Saturday, April 27, 2024
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जनपद के ब्लाक प्रमुखों ने उड़ाई जिलाधिकारी के आदेश की धज्जियां , छह माह बीतने के बाद भी नहीं खरीदे गए कैटल कैचर

रिपोर्ट-अनुराग राजू मिश्रा 

छह माह पूर्व जिला अधिकारी ने सभी क्षेत्र पंचायतों को कैटल कैचर खरीदने के दिए थे आदेश

एक दो ब्लाक प्रमुखों ने पुरानी कबाड़ ट्रालियों को भगवा रंग से रंगवा कर उस पर लिखवा दिया कैटल कैचर

शाहजहांपुर ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में आवारा घूम रहे पशुओं से परेशान लोगों को राहत दिलाने के लिए जिलाधिकारी ने क्षेत्र पंचायतों को कैटल कैचर खरीदने के निर्देश दिए थे जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में निराश्रित पशुओं को पकड़ने के लिए कैटल कैचर का उपयोग में लाया जाएगा ।जनपद में बड़ी संख्या में घूम रहे निराश्रित पशु सड़क व अन्य स्थानों के साथ ही खेती आदि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन जनपद के ब्लाक प्रमुखों ने जिलाधिकारी के आदेश को कूडादान में फेंक दिया और किसी भी क्षेत्र पंचायत के ब्लाक प्रमुख ने कैटल कैचर नहीं खरीदा कुछ क्षेत्र पंचायतों ने दिखावा करने के उद्देश्य से कबाड़ा ट्रालियों को भगवा रंग से रंगवा कर उन पर कैटल कैचर लिख दिया
जनपद में पंद्रह क्षेत्र पंचायतें है जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 28.51 करोड़ रुपया तथा वित्तीय वर्ष 2023 -24 में बंडा क्षेत्र पंचायत ने 5.19करोड़ खर्च किया है
तिलहर क्षेत्र पंचायत ने 1 लाख 60 हजार भावल खेडा ने 1 लाख 10 हजार में में कैटल कैचर खरीदने की औपचारिकता की , औपचारिकता इस लिए कहा जा रहा है क्योकि कैटल कैचर लगभग 7 लाख से 15 लाख में आता है जो कि डीसीएम पर बना होता है जिसमे हाइड्रोलिक लगा होता है जिससे जानवर को आसानी से उठाकर कैटल कैचर में डाला जा सके मंहगा होने के कारण जिलाधिकारी महोदय द्वारा क्षेत्र पंचायतों से खरीदने के निर्देश दिए थे तिलहर और भावल खेडा क्षेत्र पंचायत ने जो कैटल कैचर के नाम पर जो खर्च किया उसमे केवल एक पुरानी कवाडा ट्राली को खरीदा गया और उसको भगवा रंग से रंगवा कर उस पर कैटल कैचर लिखवा दिया इन दो क्षेत्र पंचायतों ने भले ही कैटल कैचर खरीदनें की औपचारिकता की है बाकी अन्य क्षेत्र पंचायतों ने तो जिलाधिकारी के आदेश को कूड़ा दान में फेंक दिया
एक तरफ जहाँ क्षेत्र पंचायतों ने जिलाधिकारी के आदेश को कूडा दान में फेंक दिया वहीं क्षेत्र पंचायतों ने स्ट्रीट लाइट या सोलर लाइट खरीदने में लाखो रुपया खर्च किया क्योकि लाइट खरीदने पर 70 प्रतिशत कमीशन मिलता है जिसका बन्दर बाँट बीडीओ और ब्लाक प्रमुख आपस में कर लेते है प्रधान से लेकर सांसद विधायक मंत्री ब्लाक प्रमुख सभी 70 प्रतिशत कमीशन के कारण अरबों रुपया स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइट पर खर्च कर देते है जिलाधिकारी महोदय को जिन स्थानों पर लाइट लगवाई गई है उनकी जांच विद्युत् विभाग से करवानी चाहिए क्योकि जो भी लाइट लगाईं गई है उनका कनेक्शन बिद्युत विभाग से नहीं करवाया जाता है जिलाधिकारी महोदय को क्षेत्र पंचायतो द्वारा लाइट पर खर्च किये गये सरकारी धन की जांच करवानी चाहिए जिससे आगे से अन्य विभाग उनके आदेशो की अवहेलना न कर सके

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