि इमरान किसी भी तरह के समझौते की बात से इनकार कर रहे हैं। इमरान ने जेल से ही सोशल मीडिया पर लिखा- ‘मैं नवाज शरीफ नहीं हूं कि जेल से बाहर आने के लिए सरकारों से डील कर लूं।’
इधर इमरान की रिहाई के लिए पार्टी के प्रोटेस्ट लीड कर रहीं बुशरा बीबी भी जेल में हैं। अब दोनों के जेल जाने के बाद इमरान का पॉलिटिकल फ्यूचर क्या होगा? PTI कैसे काम करेगी और उसका फ्यूचर क्या होगा। पार्टी के बड़े मूवमेंट्स कौन लीड करेगा। पढ़िए पाकिस्तान से दैनिक भास्कर की रिपोर्ट…
इमरान को जेल सियासी बदले की कार्रवाई, लोग PTI के साथ कराची में रहने वाले नावेद अहमद नए केस में इमरान खान को सजा होने को सियासी बदले की कार्रवाई बताते हैं। वो कहते हैं, ‘ये फैसला किसी मेरिट पर नहीं हुआ। पाकिस्तान में विरोधियों को कमजोर करने के लिए ये परंपरा चली आ रही है। सियासी मामलों में पहले कोर्ट लंबी सजा का ऐलान करते हैं। फिर सरकार की शर्तें मान लेने पर समझौता हो जाता है और सजा माफ हो जाती है।‘
‘इमरान खान भी पूरी सजा काटेंगे, ये कहना मुश्किल है। ये सिर्फ उन पर दबाव बनाने की राजनीति है, ताकि सरकार अपनी शर्तें मनवा सके।‘
वहीं साजिद अली पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम गिनाते हुए कहते हैं, ‘ये अकेले इमरान के साथ नहीं हुआ। बारी-बारी सभी के साथ हुआ है। हालांकि ये सब सियासी केस हैं, जिनमें वक्त के साथ सब ठीक हो जाता है। फौज ही इमरान को लेकर आई, अब वो फौज से ही लड़ रहे हैं, तो बात तो बिगड़नी ही है।
साजिद कहते हैं, ‘हम तो अपना फ्यूचर लेकर परेशान हैं। अब हमें दूर-दूर तक कोई ऐसा व्यक्ति नजर नहीं आ रहा कि जो इस देश को आगे ले जा सके और हमारा भविष्य सुरक्षित कर सके। दुनिया इतना आगे पहुंच गई, हम आपस में ही लड़ रहे हैं।’
वहीं कराची के ही रहने वाले नावेद फारूखी भी इसे सियासी बदले की कार्रवाई मानते हैं। वे कहते हैं, ‘पाकिस्तान की अवाम को इमरान के लिए सड़कों पर उतरना होगा, वर्ना हम कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। इमरान खान ने जब प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी, तब उन्होंने मुल्क को आगे बढ़ाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें काम नहीं करने दिया। ये उन्हें और हमारे मुल्क को पीछे ले जाने की कोशिश है।’
PTI: इमरान को झुकाने के लिए बुशरा को जेल इमरान और बुशरा को सुनाई गई सजा को लेकर हमने PTI का भी पक्ष जाना। पार्टी लीडर लाल चंद माल्ही कहते हैं, ‘इमरान खान और बुशरा बीबी को बेबुनियाद केस में सजा सुनाई गई है। इस केस में इमरान को न एक पैसे का फायदा हुआ और न ही पाकिस्तान सरकार को एक पैसे का नुकसान हुआ।‘
‘ये फैसला तीन बार टाला गया और अब ऐसे वक्त में आया है, जब अंदरूनी और बाहरी दोनों तरफ से दबाव है। बुशरा बीबी को जेल भेजने के पीछे भी यही वजह है कि इमरान खान पर दबाव बनाया जा सके। पार्टी वर्कर्स को इमरान खान से मिलने की मनाही थी। बुशरा बीबी उनके मैसेज पार्टी तक पहुंचाती थीं। वो इमरान की रिहाई के लिए पार्टी मूवमेंट का हिस्सा थीं। इसीलिए हुकूमत ने उन्हें निशाना बनाया।‘
माल्ही आगे कहते हैं, ‘9 मई 2023 को PTI के मूवमेंट में 10 हजार वर्कर्स अरेस्ट किए गए। फिर 26 नवंबर 2024 को जब इमरान खान की रिहाई के लिए मूवमेंट चला, तब भी पार्टी वर्कर्स पर गोलियां चलाई गईं। इन केसेज की जांच के लिए इमरान खान ने पार्टी लेवल पर एक कमेटी बनाई है, जो पाकिस्तानी फौज से बातचीत कर रही है।‘
