उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने आज 10 वीं व 12 वीं का रिजल्ट जारी कर दिया। इसमें महर्षि दयानंद विद्यापीठ इंटर कॉलेज के अनस खान ने कक्षा 10 में जिले को टॉप किया है। अनस पर पहले से ही प्रधानाचार्य और शिक्षकों को भरोसा था। रिजल्ट आने के बाद अनस की
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अपने पिता व शिक्षिका अनुराधा के साथ दसवीं का जिला टॉपर अनस।
मुझे विश्वास नहीं हो रहा जिला टॉप किया
अनस खान ने बताया कि मैं गाजियाबाद के रसूलपुर में नंदका गढ़ी का रहने वाला है। पिता सगीर खान दुकानदार हैं। जिनका अपना राशन का काम है। अनस का बड़ा भाई यूपी पुलिस में दरोगा हैं। अनस ने बताया कि मैं 5 से 6 घंटे पढ़ाई करता था। कई बार पिता के साथ दुकान का काम भी दिखवाता था। सुबह 4 बजे उठकर 6 बजे तक पढ़ाई करता था। उसके बाद रात में 7 बजे से 10 बजे तक नियमित पढ़ता। अनस ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने जिला टॉप किया है।

महर्षि दयानंद विद्यापीठ इंटर कॉलेज में खुशी मनातीं छात्राएं।
पिता कहते थे पढ़ लेगा तो कुछ बन जाएगा
अनस खान का कहना है कि पिता हमेशा यही कहते थे कि बेटा यह जीवन दोबारा नहीं मिलेगा। हम तो मजदूर जैसे आदमी हैं। पढ़ लेगा तो कुछ बन जाएगा। नहीं पढ़ेगा तो यहीं पर रहना होगा। पिता ने कभी पढ़ने के लिए दबाव नहीं डाला। सुबह कई बार वह उठते थे तो मैं चेयर पर बैठकर पढ़ाई करने लगता था। आज परिवार में बहुत खुशी है। सभी कॉल करके बधाई दे रहे हैं।
भविष्य में जज बनना चाहता हूं
अनस ने कहा कि इस सफलता में स्कूल की प्रधानाचार्य मेम सीमा सेठी और सभी शिक्षकों का योगदान भी है। अनुराधा मेम हमेशा ही कहतीं थी कि अनस पर पूरे स्कूल को भरोसा है, कि वह स्कूल टॉप नहीं बल्कि बड़ा नाम कमाएगा। अंग्रेजी और मेथ में पेपर टफ रहे। नहीं तो और भी अधिक मार्क्स आते। भविष्य के बारे में बताया कि मैं जज बनना चाहता हूं। क्लास में मैंने कभी यह नहीं समझा कि मैं पढ़ने में सबसे ज्यादा आगे हूं।

अनस खान।
स्कूल के लिए गर्व की बात
महर्षि दयानंद विद्यापीठ इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य सीमा सेठी ने बताया कि यह बड़े गर्व की बात है। कि पूर जिले में स्कूल के छात्र अनस ने जिला टॉप किया है। हमेशा ही स्कूल में शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपना पूरा योगदान देने का प्रयास किया है। यूपी बोर्ड के बच्चे आज भी पीछे नहीं हैं। पिछले 5 सालों में स्कूल में शिक्षा के स्तर पर बहुत कुछ काम करने का मौका मिला है। रिजल्ट में यह सामने भी आया है। इसमें सभी शिक्षकों का भी योगदान है।