‘मैं पाकिस्तान की बेटी थी, लेकिन अब बहू भारत की हूं। मैं पाकिस्तान नहीं जाना चाहती, इसलिए मुझे यहीं रहने दिया जाए। मैं सचिन की शरण में हूं और इनकी अमानत हूं।‘
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पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानियों को वापस उनके देश भेजा जा रहा है। तब दो साल से भारत में रह रही सीमा हैदर ने इंस्टाग्राम पर ये वीडियो शेयर कर अपने लिए रियायत मांगी है। नेपाल के रास्ते अवैध तरीके से भारत आई पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर फिलहाल ग्रेटर नोएडा में रह रही है। प्रेमी सचिन मीणा से शादी करने के बाद वह सीमा सचिन मीणा बन चुकी है।
पाकिस्तानियों को डिपोर्ट किए जाने के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि सीमा हैदर का क्या होगा। क्या उसे भी सरकार पाकिस्तान भेजेगी। हालांकि सीमा के वकील एपी सिंह का दावा है कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानियों की जो लिस्ट बनी है, उसमें सीमा का नाम नहीं है। डेढ़ महीने पहले भारत में पैदा हुई सीमा की बेटी उसके लिए सुरक्षा कवच है।
सोर्सेज की मानें तो ये लिस्ट अंतिम नहीं है। लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे लोगों की भी कैटेगरी बनेगी और फैसला लिया जाएगा कि कौन यहां रहेगा और कौन वापस जाएगा। दैनिक भास्कर ने एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) के सोर्सेज से सीमा हैदर के केस का अपडेट लिया। साथ ही उसके वकील से भी समझने की कोशिश की कि पाकिस्तानियों को वापस भेजने के आदेश से वो बच कैसे गई।

सीमा हैदर ने ये वीडियो जारी कर PM मोदी और यूपी के CM योगी से गुजारिश की थी कि उसे पाकिस्तान वापस न भेजा जाए।
सीमा हैदर का केस अलग, ATS के पास सारे कागजात: वकील सीमा हैदर के वकील एपी सिंह ने हमें वे 3 कारण बताए, जिनकी वजह से सीमा हैदर को वापस पाकिस्तान नहीं भेजा गया।
1. सीमा यहां वीजा लेकर नहीं आई। वो जब आई तो उसकी जांच हुई और वो गिरफ्तार भी हुई। अब भी जांच चल रही है। उसके लिए सरकार और जांच एजेंसियों ने जो गाइडलाइन बनाई है, वो उसका पालन कर रही है। इसलिए पहलगाम हमले के बाद बनी उस लिस्ट में वो शामिल नहीं की गई, जिन्हें पाकिस्तान भेजा जाना था।
2. दूसरा और सबसे अहम कवच उसका परिवार बना। उसके पति और ससुराल वाले सभी लोग भारतीय हैं। सबसे बड़ा कवच उसकी पांचवीं संतान यानी डेढ़ महीने पहले भारत में पैदा हुई उसकी बेटी है। हमारे कानून में सामान्य दशा में मां को बच्ची से अलग करने की प्रक्रिया नहीं है। वकील एपी सिंह का दावा है कि नेचुरलाइजेशन के नियम के आधार पर बच्ची जन्म के साथ भारतीय नागरिक है।

ये तस्वीर सीमा हैदर की बेटी के वेलकम के वक्त की है, जब वो बेटी भारती को अस्पताल से लेकर घर पहुंची थी।
हालांकि दैनिक भास्कर इन दावों को कन्फर्म नहीं करता है। भारतीय नागरिकता एक्ट के तहत भारत में पैदा होने वाले बच्चे को भारतीय नागरिक मान लिया जाता है, लेकिन उसके लिए भी कुछ शर्तें हैं। जैसे:
- बच्चे के जन्म के समय उसके माता-पिता भारतीय नागरिक हों
- पेरेंट्स की शादी वैलिड होनी चाहिए।
- पेरेंट्स भारत में वैलिड वीजा या ऑफिशियल डॉक्यूमेंट के साथ आए हों।
सीमा हैदर के केस में सचिन भारतीय नागरिक है, लेकिन एक शर्त पूरी नहीं हो रही। सीमा भारत में अवैध तरीके से दाखिल हुई थी और यही बच्चे की नागरिकता में रोड़ा बनेगी।
3. एपी सिंह के मुताबिक, सीमा हैदर ने यहां के तौर-तरीके से शादी की और हिंदू धर्म अपनाया। वो अब खुद को सीमा हैदर नहीं, बल्कि सीमा सचिन मीणा कहती है।
तो क्या सीमा अब पूरी तरह से सुरक्षित है। वो अब भारत में ही रहेगी? इसके जवाब में एडवोकेट एपी सिंह कहते हैं, ‘देखिए मैं बस इतना जानता हूं कि सीमा ने भारत के धर्म और संस्कृति को अपना लिया है।’