‘हमारी एक ज्यूडिशियल कमीशन बनाने की मांग है, ताकि इन दोनों मामलों की जांच और सियासी कैदियों की रिहाई हो सके। कमेटी और फौज के बीच तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। इसी दौरान इमरान खान को सजा सुनाया जाना सिर्फ दबाव की राजनीति है, ताकि इमरान पाकिस्तानी फौज की शर्तें मान लें। उन्होंने किसी भी तरह के समझौते से इनकार कर दिया है।‘
वे आगे कहते हैं, ‘सरकार अगर ज्यूडिशियल कमीशन बनाने के लिए राजी नहीं होती है, तो PTI इस बातचीत को आगे नहीं बढ़ाएगी। फिर हम आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। इमरान खान इसके लिए आगे रोडमैप देंगे। पार्टी उसी हिसाब से मूवमेंट को आगे बढ़ाएगी।‘
एक्सपर्ट: इमरान के लिए रास्ते बंद नहीं हुए, वो पावरफुल कमबैक करेंगे इमरान को सजा सुनाए जाने के मामले में पाकिस्तान के जर्नलिस्ट और ब्लॉगर असद तूर कहते हैं, ‘इमरान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री नहीं हैं, जिन्हें कोर्ट ने करप्शन के केस में दोषी ठहराया है और सजा सुनाई है। इससे पहले जुल्फिकार अली भुट्टो, बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ और यूसुफ रजा गिलानी भी ऐसे फैसलों का सामना कर चुके हैं।‘
इमरान की वापसी को लेकर असद कहते हैं, ‘इमरान खान और बुशरा बीबी का फ्यूचर सेफ है क्योंकि पाकिस्तान में इमरान खान की जबरदस्त पॉपुलैरिटी है। हालांकि मौजूदा सरकार के चलते उनकी लोकप्रियता को नुकसान पहुंचा है। हालांकि जनता ये भी जानती है कि मौजूदा सरकार लंबी नहीं चलने वाली है। ये जल्द ही गिर जाएगी। उन हालात में लोगों के पास इमरान से बेहतर विकल्प नहीं है।‘
‘इसलिए इमरान के लिए रास्ते बंद नहीं हुए हैं। वो निश्चित तौर पर कमबैक करेंगे और PTI फिर पावर में आएगी। करप्शन के केस में दोषी ठहराए जाने और निर्वासन काटने के बाद जब नवाज शरीफ वतन वापसी कर सकते हैं, फिर इमरान के पास तो पॉपुलैरिटी और स्पोर्ट्समैन स्पिरिट है। बस देखना ये होगा कि उनकी वापसी का तरीका क्या होगा।’
असद आगे कहते हैं, ’पूर्व PM बेनजीर भुट्टो लंबा निर्वासन काटकर पाकिस्तान लौटी थीं, लेकिन सेना ने उनके पर कतर दिए थे। उनकी ताकतें कम कर दी थीं। अगर इमरान भी सेना या सरकार के साथ कोई डील करके पावर में लौटते हैं, तो उन्हें काफी समझौते करने होंगे। अगर वो बिना झुके अपनी शर्तों पर लौटते हैं, तो तस्वीर अलग होगी। हालांकि दोनों ही हालात में इमरान खान की वापसी तय है।’
रिहाई के लिए पाकिस्तानी फौज के प्रति इमरान की नरमी जरूरी PTI और सरकार के बीच बातचीत को लेकर असद कहते हैं, ‘इमरान खान और सरकार के बीच बातचीत की कोशिशें लंबे समय से जारी हैं। इससे पहले फौज ने इमरान के सामने अपनी कुछ शर्तें भी रखी थीं, लेकिन उन्होंने शर्तें मानने से इनकार कर दिया था। इमरान और फौज के बीच अगर कुछ मसले सुलझा लिए जाएं तो ये सजा खुद ब खुद रद्द कर दी जाएंगी।’
फौज ने इमरान के सामने ये तीन शर्तें रखीं:
1. इमरान पाकिस्तान आर्मी चीफ सैय्यद असीम मुनीर की आलोचना करना बंद करें।
2. इमरान खान और PTI की सोशल मीडिया सेना और सरकार के खिलाफ लिखने से बचे।
3. प्रवासी पाकिस्तानियों की लॉबी को भी पाकिस्तान को लेकर अपना रुख नरम करना होगा।
असद के मुताबिक, ‘इमरान और PTI जब तक इस दिशा में काम नहीं करते, तब तक उन्हें राहत मिलनी मुश्किल है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत का दौर भले जारी हो, लेकिन राहत तभी मिलेगी, जब दोनों एक दूसरे को रियायतें देने को राजी होंगे।‘
