Naradsamvad

[post-views]

Nepal Prostitution; Kathmandu Thamel Sex Workers | Red light Area | 5 साल में सेक्स वर्कर्स की संख्या दोगुनी हुई: नेपाल के थामेल में हर 10 कदम पर एजेंट, खुलेआम धंधा; सेक्स वर्कर बोलीं- रिस्क है


नेपाल की राजधानी काठमांडू का थामेल एरिया। शाम होते ही ये इलाका विदेशी टूरिस्ट्स से भर जाता है। नेपाल के सबसे मशहूर बार-पब यहीं हैं। पार्टियों के शौकीन लोग थामेल खिंचे चले आते हैं। नेपाल में कवरेज के दौरान हम इस जगह पहुंचे। जगमगाती लाइटों से गुलजार रह

.

अचानक एक एजेंट करीब आया और फुसफुसाते हुए बोला- ‘पार्टी करोगे, लड़की चाहिए लड़की..’

मैंने उसकी तरफ देखा, तो बोला- ‘स्पा सेंटर सर, ट्रेडिशनल स्पा होगा। बूम-बूम चाहिए तो वो भी मिलेगा.. एक बार चलकर देख लो साब जी..’

काठमांडू का थामेल एरिया बड़ा टूरिस्ट स्पॉट है। नेपाल के मशहूर पब-बार यहीं है, जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में विदेशी टूरिस्ट्स पहुंचते हैं।

काठमांडू का थामेल एरिया बड़ा टूरिस्ट स्पॉट है। नेपाल के मशहूर पब-बार यहीं है, जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में विदेशी टूरिस्ट्स पहुंचते हैं।

अगर आप थामेल जाएंगे, तो हर 10 कदम पर ये आपके साथ भी होगा। स्पा सेंटर के नाम पर यहां जिस्मफरोशी का धंधा चलता है। लोग बताते हैं कि बीते कुछ साल में ये तेजी से बढ़ा है। रात में 11 बजे के बाद जब दुकानें और रेस्टोरेंट बंद होने लगते हैं, तब जिस्मफरोशी का काम शुरू होता है। बार-पब से निकलने वाले टूरिस्ट के आसपास सेक्स वर्कर्स और एजेंट्स घूमते दिख जाते हैं। ये सब रातभर चलता है।

न्यू बस पार्क, रंग पार्क जैसे इलाकों में सेक्स वर्कर्स खुलेआम सड़कों पर घूमती हैं, कस्टमर खोजती हैं। टूरिस्ट और कस्टमर भी सेक्स वर्कर्स की खोज में इन इलाकों में चले आते हैं। काठमांडू में दिल्ली के जीबी रोड, मुंबई के कमाठीपुरा या कोलकाता के सोनागाछी की तरह यहां कोई रेड लाइट एरिया नहीं है। इसकी वजह से सड़कों के किनारे, मार्केट एरिया, बस अड्डों के आसपास सेक्स वर्कर्स घूमती दिख जाती हैं।

काठमांडू के न्यू बस पार्क, रंग पार्क जैसे इलाकों में सेक्स वर्कर्स कस्टमर की तलाश में सड़कों पर घूमती मिल जाएंगी।

काठमांडू के न्यू बस पार्क, रंग पार्क जैसे इलाकों में सेक्स वर्कर्स कस्टमर की तलाश में सड़कों पर घूमती मिल जाएंगी।

काठमांडू में न्यू बस पार्क इलाके में हमारी मुलाकात 24 साल की एक सेक्स वर्कर से हुई। वो पास आई और बोली- ‘चलेगा क्या?’

हमने उससे पूछा- ‘आपका नाम क्या है, आपसे बात करना चाहते हैं…’

(हमने उसे बताया कि हम मीडिया से हैं और आपके काम के बारे में बात करना चाहते हैं।)

लड़की ने टूटी फूटी हिंदी में कहा- ‘पागल है क्या.. कैमरे पर कौन बात करेगा, जेल जाना है क्या.. ’

हम काफी देर तक उस लड़की से बात करते रहे। हमने उससे कहा कि यहां खड़े-खड़े बात करने से अच्छा है किसी रेस्टोरेंट में कुछ खाते हुए बात करते हैं। हमें उम्मीद कम थी कि वो मानेगी, लेकिन वो पहचान छिपाकर बात करने के लिए तैयार हो गई। रेस्टोरेंट में हमने उससे उसकी पहचान छिपाकर बात की….