‘सीमा अपने मोहल्ले रबूपुरा, ठकुरान से कभी बाहर नहीं गई’ एपी सिंह बताते हैं, ‘सीमा भारत में रहते हुए सरकार और जांच एजेंसी की हर शर्त मान रही है। उसे रबूपुरा से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। सीमा दो साल में अपने मोहल्ले ठकुरान से भी बाहर नहीं निकली। अस्पताल से घर और घर से अस्पताल यही सीमा का दायरा है।’

सरकार और जांच एजेंसियों को पता है कि सीमा हर शर्त मान रही है। इसलिए उस पर किसी तरह की अतिरिक्त कार्रवाई की जरूरत नहीं है।
एपी सिंह ने जिस नेचुरलाइजेशन कानून का जिक्र किया, वो क्या है? भारत के नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत विदेशी नागरिक कुछ शर्तों को पूरा करने पर नेचुरलाइजेशन के जरिए भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। फिलहाल सीमा का भारतीय मूल का ससुराल और डेढ़ महीने पहले पैदा हुई उसकी बेटी इस नेचुरलाइजेशन प्रक्रिया की शुरुआत है।
अब वो शर्तें समझें, जो नागरिकता अधिनियम के तहत नेचुरलाइजेशन के लिए जरूरी हैं…

हालांकि आखिरी शर्त पर सीमा खरी नहीं उतरती। बाकी कुछ शर्तों के मुताबिक, सीमा की हिंदुस्तानी बेटी और उसका परिवार भविष्य में उसके लिए भारतीय नागरिकता पाने का मजबूत जरिया बन सकता है।
इस पूरी प्रक्रिया के लिए गृह मंत्रालय को आवेदन करना होता है और फैसला सरकार की मंजूरी के अधीन है।
सीमा को अब तक नहीं मिली क्लीन चिट, पाकिस्तान बन रहा रोड़ा सीमा के केस के अपडेट को लेकर हमने ATS में अपने सोर्सेज से भी बात की। दरअसल, सीमा के केस की जांच अब ATS के पास है। सोर्स के मुताबिक, ‘सीमा को अब तक जांच एजेंसी से क्लीन चिट नहीं मिली है क्योंकि पाकिस्तान ने उसके डाक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन नहीं किया है। हालांकि भारत की होम मिनिस्ट्री से कई बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है, लेकिन पाकिस्तान का जवाब नहीं आ रहा। नेपाल से वेरिफिकेशन हो चुका है।’
वेरिफिकेशन में अभी कितना वक्त और लगेगा? सोर्स ने बताया, ‘इसकी कोई समय सीमा नहीं है क्योंकि वेरिफिकेशन दूसरे देश को करना है। पाकिस्तान वैसे भी ऐसे मामलों को लटकाता है।’
फिर क्या अब तक ये तय नहीं हुआ कि सीमा ने शादी करने का जो मकसद बताया, उसी के लिए वो भारत आई या फिर वो जासूस है? सोर्स बताते हैं, ‘जब तक जांच नहीं हो जाती, तब तक हम उसे किसी एक ब्रेकेट में नहीं डाल सकते। जांच रिपोर्ट तभी बनेगी, जब पाकिस्तान उसके डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई करेगा।’

पहलगाम हमले के बाद क्या सीमा को भी पाकिस्तान भेजने या न भेजने पर कोई चर्चा हुई? जवाब मिला, ‘इस पर चर्चा तो हुई थी, लेकिन सीमा उस दायरे में नहीं आती, जिनके लिए सरकार ने आदेश जारी किया था। उसके सारे डॉक्यूमेंट्स हमारे पास हैं। उसकी हर एक्टिविटी पर हमारी नजर है। वो सरकार और हमारी शर्तें मानकर यहां रह रही है।’
सीमा की बेटी अब हिंदुस्तानी है तो क्या अब वो पूरी तरह से सेफ जोन में है। यानी अब उसे भविष्य में भारतीय नागरिकता मिल ही जाएगी? जवाब मिला, ‘सिटिजनशिप देना या न देना हमारा काम नहीं है। ये सरकार का काम है।’