बुशरा बीबी के जेल जाने से नुकसान नहीं, PTI पहले की तरह मजबूत बुशरा बीबी के दोबारा जेल जाने और PTI के फ्यूचर के सवाल पर असद कहते हैं, ‘इमरान की रिहाई के लिए बुशरा बीबी मुहिम चला रही थीं। अब वो खुद जेल में हैं। हालांकि इससे PTI के पॉलिटिकल मूवमेंट्स में ज्यादा फर्क नहीं आने वाला है।‘
‘PTI ने अभी किसी नए प्रोटेस्ट का ऐलान नहीं किया है। वहीं PTI चीफ गौहर अली खान और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गांडापुर पहले से इमरान की रिहाई के लिए कैंपेन चला रहे हैं। वो फौज के साथ बातचीत भी कर रहे हैं। लिहाजा पार्टी के इन दो लोगों की जनता और कार्यकर्ताओं के बीच पकड़ है, वो जेल से बाहर हैं।’
अल कादिर ट्रस्ट घोटाले के बारे में जानिए… इमरान खान पर 1 हजार 955 करोड़ रुपए की घूस लेने का आरोप पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में दिसंबर 2023 में केस दर्ज किया। ब्यूरो ने इमरान खान (72), बुशरा बीबी (50) और 5 अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया था। इनमें इमरान के पूर्व एडवाइजर शहजाद अकबर, पूर्व मंत्री जुल्फी बुखारी, बहरिया टाउन के मालिक मलिक रियाज, उनका बेटा और बुशरा बीबी की दोस्त फराह शहजादी शामिल हैं।
कोर्ट ने इनके खिलाफ परमानेंट अरेस्ट वारंट जारी किया है। इनकी प्रॉपर्टी सीज करने का भी ऑर्डर दिया है। पाकिस्तान सरकार का आरोप है कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री बनने के बाद मलिक रियाज को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाया। ब्रिटेन में रियाज की अरबों रुपए की प्रॉपर्टी जब्त कराई। फिर लंदन में उसके एक गुर्गे को अरेस्ट कराया, जिससे 1238 करोड़ रुपए (40 अरब पाकिस्तानी रुपए) बरामद हुए।
आरोप ये भी है कि इस केस के बाद दो डील हुई। ब्रिटेन सरकार ने रियाज के गुर्गे से बरामद रकम पाकिस्तान सरकार को लौटा दी। इमरान ने कैबिनेट को इस पैसे की जानकारी नहीं दी। बल्कि अल कादिर नाम से एक ट्रस्ट बनाकर मजहबी तालीम देने के लिए एक यूनिवर्सिटी शुरू कर दी। इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में 3 मेंबर थे- इमरान खान, बुशरा बीबी और फराह शहजादी।
इस केस की FIR में कहा गया है कि इसके लिए 56 एकड़ जमीन मलिक रियाज ने दी। बुशरा बीबी को डायमंड रिंग भी गिफ्ट की। बदले में रियाज के तमाम केस खत्म कर दिए गए। पूरे मामले को देखते हुए इमरान खान और उनकी पत्नी पर 1 हजार 955 करोड़ रुपए की घूस लेने के आरोप में केस दर्ज किया गया।
पाकिस्तान के होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने इमरान की गिरफ्तारी के बाद कहा- ये पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम है। सरकारी खजाने को कम से कम 1547 करोड़ रुपए (50 अरब पाकिस्तानी रुपए) की चपत लगी। इसके बावजूद 13 महीने में एक बार भी इमरान या बुशरा पूछताछ के लिए नहीं आए। 3 साल में इस यूनिवर्सिटी में महज 32 स्टूडेंट्स ने ही एडमिशन लिया।
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इमरान खान को भ्रष्टाचार केस में 14 साल की जेल, बुशरा को 7 साल सजा
पाकिस्तान की एक कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई है। डॉन की खबर के मुताबिक इमरान को 14 और बुशरा को 7 साल की सजा मिली है। दोनों पर राष्ट्रीय खजाने को 50 अरब पाकिस्तानी रूपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे। पढ़िए पूरी खबर…