लड़की ने हमसे सेक्स वर्क के प्रोफेशन में आने से लेकर काम में आने वाली दिक्कतों तक हर मुद्दे पर बात की।

लड़की ने हमसे सेक्स वर्क के प्रोफेशन में आने से लेकर काम में आने वाली दिक्कतों तक हर मुद्दे पर बात की।

रागिनी (बदला हुआ नाम) सेक्स वर्कर रेस्टोरेंट में मेरे सामने बैठी लड़की रागिनी ने खुद अपना परिचय दिया। बोली- ‘मैं 5 साल से ये काम कर रही हूं। प्राइमरी लेवल तक पढ़ी, फिर स्कूल छोड़ दिया। गांव छोड़कर काठमांडू आ गई। यहां जिंदगी शुरू की। सोचा था कि कोई नौकरी करूंगी, लेकिन ढंग का काम नहीं मिला। मैं एक रेस्टोरेंट में काम करने लगी। वहां कुछ दोस्तों ने मुझे सेक्स वर्क के बारे में बताया और मैंने ये काम शुरू कर दिया।’

सवाल: अपने काम के बारे में कुछ बताइए? जवाब: हमारा दिन देर से शुरू होता है। काम से लौटते हुए रात हो जाती है। मैं दिन में 11 बजे सोकर उठती हूं। उसके बाद खुद के कुछ काम करती हूं, खाना पकाती हूं और आराम करती हूं। शाम करीब 4-5 बजे मैं तैयार होकर, मेकअप करके बाहर निकलती हूं। काठमांडू में थामेल, बम स्टैंड, पार्क वाले इलाकों में सड़कों पर खड़ी हो जाती हूं।

QuoteImage

क्लाइंट आते हैं तो उससे बात करती हूं, मोलभाव करती हूं और हमारे पहचान वाले होटल में चली जाती हूं। एक दिन में 4-5 क्लाइंट आते हैं। एक क्लाइंट के साथ आधे से एक घंटा बिताना होता है। घर लौटते हुए सुबह के 4-5 बज जाते हैं।

QuoteImage

सवाल: क्या इस काम में नई लड़कियां आ रही हैं, वो क्यों आई हैं? रागिनी जवाब देती हैं- ‘हां, मैंने खुद कोरोना के बाद ये काम शुरू किया। तब कोई नौकरी नहीं थी। मेरे बाद भी इस पेशे में बहुत सारी नेपाली लड़कियां आई हैं। मेरे गांव से ही चार-पांच लड़कियां हैं। अब तो और भी ज्यादा लड़कियां इस काम में आ रही हैं। थामेल में कई लड़कियां आपको घूमती दिख जाएंगी।’

सवाल: आपको पुलिस से डर नहीं लगता? जवाब: जब मैं काठमांडू आई थी, तब पुलिस से बहुत डर लगता है। कई बार पुलिस ने पकड़ा भी, लेकिन फिर हमें पता चल गया कि पुलिस से कैसे बचना है। एक पूरी चेन और सिस्टम काम करता है, अगर आप उसका हिस्सा हैं तो आपको कुछ नहीं होगा। सिर्फ जब पुलिस आए तो आप छिप जाओ और बाकी सब कुछ चलता रहता है।’

सवाल: काम में क्या दिक्कत आती है, क्या खतरा भी होता है? जवाब: ये बहुत खतरे का काम है। हर दिन नए आदमी के साथ अकेले कमरे में जाना आसान काम नहीं है। कई लोग मारपीट करते हैं। मेरे माथे पर चोट का निशान है, एक क्लाइंट ने दीवार पर मेरा सिर मार दिया था। हमारे काम की वजह से लोग हमसे नफरत करते हैं, इसलिए हिंसक हो जाते हैं। हम कोशिश करते हैं कि बाहर किसी मर्द के साथ ना जाएं। अपनी पहचान के होटल में ही जाएं, ताकि अगर दिक्कत हो तो जानने वाले बचा सकें।

थामेल में घूमते हुए पता लगा कि सेक्स वर्कर्स के बीच सुनीता लामा का नाम बहुत मशहूर है। सुनीता 20 साल से ट्रांस वुमन सेक्स वर्कर हैं। सुनीता के बच्चे भी हैं।

सुनीता लामा, मायको संसाद यानी प्यार की दुनिया नाम से संस्था चलाती हैं। वे खुलकर सेक्स वर्कर्स के अधिकारों की बात करती हैं।

सुनीता लामा, मायको संसाद यानी प्यार की दुनिया नाम से संस्था चलाती हैं। वे खुलकर सेक्स वर्कर्स के अधिकारों की बात करती हैं।

हम सुनीता से मिले। वे बताती हैं, ‘मैं मधेस प्रदेश की रहने वाली हूं। मेरा जन्म सरला में हुआ है। बहुत गरीब और रूढ़िवादी परिवार में पैदा हुई। मेरा जन्म लड़के के शरीर में हुआ था, लेकिन मेरी फीलिंग्स लड़कियों वाली थी। बाद में मैंने जेंडर अफर्मिटी सर्जरी करवाई थी। काठमांडू में 25 साल से रहती हूं। 2004 से मैंने ये काम शुरू किया था। मेरे परिवार का गुजारा इसी की कमाई से होता है।’

