आजमगढ़ में उपभोक्ता फोरम ने सुनाया फैसला।
आजमगढ़ में हॉस्पिटल को खराब वेंटिलेटर बेचने पर जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने कंपनी पर 12 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है।इस मामले में जुनेदगंज बाईपास पर स्थित चिरायु हॉस्पिटल की प्रोपाइटर संध्या सिंह पत्नी डीबी सिंह निवासिनी लक्षिरामपुर थाना- कोतवाली न
.
परिवादिनी ने जेन वर्क्स हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर से वेंटीलेटर 11,00,000/- (11 लाख रुपए मात्र) खरीदा। तय शर्त के मुताबिक संध्या सिंह ने 26अप्रैल .2020 को मु0 11,00,000/-(ग्यारह लाख रुपए मात्र) वेंटीलेटर की कीमत अपने एक डॉक्टर मित्र के खाता से बंग्लौर स्थित विपक्षी के खाता में ऑनलाइन ट्रान्सफर कर दिया। परिवादिनी ने विपक्षी को उक्त धनराशि बैंक ऑफ इण्डिया शाखा- रैदोपुर से 12% ब्याज पर कर्ज लेकर अदा किया है। विपक्षी द्वारा परिवादिनी को जीवनरक्षक प्रणाली (वेन्टीलेटर) उपलब्ध कराया गया। किन्तु उक्त जीवनरक्षक प्रणाली में तकनीकी त्रुटि होने की वजह से कार्य नहीं किया।
जिसकी शिकायत पीड़िता द्वारा विपक्षी कंपनी से की गयी तो विपक्षी द्वारा जल्द ही इंजीनियर को भेजकर तकनीकि त्रुटि को सही कराने का वादा किया गया। किन्तु विपक्षी द्वारा भेजा गया इंजीनियर तकनीकी त्रुटि को ठीक नहीं कर पाया। जिसकी वजह से जीवनरक्षक प्रणाली कार्य नहीं की।
सात बार की शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान
उक्त प्रकरण की शिकायत परिवादिनी द्वारा 14 अप्रैल, 2021 से लगायत 8 अप्रैल, 2022 तक कुल 7 से अधिक बार ऑनलाइन क्लेम किया जाता रहा। इसके बावजूद विपक्षी कंपनी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।
विपक्षी को पर्याप्त अवसर दिए जाने के बाद भी लिखित कथन प्रस्तुत करने में असफल रहने के कारण दिनांक 15.जुलाई 2024 को विपक्षी के विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गई। इस मामले में सुनवाई करने के बाद जिला उपभोक्ता प्रदोष आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश कुमार तथा सदस्य प्रतिष्ठा वर्मा ने पाया कि विपक्षी कंपनी ने सेवा में कमी की है। और पीड़िता संध्या सिंह के साथ उचित व्यवहार नहीं किया है।
अदालत ने विपक्षी कंपनी को आदेशित किया कि वह परिवादिनी को बेचे गए त्रुटिपूर्ण वेन्टीलेटर को वापस लेकर उसकी कीमत धनराशि 11,00,000/- (रुपए ग्यारह लाख मात्र) परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 18.01.2023 से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% साधारण वार्षिक ब्याज की दर से अन्दर 30 (तीस) दिन परिवादिनी को अदा करे एवं परिवादिनी को हुए चिकित्सीय व्यावसायिक क्षति के लिए धनराशि 1,00,000/- (रुपए एक लाख मात्र) तथा वाद व्यय हेतु धनराशि 5,000/- (रुपए पांच हजार मात्र) भी परिवादिनी को अदा करे।