फर्जी आंकड़े बने गले की फांस अब उनको न निगल सकते हैं न उगल सकते हैं
नारद संवाद न्यूज़ एजेंसी
अनुराग राजू मिश्रा(शाहजहांपुर)
शाहजहांपुर।ई श्रमिको को लाभान्वित करने के उद्देश्य से
सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश जारी किया की उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में पंजीकृत ई श्रमिकों को राशन कार्ड जारी करते हुए लाभान्वित किया जाए जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शासनादेश जारी करते हुए जिला संयोजन अधिकारी को ई श्रमिकों का आनलाइन रिकॉर्ड संबंधित जिला पूर्ति अधिकारी को इस आदेश के साथ हस्तगत कर दिया गया कि नियमानुसार कर्मचारियों की ब्लॉक वार व तहसील बार तैनाती करते हुए संबंधित रिकॉर्ड सूची में अंकित ई श्रमिकों की पात्रता की जांच करते हुए पात्र ई श्रमिकों की संख्या उपलब्ध करवाई जाय।
यहां पर बता दें शाहजहांपुर जनपद में लगभग 2 लाख ई श्रमिक पंजीकृत पाए गए। जिला पूर्ति अधिकारी चमन शर्मा ने ऑफिस में बैठे-बैठे प्राइवेट ऑपरेटर तथा पूर्ति निरीक्षकों के माध्यम से जिला संयोजन अधिकारी के यहां से आई ई श्रमिकों की सूची के प्रत्येक पृष्ठ में अंकित ई श्रमिकों को अपनी मर्जी से पांच ऊपर के तथा पांच नीचे के ई श्रमिकों को पात्र दर्शा दिया और सूची के प्रत्येक पृष्ठ में अंकित बाकी ई श्रमिको को अपात्र दर्शा दिया।
और दो लाख में से लगभग 41 हजार से ज्यादा ई श्रमिको को पात्र बताकर सूची को शासन को भेज दिया जब शासन ने जनपद से आई पात्र ई श्रमिकों की सूची सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की तो सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए कहा की इन सभी इन सभी पात्र ई श्रमिकों के राशन कार्ड जारी करते हुए न्यायालय को अवगत कराया जाय।
ऑफिस में बैठे-बैठे जिन 41 हजार ई श्रमिकों को जिला पूर्ति कार्यालय से पात्र बना दिया गया अब वह पात्र है या नही यह
डीएसओ साहब की गले की फांस बन गए। यदि ऑफिस में बैठकर फर्जी वाड़ा करने की वजह मौके पर जाकर ई श्रमिक चिन्हित किए गए होते तो यह आंकड़ा गले की फांस नही बनता ।
सूत्र यहां तक बताते हैं ई श्रमिकों की सूची का फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ होते देखा जिला पूर्ति अधिकारी साहब चमन शर्मा बौखला गए है और वह इसकी गुस्सा अपने कार्यालय के कर्मचारियों पर निकाल रहे है।कार्यालय के कर्मचारियों पर अनावश्यक रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अपनी खीज निकाल रहे हैं जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोश व्याप्त है