‘मैं मैकअप करके काठमांडू की सड़कों पर निकल जाती हूं। नेपाल में कोई रेड लाइट एरिया नहीं है, रास्ते में चलते हुए ही कस्टमर आते हैं। काठमांडू के थामेल, न्यू बस पार्क, रंग पार्क जैसे इलाकों के पास की सड़कों पर हम तैयार होकर खड़े हो जाते हैं। कोई कस्टमर आता है, तो मोलभाव करके होटल में चले जाते हैं।’

‘एवरेज 1 हजार से 2 हजार नेपाली रुपए (700-1400 भारतीय रुपए) में रेट तय हो जाता है।’

सवाल: पहले और अब में क्या बदला है, बतौर सेक्स वर्कर आपकी क्या मांग है? जवाब: 7-8 साल पहले की बात करें तो तब पुलिस की इतनी सख्ती नहीं थी। यहां के लोग परेशान करते थे। अब उल्टा हो गया, लोगों को कोई परेशानी नहीं, लेकिन पुलिस ने सख्ती बढ़ा दी है। वे हमसे वसूली करते हैं, घूस मांगते हैं।

हम मांग करते रहे हैं कि सेक्स वर्क को थाईलैंड की तरह रेगुलेट करना चाहिए। इससे जो पैसा घूस में जा रहा है, वो सरकार को मिलेगा और हमारे लिए भी सुरक्षित माहौल तैयार हो पाएगा। अगर हमारे साथ कुछ गलत हो जाए तो हम पुलिस के पास जाकर रिपोर्ट भी कर पाएंगे।

नेपाल में सेक्स वर्क कानूनन अपराध नहीं नेपाल में अगर कोई पैसे के बदले सेक्स वर्क करता है तो कानूनी तौर पर इसे अपराध माना जाए या नहीं, ये पेचीदा सवाल है। हमने काठमांडू के थामेल और न्यू बस पार्क इलाके में देखा कि सेक्स वर्क करने वाली लड़कियां पुलिस के आते ही छिपने लगती हैं। उनके एजेंट भी भाग जाते हैं।

हालांकि, नेपाल में ऐसा कानून नहीं है, जिसके मुताबिक सेक्स वर्क को सीधे तौर पर अपराध माना जाए और कार्रवाई की जा सके। पब्लिक प्लेस पर मर्यादा से जुड़े कानूनों को आधार बनाकर पुलिस सेक्स वर्कर्स पर कार्रवाई करती है।

नेपाल के एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी नाम न लिखने की शर्त पर बताते हैं, ‘थामेल इलाके में DSP बनने का रेट मेरे रिटायर होने तक 2 करोड़ रुपए चला करता था। पुलिस अधिकारी की पोस्टिंग के लिए इतनी ज्यादा घूस वहां चल रहे जिस्मफरोशी के अड्डों की वजह से होती है। पुलिस इन ठिकानों से हफ्ता वसूली करती है।’

सुजन पंता नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट हैं और सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए काम करते हैं। उनसे जुड़े कानूनी और कोर्ट के मसलों पर पैरवी करते हैं। सुजन कहते हैं, ‘नेपाल में सेक्स वर्क के बारे में दो तरह की कानूनी मान्यता है- पहली- सेक्स वर्क को अपराध नहीं मानना चाहिए, दूसरी- सेक्स वर्क पर कानूनी स्थिति साफ नहीं है।’

सेक्स वर्क सर्विस की मांग करने वाले वाले क्लाइंट्स, सेक्स वर्कर और क्लाइंट के बीच काम करने वाले दलाल/मैनेजर की गतिविधियों को नेपाल में ह्यूमन ट्रैफिकिंग एंड ट्रांसपोर्टेशन (कंट्रोल) एक्ट 2007 के तहत क्राइम माना गया है। इस कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति के लिए पैसों के बदले सेक्स वर्क ह्यूमन ट्रैफिकिंग की श्रेणी में आता है।

नेपाल क्रिमिनल कोड कानून 2017 के मुताबिक, जिस्मफरोशी और क्लाइंट्स को बुलाना, इसके लिए विज्ञापन करना गैरकानूनी है। इस कानून के तहत उन पर भी कार्रवाई हो सकती है, जो सेक्स वर्क के लिए अपनी प्रॉपर्टी इस्तेमाल होने देते हैं।

हमने कई सेक्स वर्कर्स से बात की। उन्होंने बताया सेक्स वर्क पुलिस के रहते हुए खुलेआम चलता है। पुलिस सिर्फ दिखाने के लिए कार्रवाई करती है।

