इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी दुद्धी पार्थ राज सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं होने के कारण उनसे वसूली गई राशि आठ प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने का निर्देश दिया है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की एकलपीठ ने पार्थ राज सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
सोनभद्र के दुद्धी थाने में याची के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज है। आरोप है कि गांव में सीमेंट की कुर्सी लगवाने के लिए आवंटित धन का घपला किया। विभागीय जांच के दौरान डीपीआरओ के आदेश से उससे 2 लाख 67 हजार रूपये की वसूली की गई। किंतु विभागीय जांच में बरी हो गया तो वसूली राशि वापस करने की मांग की।
याची अधिवक्ता ने कहा कि याची विभागीय जांच में बरी हो गया है। इसलिए वह वसूली राशि ब्याज सहित पाने का हकदार है।
अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने भी कहा कि जांच में याची के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके हैं। इस पर कोर्ट ने 7 अप्रैल, 2022 के वेतन से वसूली आदेश को रद्द कर दिया और वसूली गई 2,67,000 रुपये की राशि तुरंत वापस करने का निर्देश दिया।