एडिटर के के शुक्ल ,नारद संवाद एजेंसी
रामनगर बाराबंकी। रामनगर तहसीलके मसौली थाना क्षेत्र के ग्राम मलौली गांव में बीती रात एक निजी चिकित्सक सत्येंद्र कुमार (23) की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतक फार्मेसिस्ट की क्लिनिक पर अचानक पहुंचे अज्ञात हमलावरों ने पहले उसे बाहर बुलवाया और फिर दौड़ा-दौड़ाकर इतना पीटा कि उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घायल अवस्था में जब पुलिस मौके पर पहुंची और सत्येंद्र को अस्पताल ले जाया गया, तब डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, अपर पुलिस अधीक्षक विकास त्रिपाठी और क्षेत्राधिकारी गरिमा पंत ने मौके का मुआयना किया। मसौली पुलिस ने जांच तेज करते हुए करीब एक दर्जन से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।पुलिस को मृतक के पिता गंगाप्रसाद की ओर से दी गई तहरीर में साफ तौर पर पारिवारिक जमीनी विवाद का जिक्र किया गया है। गंगाप्रसाद ने अपने ही परिवार के चचेरे भाइयों लाल बहादुर, नंद किशोर, संतलाल और उनके पुत्रों अर्पित उर्फ कल्लू, विनय, प्रदम समेत नायरा नामक पूर्व नर्स, और उसके परिचित आकाश यादव व विवेक यादव पर साजिशन हत्या का आरोप लगाया है।
करीब दो माह पहले भी मृतक के पिता द्वारा लगाए गए यूकल्पटिस के पेड़ों को काटने और जान से मारने की धमकी देने की घटना घट चुकी थी, जिससे यह साफ है कि मृतक और आरोपितों के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ था।
नौकरी छोड़ने वाली नर्स ने खोला खुद का क्लिनिक, महबूबों की आवाजाही से बढ़ा तनाव—क्या यही बना हत्या की वजह?
फार्मेसिस्ट सत्येंद्र कुमार की हत्या के पीछे केवल पारिवारिक रंजिश ही नहीं, बल्कि एक निजी विवाद और पेशेवर प्रतिस्पर्धा भी बड़ी वजह बनकर सामने आ रही है। मलौली गांव स्थित क्लिनिक में कुछ समय पूर्व तक काम करने वाली नायरा नामक युवती ने 15 दिन के अंदर ही सत्येंद्र की क्लिनिक छोड़ दी थी और उसी इलाके में खुद की क्लिनिक खोल ली।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नायरा से मिलने के लिए अक्सर विवेक यादव और आकाश यादव आया करते थे, जिससे सत्येंद्र नाखुश थे। इस कारण क्लिनिक में माहौल तनावपूर्ण हो गया और नायरा ने नौकरी छोड़ दी। माना जा रहा है कि क्लिनिक छोड़ने के बाद बने हालात और निजी रिश्तों में आई दरार के चलते सत्येंद्र के कई लोगों से संबंध बिगड़ गए थे।इसी बीच अचानक सत्येंद्र की हत्या ने पूरे गांव में सनसनी फैला दी है। हमलावरों ने उसे न सिर्फ बेरहमी से पीटा बल्कि उसे बचाने की कोशिश करने वाले दिव्यांग विवेक नाग उर्फ बेल को भी नहीं बख्शा।
पुलिस अब हत्या की तह तक जाने के लिए क्लिनिक में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है और हर पहलू पर बारीकी से जांच की जा रही है—चाहे वह जमीन का विवाद हो या “महबूब क्यों गए” जैसी निजी असहमति का कोण।अपर पुलिस अधीक्षक बाराबंकी उत्तरी विकास चंद्र त्रिपाठी
ने बताया जांच पड़ताल की जा रही जल्द ही हत्या का खुलासा किया जाएगा।