एडवोकेट सुजन पंता कहते हैं कि नेपाल में सेक्स वर्क को अपराध माना जाता है और पुलिस इसे लेकर सख्ती से काम करती है। सरकार के दूसरे सरकारी महकमे हेल्थ मिनिस्ट्री नेशनल सेंटर फॉर एड्स कंट्रोल के तहत सेक्स वर्कर्स का डेटा जुटा रहे हैं। दूसरी तरफ गृह मंत्रालय की पुलिस सेक्स वर्क पर सख्ती दिखा रही है।

5 साल में बढ़कर सेक्स वर्कर्स की तादाद दोगुनी हुई नेपाल में कुल कितने लोग सेक्स वर्क में शामिल हैं, इसका सटीक डेटा नहीं है। सेक्स वर्कर्स खुलकर काम नहीं कर सकतीं, इसकी वजह से सरकार या किसी संगठन का सभी तक पहुंचना मुश्किल होता है। नेपाल में सेक्स वर्क और इसके इर्द गिर्द होने वाले कारोबार पर कई रिपोर्ट पब्लिश हुई हैं।

फ्रंटियर की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 तक 24 से 28 हजार सेक्स वर्कर्स काम करती थीं। सिर्फ काठमांडू में ही करीब 11 हजार सेक्स वर्कर हैं। एशिया पेसेफिक के HIV एड्स डेटा के मुताबिक 2015 तक नेपाल में करीब 25 हजार सेक्स वर्कर्स काम कर रही थीं। साल 2020 में छपी यूएन एड्स की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल में 5 साल में सेक्स वर्कर्स की तादाद दोगुनी बढ़कर करीब 43 से 54 हजार तक हो गई है।

सेक्स वर्कर्स के साथ काम करने वाली सुनीता लामा भी कहती हैं कि 2020 के बाद कोविड की वजह से सेक्स वर्क में आने वाली लड़कियों की तादाद तेजी से बढ़ी हैं। मेरी जानने वाली कई लड़कियां हैं, जिन्होंने 2020 के पहले सेक्स वर्क छोड़ दिया था और दूसरे काम करने लगी थीं। कोविड में नौकरियां जाने और आर्थिक मंदी की वजह से कई लड़कियां फिर से इस काम में वापस आ गईं। इसी समय नई लड़कियां और ट्रांस समुदाय के लोगों ने ये काम शुरू कर दिया।’

नेपाल में चल रही सेक्स वर्क को अपराधमुक्त बनाने की मुहिम नेपाल में सेक्स वर्क को अपराधमुक्त (डिक्रिमिनलाइज) करने की मांग उठती रहती है। कुछ संगठन इसके लिए सेक्स वर्कर्स के साथ मिलकर काम करते हैं। शांति तिवारी अपने संगठन सेक्स वर्कर एंड अलाइस साउथ एशिया यानी स्वास के जरिए सेक्स वर्कर्स के अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ती हैं।

……………………………..

नेपाल से ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए

राजशाही सपोर्टर बोले- राजा के लिए मरेंगे या मार डालेंगे

नेपाल में राजशाही वापस लाने के लिए राजधानी काठमांडू में आंदोलन चल रहा है। प्रोटेस्ट में शामिल होने के लिए गोविंद पांडे पश्चिमी नेपाल से आए हैं। वे कहते हैं, ‘हमें नेपाल में फिर से राजा का शासन चाहिए। इसके लिए मरने और मारने के लिए भी तैयार हैं।’ 54 साल के दुर्गा प्रसाई राजशाही के समर्थन में चल रहे आंदोलन को लीड कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…

‘मोदी-योगी चाहें तो हिंदू राष्ट्र बन सकता है नेपाल’

नेपाल की राजधानी काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर के सामने बाबा गंगादास अक्सर बैठे मिल जाते हैं। वे कहते हैं, ‘राजा भी यही सोचते हैं कि नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। फिर सब ठीक हो जाएगा। अभी देश में धर्म की हानि हो रही है। हिंदू राष्ट्र के लिए राजा का आना जरूरी है। मोदी और योगी चाहें तो हिंदू राष्ट्र बनाने में हमारी मदद हो सकती है।’ पढ़िए पूरी खबर…



Source link

Loading

अन्य खबरे

Azamgarh administration became active to stop the sacrifice of banned animals | प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी रोकने एक्टिव हुआ आजमगढ़ प्रशासन: एक दिन पूर्व दो पक्षों के बीच में सांप्रदायिक विवाद के बाद जिला प्रशासन ने किया दौरा दिए गए निर्देश – Azamgarh News

गोल्ड एंड सिल्वर

Our Visitors

1895207
Total Visitors
error: Content is protected !!