हालांकि बच्चे की नागरिकता से ज्यादा अहम जांच रिपोर्ट होगी। उसमें जो भी सामने आएगा, उसके आधार पर सरकार फैसला लेगी।
एक्सपर्ट बोले- नाजायज तरीके से आने वाला कोई भी देश के लिए खतरा सीमा हैदर को लेकर यूपी के पूर्व DGP विक्रम सिंह कहते हैं, ‘जो इस देश में नाजायज तरीके से रह रहा है, वो इस देश के लिए खतरा है। चाहे बांग्लादेशी हो या पाकिस्तानी हो। सीमा को क्यों नहीं डिपोर्ट किया गया, शायद सरकार की कोई नीति होगी। मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। सीमा हैदर जायज तरीके से तो भारत नहीं आई है। उसे भी यहां रहने का हक नहीं है।’
भारत में पहली बार पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट करने की प्रोसेस शुरू हुई, उसमें तो वो बच गई। तो क्या अब आगे भी वो सुरक्षित है? ‘नहीं सुरक्षित कैसे, ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जब कई-कई साल बाद लोगों को डिपोर्ट किया गया है। भारत सरकार को न सिर्फ सीमा बल्कि नाजायज तरह से रह रहे हर व्यक्ति को डिपोर्ट करना चाहिए।’

पहलगाम हमले के बाद भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को वापस भेजने का आदेश जारी किया गया, लेकिन सीमा हैदर बच गई। एडवोकेट एपी सिंह का कहना है कि उसके सारे डॉक्यूमेंट ATS के पास हैं। अभी जांच पूरी नहीं हुई है, क्या जांच में इतना वक्त लगता है?
जवाब में बिहार के पूर्व DGP अभयानंद कहते हैं, ‘जांच की बात समझनी है तो अपने ही देश की अदालतों में 50-50 साल से कई मुकदमे पड़े हैं। जांच पूरी नहीं हुई ट्रायल खत्म ही नहीं हुआ। कुछ का खत्म हुआ, लेकिन सजा नहीं सुनाई गई। ये तो इंटरनेशनल केस है। हमारी अदालतें और जांच एजेंसियां हमारे कंट्रोल में हैं, लेकिन इंटरनेशनल मामले हमारे कंट्रोल में नहीं हैं।’
वे आगे कहते हैं, ‘सीमा हैदर का मामला सामान्य नहीं है। डिपोर्ट उन्हें करते हैं, जो स्पष्ट तौर पर किसी एक देश के नागरिक हों। यहां तो उसके खिलाफ जांच चल रही है। अगर मान लीजिए भारत ने डिपोर्ट किया और पाकिस्तान ने नहीं लिया।’

डेढ़ महीने पहले सीमा ने बेटी को दिया जन्म डेढ़ महीने पहले सीमा ने बेटी को जन्म दिया। बेटी का नाम उसने भारती मीणा रखा है। सीमा के पहले पति गुलाम हैदर से 4 बच्चे थे। उन सबकी नागरिकता पाकिस्तान की है। एडवोकेट एपी सिंह के मुताबिक, सीमा के बाकी 4 बच्चों की नागरिकता पर उनके वयस्क होने यानी 18 साल के होने पर सवाल उठेंगे। तब की तब देखी जाएगी। अभी तो सीमा के लिए उसकी बेटी भारती और परिवार सुरक्षा कवच है।

पाकिस्तान से भारत आने की सीमा हैदर की पूरी कहानी 2019 में सीमा हैदर PUBG गेम के जरिए सचिन मीणा के कॉन्टैक्ट में आई थी। दोनों के बीच अफेयर हुआ और 10 मार्च को वे नेपाल में मिले। सीमा ने दावा किया कि दोनों ने नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में शादी भी की। उसके बाद दोनों अपने-अपने देश लौट गए।
फिर 10 मई, 2023 को सीमा अपने 4 बच्चों के साथ दोबारा नेपाल के पोखरा पहुंची और 13 मई को वहां से बस के जरिए भारत आई। सचिन उसे और चारों बच्चों को अपने गांव रबूपुरा ले गया, यहां सब 5 दिन रहे। 30 जून को दोनों बुलंदशहर में कोर्ट मैरिज करने पहुंचे। यहां वकील ने पाकिस्तानी ID कार्ड देखकर पुलिस को इसकी जानकारी दी।
3 जुलाई, 2023 को हरियाणा के बल्लभगढ़ से सीमा-सचिन को अरेस्ट कर लिया गया। अभी दोनों कोर्ट से जमानत पर रिहा हैं। एटीएस जांच कर रही है। अभी जांच एजेंसी से सीमा को क्लीन चिट नहीं मिली है।
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पहलगाम हमले से जुड़ी ये रिपोर्ट भी पढ़िए…
पाकिस्तानी बोले- हम खुश नहीं, खुद आतंकवाद झेल रहे

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के रहने वाले ताहिर नईम अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार हैं। वे मानते हैं कि भारत से रिश्ते खराब होने का पाकिस्तान पर बुरा असर होगा। वे कहते हैं कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद झेल रहा है। पहलगाम हमले से पाकिस्तानी भी खुश नहीं हैं। पढ़िए पूरी खबर…