अरविंद सिंह नायक(नारद संवाद न्यूज़ एजेंसी)
मंत्री की फटकार पर गिड़गिड़ाये थे अधीक्षक सौरभ शुक्ला,,,, लेकिन अभी तक नहीं हुआ स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव***
सीएमओ और अधीक्षक का नही उठता फोन- राम भरोसे चल रहे सरकारी अस्पताल*****
बाराबंकी- जिले में आला अधिकारियों को सरकारी मोबाइल नंबर देने के साथ-साथ मोबाइल भत्ता भी दिया जाता है लेकिन यहां कुछ विभाग ऐसे हैं कि जिन में सरकारी कर्मचारी अपने नंबर को नॉट रीचेबल या फिर स्विच ऑफ कर अपनी सरकारी सेवाओं का इंजॉय कर रहे हैं। दरअसल न्यूज़ एजेंसी द्वारा चलाए जा रहे हैं रियलिटी चेक में पिछले तीन दिनों में सुबेहा के पीएचसी पर तैनात सभी डॉक्टर फार्मासिस्ट सहित वार्ड बाय नदारद मिले है, एजेंसी द्वारा चलाये जा रहे रियलटी चेक में ड्यूटी पर निश्चय तैनात होना आवश्यक करता हैं वहीं समय से सरकारी अधिकारियों न पहुँचना भी अतिसंवेदनशील है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अनुपस्थित डॉक्टर फार्मासिस्ट व कर्मचारियों के मामले की जानकारी करने के लिए हैदरगढ़ अधीक्षक सौरभ शुक्ला को को कॉल किया गया लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा तो वही बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अवधेश कुमार यादव का सरकारी सीयूजी नंबर नोट रीचेबल गया। अब सवाल यही पर खड़ा होता है कि जिले के सक्षम और उच्च अधिकारियों के पास जानकारी या शिकायत करने के लिए जनता पत्रकार या फिर जनप्रतिनिधि फोन करें और संपर्क ना हो तो जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में सरकारी अफसर कितना आनंद ले रहे हैं इसका अंदाजा खुद लगा सकते हैं न्यूज़ एजेंसी के रियलिटी चेक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर बेड पर कुत्ता सोता हुआ मिला, जबकि तैनात कर्मचारी सुबह 11:00 तक अपने कार्य स्थल पर नहीं पहुंचे थे।यही वह वजह है कि यहां आने वाले मरीजों को काफी इंतजार ही नहीं बल्कि बिना दवाई के वापस जाना पड़ता है,. यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के बारे में आम जनमानस को सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए जागरूक कर रहे हैं लेकिन बाराबंकी में जीरो टॉलरेंस वाली सरकार को टारगेट कर लगातार स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी खिलवाड़ कर रहे हैं
जहां इलाज के दौरान एक मरीज को लेटना चाहिए वहां सरकारी अस्पतालों में कुत्ते लेटने लगे हैं लगभव एक माह पूर्व प्रभारी मंत्री सुरेश राही ने हैदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का आवश्यक निरीक्षण किया था जहां इमरजेंसी में शौचालय की व्यवस्था पर मंत्री ने अधीक्षक को फटकार लगाई थी मौके पर अपनी गर्दन बचाने के लिए अधीक्षक सौरभ शुक्ला गिड़गिड़ाने लगे थे, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य सेवाओं में कोई खास बदलाव नहीं देखने को मिला है